खेतीबाड़ी. दाे खाद विक्रेताआें के लाइसेंस रद्द, जांच टीम व उड़नदस्ते का होगा गठन
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खाद काे लेकर सख्ती, पर किसानाें काे राहत नहीं
खेतीबाड़ी. दाे खाद विक्रेताआें के लाइसेंस रद्द, जांच टीम व उड़नदस्ते का होगा गठन निर्धारित दर से अधिक पर खाद नहीं बेचने की सख्त हिदायत गया : जिले में चार दिनाें से हाे रही बारिश के बाद धान की राेपनी की स्थिति अच्छी हुई है. जुलाई महीने में आवश्यकता से अधिक बारिश हाे गयी है. […]
निर्धारित दर से अधिक पर खाद नहीं बेचने की सख्त हिदायत
गया : जिले में चार दिनाें से हाे रही बारिश के बाद धान की राेपनी की स्थिति अच्छी हुई है. जुलाई महीने में आवश्यकता से अधिक बारिश हाे गयी है. ऐसे में किसान अपने खेताें में धनराेपनी के साथ खरीफ के अन्य फसलाें की बुआई में लग गये हैं. इसका असर यह हुआ है कि खाद, बीज व कीटनाशी विक्रेताआें की दुकानाें पर भी काफी भीड़ लगने लगी है. खाद की दुकानाें पर ताे कम, बीज की दुकानाें पर ज्यादा भीड़ लग रही है.
जैविक खाद के लिए किसानाें काे किया जा रहा जागरूक: कृषि पदाधिकारी व सलाहकार रासायनिक खाद की जगह अधिक से अधिक जैविक खाद को खेताें में डालने की नसीहत देने लगे हैं. ऐसे में किसान भी थाेड़े जागरूक हुए हैं. रबी फसल जैसे गेहूं की जड़ व उसके तने काे खेताें में सड़ने के लिए छाेड़ दिया जाता है. खेत में पटवन गेहूं की जड़ व उसके तने काे सड़ा दिया जाता है. घर, गांव के कचरे, गाेबर आदि खेताें में डाल कर जैविक खाद तैयार किया जाता है. फिर इसकी दाे-तीन जुताई कर खेत की मिट्टी में मिश्रित कर दिया जाता है. इससे खेत में कादाे खाद तैयार रहता है. इसमें धान के बिचड़े राेपे जाने से पाैधे तेजी से बढ़ते हैं.
जिले में 26 प्रतिशत धान की राेपनी पूरी: जिले में जुलाई महीने में मंगलवार तक 351.6 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि इस माह 294.5 मिलीमीटर बारिश की आवश्यकता थी. अभी महीना समाप्त हाेने में छह दिन बाकी है. अब तक जिले में 39,625 हेक्टेयर भूमि पर धान के बिचड़े लगाये जा चुके हैं, जो 25.90 प्रतिशत है. गाैरतलब है कि जिले में एक लाख 53 हजार हेक्टेयर जमीन पर धान की राेपनी का लक्ष्य निर्धारित है. अब जब लक्ष्य के विपरीत चाैथाई जमीन पर धान के बिचड़े लगाये जा चुके हैं, ऐसे में खाद (उर्वरक) की खास जरूरत हाेगी. अब किसान इसके लिए खाद दुकानाें पर दाैड़ लगाने लगे हैं.
जिले में खाद की किल्लत नहीं: जिला कृषि विभाग, इफकाे व विस्काेमान के जिले में उपलब्ध उर्वरक काे जाेड़ दिया जाये ताे आवश्यकता अनुसार माैजूद है. ऐसे में कालाबाजारी की संभावना नहीं है. लेकिन, अधिक दाम पर बेचे जाने की शिकायतें विभाग काे मिलने लगी है. इसके लिए विभाग सतर्क, सावधान है.
मगध प्रमंडल के आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव व डीएम कुमार रवि ने जिला कृषि पदाधिकारी काे सख्त हिदायत दे रखी है कि किसी भी तरह से कालाबाजारी व अधिक दाम पर खाद बेचने की सूचना मिले, ताे इसकी जांच कराकर सही पाये जाने पर विक्रेता पर प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ उसके लाइसेंस काे निलंबित व रद्द करने की कार्रवाई की जाये. जिला कृषि पदाधिकारी (डीएआे) के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमआेपी व एसएसपी सभी तरह के खाद काे मिलाकर जिले में 44,797 मीटरिक टन खाद की जरूरत है. इसमें अकेले यूरिया की आवश्यकता 33000 मीटरिक टन की है.
जिले में अब तक सभी खादाें की उपलब्धता 28,372 मीटरिक टन की है, जिसमें अकेले यूरिया खाद 15384.15 मीटरिक टन उपलब्ध है. जिले काे महज 16,425 मीटरिक टन आैर खाद की जरूरत है. डीएआे मनाेज कुमार ने बताया कि जल्द ही खाद से लदे गाड़ी का रैक आनेवाला है. उधर, इफकाे के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक विपिन बिहारी सिंह ने बताया कि यूरिया की जरूरत 8500 मीटरिक टन के विरूद्ध 4000 मीटरिक टन खाद उपलब्ध है. डीएपी व एनपीके की आवश्यकता 4000 मीटरिक टन के विरूद्ध 1500 मीटरिक टन खाद उपलब्ध है. उनकी गाड़ी भी जल्दी ही रैक प्वाइंट पर खड़ी हाेनेवाली है. विस्काेमान भी खाद का व्यापार करता है.
