गया : माड़नपुर व बाइपास के बीच में स्थित गदालोल पोखरे पर भी अब भूमाफियाओं की नजर पड़ गयी है. इसके चारों ओर मिट्टी व ईंट के टुकड़े डाल कर कुछ लोग पहले ही कब्जा कर चुके हैं, जबकि स्थानीय पार्षद संगीता देवी ने निगम बोर्ड की बैठक में इसके सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव दिया है. […]
गया : माड़नपुर व बाइपास के बीच में स्थित गदालोल पोखरे पर भी अब भूमाफियाओं की नजर पड़ गयी है. इसके चारों ओर मिट्टी व ईंट के टुकड़े डाल कर कुछ लोग पहले ही कब्जा कर चुके हैं, जबकि स्थानीय पार्षद संगीता देवी ने निगम बोर्ड की बैठक में इसके सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव दिया है. इस बारे में लोगों का कहना है कि पहले से गदालोल पोखरे को कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. इसके बाद जो भी हिस्सा बचा है, उसका अस्तित्व समाप्त करने पर अब भूमाफियाओं की नजर पड़ गयी है.
लोगों की मानें, तो पोखरे के रहने से ब्रह्मयोनि पहाड़ी से आनेवाला बारिश का पानी यहां संग्रह होता है. इसके भरने पर पानी मनसरवा नाले के माध्यम से फल्गु नदी में चला जाता है. इसके अस्तित्व समाप्त होने के बाद माड़नपुर के आसपास बसे नये मुहल्लों में जलजमाव की समस्या से लोगों को जूझना पड़ेगा. इस संबंध में पार्षद ने बताया कि चार दिन पहले कुछ लोगों द्वारा ट्रैक्टर द्वारा पोखरा भरने का काम आधी रात को किया जा रहा था. उनके द्वारा स्थानीय लोगों के सहयोग से एकजुट होकर इसका विरोध किया गया. इसकी सूचना स्थानीय थाने को भी दे दी गयी है. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में पोखरे पर अतिक्रमण नहीं करने दिया जायेगा.
बारिश के कारण रोका गया अभियान
शहर के हर रोड पर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाना है. बारिश के कारण अभियान को रोका गया है. दोबारा अतिक्रमण करने वालों पर निगम के राजस्व कर्मचारी को फाइन करना है. इसके लिए निगम में टीम बनाकर काम किया जा रहा है. बारिश रुकने के बाद इस अभियान को दोबारा शुरू किया जायेगा. विकास कुमार जायसवाल, सदर एसडीओ.
यहां चला था अभियान
अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान गांधी मैदान, गेवाल बिगहा, गया कॉलेज मोड़, सिकरिया मोड़, काशी नाथ मोड़, स्वराजपुरी रोड, जीबी रोड व पिरमंसूर रोड पर चलाया गया है. अगले दिन ही इन जगहों पर दोबारा से अतिक्रमण कर दुकान खोल लिया गया है. नगर निगम से मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान, डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव व नगर आयुक्त विजय कुमार के साथ कई पार्षदों ने अतिक्रमणकारियों को गुलाब का फूल देकर कब्जा हटाने का आग्रह किया था. इसके साथ ही कई अतिक्रमण वाली जगह पर बुलडोजर चलाकर खाली किया गया था. अभियान चार दिनों से रोक दिया गया है. शहर की स्थिति पहले की तरह ही हो गयी है. सभी जगहों पर अभियान नहीं चलाये जाने के कारण लोग कहने लगे हैं कि चेहरा देख कर अतिक्रमण वाली जगह पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. जहां सबसे अधिक अतिक्रमण है वहां अभियान क्यों नहीं चलाया जा रहा है.
यहां पर पैदल निकलना भी मुश्किल
जिले के आसपास के क्षेत्रों का मुख्य बाजार पुरानी गोदाम को माना जाता है. यहां के दुकानदारों की स्थिति यह है कि पांच फुट के स्थायी दुकान के बाहर सड़क किनारे इतनी ही जमीन अतिक्रमण कर हर रोज दुकान सजाते हैं. इसके बाद यहां सामान ढोने के लिए बेतरतीब तरीके से ठेला व टेंपो लगा रहता है. बाहर से आनेवाले व्यापारियों को पैदल चलने में भी परेशानी होती है. इसके साथ ही डेल्हा, मानपुर के बाजार में भी ऐसी ही स्थिति है. डेल्हा पुल पार करने के बाद बाजार से होकर टिकारी जाने में कभी-कभी घंटों जाम का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही मानपुर सिक्स लेन पुल पार करने के बाद ही मानपुर बाजार तक हर रोज घंटों जाम लगता है. गौरतलब है कि इन तीनों जगह पर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान कई वर्षों से नहीं चलाया गया है. वहीं, केपी रोड पर हर वर्ष अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जाता है. लेकिन कुछ ही दिन बाद इस सड़क की स्थिति पहले जैसी हो जाती है. जानकारों का कहना है कि इस रोड के स्थायी दुकानदार अपने दुकान के सामने वाली फुटपाथ को किराया पर दे रखा है.