16 महीने बाद . गया के एडीजे कोर्ट ने चार मिनट में सुनाया फैसला
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गया रोडरेज केस में एमएलसी का बेटा राॅकी यादव दोषी करार
16 महीने बाद . गया के एडीजे कोर्ट ने चार मिनट में सुनाया फैसला गया : बहुचर्चित गया के आदित्य सचदेवा हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त जदयू एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे राॅकी यादव समेत चार लोगों को जिला न्यायालय में एडीजे एक सच्चिदानंद सिंह की अदालत ने गुरुवार को दोषी करार दिया. सभी अभियुक्तों की […]
गया : बहुचर्चित गया के आदित्य सचदेवा हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त जदयू एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे राॅकी यादव समेत चार लोगों को जिला न्यायालय में एडीजे एक सच्चिदानंद सिंह की अदालत ने गुरुवार को दोषी करार दिया. सभी अभियुक्तों की सजा पर छह सितंबर को सुनवाई होगी. घटना के बाद जदयू ने मनोरमा देवी को पार्टी से िनलंबित कर िदया था. अदालत ने राॅकी यादव व टेनी यादव को आइपीसी की धारा 302, 323, 34, 427, 27, 30, एमएलसी के बाॅडीगार्ड राजेश कुमार उर्फ रामलखन को धारा 217, 302, 323, 34, 427, 27, 30 व रॉकी के पिता बिंदेश्वरी प्रसाद यादव उर्फ बिंदी यादव के खिलाफ धारा 212 व 177 के तहत दोषी ठहराया है.
गुरुवार की दोपहर बाद करीब 3:25 बजे पर चारों को अदालत में पेश किया गया. महज चार मिनट के भीतर अदालत ने अपना फैसला दे दिया. सजा के बिंदु पर छह सितंबर को सुनवाई होगी. इसके बाद सभी अभियुक्तों को पुलिस हिरासत में लेकर बख्तरबंद गाड़ी में पुलिस संरक्षण में जेल भेज दिया गया. दोषी करार दिये जाने के बाद राॅकी यादव की आंखों में आंसू आ गये और बाकी अभियुक्तों के भी सिर झुक गये. इधर, राॅकी के वकील सत्यनारायण सिंह व उनके
गया रोडरेज केस में…
सहयोगियों ने हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही.
रोडरेज में हुई थी आदित्य की हत्या
आदित्य सचदेवा की हत्या रोडरेज में हुई थी. सात मई, 2016 शनिवार की शाम इंटर का छात्र आदित्य सचदेवा अपने दोस्त अभिषेक की बर्थडे पार्टी में शामिल होने के लिए निकला. दोस्त के घर पार्टी के बाद आदित्य के ही एक मित्र नासिर ने बोधगया जाने का प्रस्ताव रखा. नासिर को बोधगया में कुछ काम भी था. आदित्य व उसके दोस्त नासिर की ही कार से बोधगया के लिए रवाना हो गये. इस कार में कैफी, अंकित व आयुष भी सवार थे. नासिर का एक होटल बोधगया में तैयार हो रहा था, उसे वहां कुछ पैसों का हिसाब-किताब करना था. कंस्ट्रक्शन साइट पर पहुंचने के बाद सभी कुछ देर रुके, फिर चल पड़े.
गया लौटने के दौरान ओटीए के पास कार पहुंची, तो कार के आगे एक रेंज रोवर कार दिखी. नासिर ने उसे ओवरटेेक किया और आगे निकल गया. गाड़ी सिकरिया मोड़ के पास पहुंची, तो नासिर ने पुलिस लाइन रोड पकड़ा. इसी सड़क पर अचानक पीछे से आ रही उसी रेंज रोवर ने उसे ओवरटेक किया और कार को रोकने की कोशिश की. इस दौरान रेंज रोवर में किसी ने हाथ निकाल कर हवा में फायरिंग की. इसके बाद रेंज रोवर उसकी कार के सामने खड़ी हो गयी. इसमें सवार लोग नासिर की कार के पास आये और खिड़की का शीशा नीचे करवाया. इन लोगों ने पूछा कि उनकी गाड़ी को साइड क्यों नहीं दी. पूछने के दौरान उनमें एक ने नासिर के मुंह पर घूंसा मारा. इसमें नासिर की नाक से खून बहने लगा. आगे की सीट पर बायीं ओर बैठे कैफी ने माफी भी मांगी,
लेकिन वे नहीं मान रहे थे. इससे घबराए नासिर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी. गाड़ी थोड़ी सी आगे बढ़ी थी कि किसी ने पीछे से गोली चला दी. गोली कार के पिछले शीशे को छेदती हुई पीछे की सीट पर बीच में बैठे आदित्य के सिर में जा लगी. आदित्य की दायीं तरफ अंकित और बायीं ओर आयुष बैठे थे. गोली लगते ही आदित्य आगे की ओर गिर गया. दोस्त समझ गये कि आदित्य को गोली लग गयी है. दोस्तों ने घटना की सूचना अपने घरों में दी और गाड़ी लेकर मगध मेडिकल काॅलेज अस्पताल पहुंचे. मेडिकल काॅलेज में पहुंचने तक आदित्य की मौत हो चुकी थी.