जिले में खाद-बीज के 912 लाइसेंसी दुकानें हैं. 18 थाेक विक्रेता हैं. जाे काेई भी खाद विक्रेता निर्धारित सरकारी दर से अधिक दाम पर फर्टिलाइजर (खाद) बेचेगा, उसकी खैरियत नहीं. किसी भी कीमत पर कालाबाजारी व दाम से अधिक पर बेचने की काेशिश करनेवाले बख्शे नहीं जायेंगे. पैक्साें की भी जांच की जायेगी. इसके जिले में अधिकारियाें की कई टीमें गठित की जा रही है, जाे खाद दुकानाें के उठाव, स्टॉक व सेल रजिस्टर के साथ गाेदाम की जांच करेगी. किसानाें से भी पूछताछ की जायेगी. इसके अलावा उड़नदस्ता दल भी गठित किया जायेगा,
जाे कभी भी कहीं भी अचानक आ धमकेगा. मानपुर में शिव ट्रेडर्स का लाइसेंस एक दिन पहले निलंबित कर दिया गया व मानपुर के ही मां गायत्री ट्रेडर्स के लाइसेंस रद्द कर दिये गये. शिव ट्रेडर्स ने अपनी दुकान पर सूचना पट्ट नहीं लगा रखा था. खाद की उपलब्धता व दर तालिका भी नहीं था, उनके पास काैन सा खाद है, इसकी भी काेई सूचना सार्वजनिक नहीं थी.
वहीं मां गायत्री ट्रेडर्स के पास भी उपराेक्त के अलावा उनका लाइसेंस भी नवीकरण नहीं किया हुआ था. दुकान का लाइसेंस 31 मार्च 2017 तक ही वैध था. नवीकरण नहीं करा बिजनेस करने के आराेप में लाइसेंस रद्द कर दिया गया. किसी भी सूरत पर काेताही नहीं बरती जायेगी. फर्टिलाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.
मनाेज कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी
खाद के विभिन्न प्रकारों के उचित मूल्य
यूरिया—प्रति बैग 295 रुपये
डीएपी—प्रति बैग 1076 से 1140 तक (विभिन्न कंपनियाें के अलग-अलग दाम)
एनपीके—1080 से 1100 तक (विभिन्न कंपनियाें के अलग-अलग दाम)
एमआेपी—प्रति बैग 577 से 580 तक (विभिन्न कंपनियाें के अलग-अलग दाम)
यूरिया, डीएपी व एमआेपी खाद उपलब्ध है. एनपीके फिलहाल उपलब्ध नहीं है. गया से माल लाने में ट्रांसपाेर्टिंग चार्ज प्रति बैग 17 रुपये व तीन रुपये अलग से लाेडिंग, अनलाेडिंग पाेलदारी चार्ज लगता है. इसकी वजह से निर्धारित दर से ज्यादा लेना पड़ता है. यूरिया 320, डीएपी 1120, एमआेपी 580 रुपये प्रति बैग बेच रहे हैं.
रविंद्र कुमार, खाद विक्रेता, काेठवारा (डाेभी)
फिलहाल एमआेपी व एनपीके खाद की जरूरत नहीं है. यूरिया 320 रुपये प्रति बैग व डीएपी 1150 रुपये प्रति बैग मिला. अभी ताे नजदीकी खाद दुकान से ही आसानी से खाद उपलब्ध हाे गया. यह अच्छी बात है कि थाेड़ा अधिक पैसा लग रहा है. नहीं रहने पर परेशानी हाेती व रुपये भी ज्यादा लगता . समय पर खाद नहीं मिलने पर उपज भी मारी जाती है.
राजाराम वर्मा, किसान अमारुत (डाेभी)
अभी ताे धान की राेपनी शुरू ही हुई है. यूरिया खाद व डीएपी की जरूरत थी. यूरिया प्रति बैग 320 रुपये व डीएपी प्रति बैग 1150 रुपये मिला. हालांकि बाजार में खाद की काेई कमी नहीं, इस बात की खुशी है. नहीं ताे आैर भी ज्यादा कीमत पर लेना पड़ता था. परेशानी हाेती थी साे अलग.
देवधारी यादव, किसान, जमुनइया (डाेभी)
सभी किसानाें काे सरकारी दर उपलब्ध करा दिया गया है. अधिक दाम पर बेचने पर कार्रवाई के भागी हाेंगे. यूरिया 295 रुपये प्रति बैग, डीएपी 1080 रुपये प्रति बैग, एमआेपी 550 रुपये प्रति बैग निर्धारित है. एनपीके खाद का आवंटन अभी नहीं हुआ है.
