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वार्डों को विकसित करना बड़ी चुनौती

नगर सरकार. स्टैंडिंग कमेटी के िलए हलचल योजनाएं तय करने, महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति व संसाधनों के इंतजाम की स्वीकृति सहित कई अधिकार स्टैंडिंग कमेटी के पास गया : शहर के विकास के लिए पार्षदों को मेयर चुनाव की तरह ही एकजुटता दिखानी होगी. वार्डों को विकसित करना बड़ी चुनौती है. निगम क्षेत्र के विकास […]

नगर सरकार. स्टैंडिंग कमेटी के िलए हलचल

योजनाएं तय करने, महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति व संसाधनों के इंतजाम की स्वीकृति सहित कई अधिकार स्टैंडिंग कमेटी के पास
गया : शहर के विकास के लिए पार्षदों को मेयर चुनाव की तरह ही एकजुटता दिखानी होगी. वार्डों को विकसित करना बड़ी चुनौती है. निगम क्षेत्र के विकास के लिए स्टैंडिंग कमेटी को महत्वपूर्ण माना जाता है.
पांच साल तक स्टैंडिंग कमेटी के कंधों पर शहर के लिए योजनाएं तय करने, किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर सहमति, संसाधनों की खरीदारी की स्वीकृति व अन्य कई निर्णय लेने का अधिकार होता है. निगम क्षेत्र में तीन विधानसभा क्षेत्र का इलाका आता है. इसमें वजीरगंज, बेलागंज व गया शहर शामिल हैं. निगम के 53 वार्डों में देखा जाये, तो महज चार पिछले बोर्ड के पार्षद अपने क्षेत्र से जीत कर आये हैं. वार्ड नंबर 16, 20, 49 व 50 से पुराने पार्षदों ने अपने सीट से विजय हासिल की है.
इनमें पिछले बोर्ड में वार्ड 50 की पार्षद वीणा देवी पहले स्टैंडिंग कमेटी में रह चुकी हैं. इसके अलावा कुछ वार्डों से पुराने पार्षद जीत कर जरूर आये हैं, पर उनका वार्ड बदला हुआ है. ज्यादातर नये पार्षद या फिर पुराने पार्षद के परिवारवाले जीत कर आये हैं. जानकारों का कहना है कि बोर्ड को सुचारु चलाने व शहर के विकास के लिए सुलझे व जानकार पार्षद को ही स्टैंडिंग में रखना होगा. इसके बाद ही विकसित शहर की बात की जा सकती है.
स्टैंडिंग कमेटी के लिए बैठकों का दौर : सूत्र बताते हैं कि नगर निगम कार्यालय से स्टैंडिंग कमेटी के गठन की फाइल मेयर के पास भेज दी गयी है. इसके बाद मेयर अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करने में जुट गये हैं. गौरतलब है कि नगर विकास व आवास विभाग की ओर से निगम में पत्र भेज कर शपथ ग्रहण के एक सप्ताह के अंदर स्टैंडिंग कमेटी का गठन कर लेने को कहा गया है.
विधायकों ने निभायी अहम भूमिका
मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव में महागठबंधन के विधायकों ने अहम भूमिका निभायी है. इसलिए उन विधायकों के क्षेत्र वाले पार्षद भी नगर सरकार में महत्वपूर्ण जगह पाने की आस लगाये बैठे हैं. जानकारी के अनुसार, मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर तीनों विधानसभा क्षेत्र के विधायकों ने अपनी पैठ बनाये रखने व समर्थकों को मदद करने में अहम भूमिका निभायी है. इसमें महागंठबंधन के विधायक ज्यादा सक्रिय दिखे. जानकार बताते हैं कि तीनों विधानसभा क्षेत्र से एक दो को छोड़ सभी नये हैं. लेकिन, इनकी भूमिका कई वर्षों से निगम में किसी न किसी रूप में रही है. किसी की पत्नी पार्षद थीं, तो उनके कामकाज को देखने के नाम पर पति सक्रिय रहे.
विधानसभा क्षेत्रों के हिसाब से वार्डों की स्थिति
वजीरगंज
47, 48, 49, 50, 51, 51 व 53
बेलागंज
29, 46 के अलावा 28 व 30 का कुछ भाग
गया शहर
एक से वार्ड 27
तक
समितियों के गठन की उम्मीद ज्यादा
पिछले बोर्ड में स्टैंडिंग कमेटी के अलावा किसी तरह की समितियों का गठन नहीं किया गया था. इसका सबसे मुख्य कारण रहा कि पार्षदों के बीच आपसी तालमेल का अभाव. पिछले बोर्ड में लेखा समिति, विषय समिति, तदर्थ समिति व जिला योजना समिति का गठन नहीं किया गया. इसके लिए कई बार पार्षदों ने बोर्ड की बैठक में समितियों के गठन की मांग उठायी, पर हर बार बात आयी गयी हो गयी. इस बार मेयर चुनाव में पार्षदों ने एकजुटता दिखायी है. इसलिए इस बार इन समितियों के गठन की संभावना अधिक है.

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