आदित्य के भाई ने राॅकी के खिलाफ दर्ज करायी थी एफआइआर
घटना के बाद रविवार को आदित्य के भाई आकाश सचदेवा ने इस मामले में रामपुर थाने में एफआइआर दर्ज करायी. उसने इस मामले में एमएलस मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव, बाॅडीगार्ड राजेश कुमार व एक अन्य को आरोपित बनाया. आकाश ने यह एफआइआर आदित्य के साथ रहे दोस्तों के बयान पर करवायी. हालांकि, आदित्य के परिवार ने पुलिस पर एफआइआर का विषय पांच बार बदलवाने का भी आरोप लगाया है. परिवार के लोगों का आरोप था कि पुलिस दबाव में ऐसा कर रही है.
छह सितंबर को सुनायी जायेगी सजा, अन्य तीन बिंदी यादव, राजेश कुमार व टेनी यादव भी गुनहगार
फैसला सुनते ही रॉकी यादव की आंखों से फूटे आंसू, अन्य अभियुक्तों के सिर भी झुके
आदित्य के माता और पिता ने कहा
गया. आदित्य सचदेवा हत्याकांड में गुरुवार को रॉकी समेत चार अभियुक्तों को दोषी करार दिये जाने के न्यायालय के फैसले का आदित्य के परिजनों ने न्यायपालिका की जीत बताया है. पिता श्याम सचदेवा व मां चांद सचदेवा ने कहा कि सरकार ने जो वादा उनसे किया था आज
आदित्य के माता और पिता…
वह इस फैसले के साथ पूरा हो गया है. उन्हें शुरू से ही न्यायपालिका पर भरोसा था. इस फैसल के आगे मैन व मनी पावर हार गया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से आदित्य को इंसाफ मिल गया है, पर वह लौट कर तो नहीं आनेवाला है. सात मई 2016 को जब आदित्य की हत्या की खबर हमें मिली थी, तो यह विश्वास करना हमलोगों के लिए आसान नहीं था. क्योंकि शाम पांच बजे ही वह घर से निकला था और सात बजे के आसपास उसकी हत्या हो गयी. हम सब पूरी तरह से टूट गये थे, समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें. हर दिन पहाड़ जैसा था. प्रेस, पुलिस के अलावा हर वर्ग के लोगों का घरों पर आना जाना लगा रहता था. कई बार ऐसे हालत भी बने, जब लगा कि क्या आम आदमी को इंसाफ मिल पायेगा. लेकिन, जब मीडिया व जिला प्रशासन का साथ मिला तो लगा कि हमें जरूर इंसाफ मिलेगा.
हां, आदित्य को इंसाफ तो मिला, पर वह लौट कर तो नहीं आनेवाला
हम केस नहीं लड़ना चाहते थे सब ऊपर वाले पर छोड़ रखा था
आदित्य के परिजनों ने बताया कि बच्चे को गंवाने के बाद हमारे लिए कुछ रह नहीं गया था. हमने भगवान के ऊपर सब कुछ छोड़ दिया था. इसके बाद आदित्य को न्याय दिलाने की मुहिम शुरू हुई
हम केस नहीं लड़ना चाहते…
जिसे मीडिया का काफी सपोर्ट मिला. इस बीच पुलिस के द्वारा आरोपितों की धर-पकड़ व सबूत इकट्ठा करने का काम शुरू हो चुका था. जस्टिस फॉर आदित्य मुहिम नेशनल इश्यू के तौर पर उभरा था. इसके बाद एक दिन हमें सूचना मिली की सीएम नीतीश कुमार हमारे घर आने वाले हैं. आखिरकार नीतीश कुमार घर आये और भरोसा दिलाया कि सरकार इस केस को लड़ेगी और उनके साथ न्याय होगा. उन्होंने मेरे हाथ में हाथ रख कर यह वादा किया था.
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