विजय रजक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, डाेभी
इफकाे के खाद बाजार में नहीं बल्कि पैक्स के माध्यम से बेचे जाते हैं. पैक्स भी काे-अॉपरेटिव के माध्यम से चलता है. जिले में 332 पैक्स हैं. इनमें 225 पैक्साें के माध्यम से पिछले वर्ष इफकाे ने खरीफ व रबी माैसम में खाद बेचे थे. बाकी पैक्स निष्क्रिय हैं या दूर हाेने की वजह से खाद नहीं खरीदते. इस बार अब तक 30-40 पैक्साें का रजिस्ट्रेशन हुआ है. जीएसटी की वजह से भी पैक्स बिजनेस करने से कतरा रहे हैं. पर उन्हें समझाया जा रहा है कि 20 लाख तक के बिजनेस पर काेई जीएसटी लागू नहीं है. इफकाे अब गाेदाम एक जगह से अधिक स्थानाें पर अपना गाेदाम बना रहा है, ताकि अधिक-से-अधिक पैक्स जुड़कर व्यापार कर सकें. अब तक टिकारी, मानपुर, गुरुआ व गुरारू में विस्काेमान के भवन काे गाेदाम के लिए लिया गया है. वजीरगंज व शेरघाटी के गाेदाम भी लेने की याेजना है. इससे जितनी कीमत पर गया के गाेदाम से उन्हें खाद के बाेरे उपलब्ध कराये जायेंगे, उसी कीमत पर उनके नजदीकी गाेदाम से भी उपलब्ध हाेगा, तब ट्रांसपाेर्टिंग चार्ज कम लगेगा आैर इसका सीधा लाभ किसानाें काे मिलेगा कि उन्हें सही कीमत पर खाद के बैग मिल सकेंगे. केंद्र सरकार की याेजना से डाेभी- चतरा राेड में बुधनी बाजार के पास इफकाे इ-बाजार खाेला जा रहा है. यहां पांच साै बैग हमेशा खाद उपलब्ध रहेंगे. इसके अलावा बायाेफर्टिलाइजर भी दिया जायेगा. सभी पैक्स अध्यक्षाें काे सरकारी दर पर स्वाइप मशीन दिया जा रहा है, ताकि वह बिजनेस बढ़ा सकें. कैशलेश सिस्टम में कम-से-कम 2000 टन की बिक्री कर सकें. गाैरतलब है कि बिहार में इ-बाजार अब तक 30 हैं.
विपिन बिहारी सिंह, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक, इफका
अभी खाद की जरूरत नहीं पड़ी है. थाेड़ा-बहुत खाद की जरूरत पड़ी, ताे खुले में 320 रुपये मिला. 35 रुपये का पांच किलाे लेकर काम चलाया हूं. अभी जब धान की राेपनी हाे जायेगी तब खाद की जरूरत पड़ेगी. लेकिन, अच्छी बात यह है कि बाजार में खाद आसानी से मिल रहा है.
गाेपाल कुमार, किसान, कैथबिगहा (खिजरसराय)
पैक्स के माध्यम से खाद उपलब्ध नहीं हाे रहा है. इससे किसान काे दिक्कत हाे रही है. बाजार में खाद की कमी नहीं है. यूरिया फिलहाल 320 रुपये प्रति बैग मिल रहा है. पाेटाश 550 रुपये प्रति बैग मिल रहा है. लेकिन, अच्छी बात यह है कि खाद बाजार में अासानी से उपलब्ध है.
नवल किशाेर शर्मा, किसान, मंडई (खिजरसराय)
गया के मां मंगला ट्रेडर्स से 22 जुलाई काे ही खाद मंगवाया है. 2.5 प्रतिशत जीएसटी व 2.5 प्रतिशत सीजीएसटी लगा है. कुल मिलाकर 291 रुपये में यूरिया खाद का एक बैग मिला. 16 रुपया प्रति बैग ट्रक भाड़ा लगा. चार रुपये लाेडिंग, अनलाेडिंग पाेलदारी लगा. ग्राहक काे बेचतें हैं ताे लाेडिंग चार्ज भी उन्हें ही वहन करना पड़ता है. इसकी वजह से 320 रुपये प्रति बैग बेच रहा है. इसमें मुश्किल से पांच-छह रुपये ही बच पाता है. स्टॉकिस्ट द्वारा एक मशीन भी उपलब्ध करायी गयी, जिसपर ग्राहक के अंगूठे का निशान लेना है. अभी वाइ-फाइ सुविधा नहीं हाेने से कनेक्ट नहीं हाे पाया है. अभी खाद की बिक्री शुरू नहीं हुई है.
संटू कुमार, खाद विक्रेता, खिजरसराय बाजार
जीएसटी की वजह से खाद के रेट का सही निर्धारण नहीं, माैखिक बताया गया है. धान की राेपनी शुरू ही हुई है, इस कारण खाद के ग्राहक नहीं आ रहे हैं. यूरिया 315 से 320 रुपये व डीएपी अलग-अलग कंपनियाें के अलग-अलग रेट पर उपलब्ध है.
रंजय कुमार, खाद विक्रेता, काेंच
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