दरभंगा : एक मई को मजदूर दिवस में कई संगठनों ने कार्यक्रम आयोजित कर मजदूरों की समस्याओं पर सभी को एक जुट होने की अपील की. मजदूरों पर हो रहे जुल्म पर अपना भड़ांस निकाला. ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आफ ट्रेड यूनियन की जिला कमिटी ने नगर निगम परिसर से जुलूस निकाला. यह खानकाह चौराहा, […]
दरभंगा : एक मई को मजदूर दिवस में कई संगठनों ने कार्यक्रम आयोजित कर मजदूरों की समस्याओं पर सभी को एक जुट होने की अपील की. मजदूरों पर हो रहे जुल्म पर अपना भड़ांस निकाला. ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आफ ट्रेड यूनियन की जिला कमिटी ने नगर निगम परिसर से जुलूस निकाला. यह खानकाह चौराहा, मिर्जापुर चौक, भगत सिंह चौक, दरभंगा टावर होते हुए पुन: निगम परिसर में सभा में तब्दील हो गया. जुलूस का नेतृत्व एक्टू के जिला सचिव मिथिलेश्वर सिंह, अध्यक्ष शशिकांत मिश्र, कर्मचारी महासंघ के मोख्तार अहमद, सफाई कर्मचारी संघ के सचिव राजाराम,
निर्माण मजदूर यूनियन के जिला सचिव रामनारायण पासवान, महिला मजदूर नेत्री गीता देवी ने संयुक्त रूप से किया. सभा की अध्यक्षता करते हुए शशिकांत मिश्र ने मजदूर दिवस की महत्ता को रखा. जिला सचिव श्री सिंह ने सरकार के मजदूर नीति की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा कि कारपोरेट घराने को लाभ पहुंचाया जा रहा है. सभा में आगामी 15 मई को राज्यव्यापी समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन को सफल बनाने की अपील की. भारतीय मजदूर संघ की ओर से भी इस अवसर पर सभा की गयी.
काम के घंटे निर्धारित करने को कहा : वहीं बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन एवं ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन ने संयुक्त रुप से लनामिवि शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ कार्यालय प्रांगण में का रामाधार सिंह की अध्यक्षता में मजदूर दिवस मनाया. मजदूरों के लिए काम का घंटा आदि की मांग को लेकर मजदूरों को गोलबंद होने की अपील की. यूनियन ने सात मई को सभी श्रमिक संगठन के संयुक्त बैठक का निर्णय लिया. सभा को प्रदीप कुमार मिश्र, अजित कुमार सिंह, कैसर आलम, इकबाल अहमद, धीरेंद्र झा, मनींद्र कुमार शर्मा, धनंजय चौधरी, विभाष चंद्र झा, विनय कुमार झा, वरुण कुमार झा आदि ने संबोधित किया.
मजदूर दिवस पर चित्रगुप्त नगर स्थित एक विवाह भवन में श्रम एवं पूंजी पर गांधी के विचार पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. डॉ हरिश्चंद्र सहनी की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में बिहार राज्य विद्युत मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मुचकुंद मल्लिक ने कहा कि गांधीजी पूंजी वादी को नहीं पूंजीवाद को मिटाने की बात कही थी. इस पर अमल होना जरुरी है. संगोष्ठी को रामाशंकर कंठ, वीरेंद्र लाभ, वाणी दत्ता, अनिरुद्ध चौधरी, इंदिरा कुमारी, आनंद नारायण, योगेंद्र कुमार दत्त, ब्रज किशोर तिवारी आदि ने विचार व्यक्त किया.