अभाव. छात्रों के हिसाब से स्कूलों में शिक्षक नहीं
Advertisement
उत्क्रमित हाइस्कूलों में पढ़ाई की खानापूरी
अभाव. छात्रों के हिसाब से स्कूलों में शिक्षक नहीं बेनीपुर : सरकार ने प्रखंडों में कई मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित कर माध्यमिक विद्यालय का दर्जा तो दे दिया लेकिन वहां शिक्षकों की बहाली एवं आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में अभिरूचि नहीं दिखाई. इस कारण ऐसे विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बेमानी सी हो गयी है. अनुमंडल […]
बेनीपुर : सरकार ने प्रखंडों में कई मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित कर माध्यमिक विद्यालय का दर्जा तो दे दिया लेकिन वहां शिक्षकों की बहाली एवं आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में अभिरूचि नहीं दिखाई. इस कारण ऐसे विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बेमानी सी हो गयी है. अनुमंडल के आधा दर्जन से अधिक मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय का दर्जा वर्षो पुर्व दे दिया गया, पर संसाधन का कही अता पता नहीं है. बिना शिक्षक के ही छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.
आठ विद्यालय किये गये उतक्रमित: साल 2011-12 से अवतक अनुमंडल के दोनों प्रखंड बेनीपुर एव अलीनगर में दो फेज में चार-चार मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालय का दर्जा दिया गया. विभागीय निर्देश के आलोक में बिना शिक्षक के ही मध्य विद्यालय के शिक्षक छात्रों का नामांकन प्रारम्भ कर मैट्रिक तक शिक्षा देने की खानापुरी कर रहे हैं. प्रथम फेज वाले विद्यालय से तो मैट्रीक के कई वैच में छात्र परीक्षा भी दे चुके हैं.
विद्यालय में अन्य संसाधन तो दूर विषय वार शिक्षक भी नसीब नही हो सका है. विद्यालय संचालन की मात्र खानापूरी की जा रही है. पहले फेज में अलीनगर के जयन्तीपुर, रामपुर ऊदय, बेनीपुर के रढ़ियाम एव रमौली मध्य विद्यालय के तो दूसरे फेज में क्रमशः अलीनगर एवं गरौल तथा मायापुर एवं सजनपुरा मवि को उच्च विद्यालय का दर्जा मिला.
बिना शिक्षक पढ़ रहे बच्चे: किसी विद्यालय में विषय वार शिक्षक उपलब्ध नही कराया गया है. पहले फेज वाले विद्यालय में बिना शिक्षक के ही छात्र पढ़ाई पूरी कर लिये. दूसरे चरण में भी यही हाल रहा. उधर बिना शिक्षक के ही नये सत्र में भी बच्चों का नामांकन कर लिया गया है.
विधिवत वर्ग संचालन का दावा
वैसे प्रधानाध्यापक विधिवत वर्ग संचालन का दावा कर रहे हैं. अलीनगर के जयन्तीपुर के माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को दिन के तीन बजे सन्नाटा पसरा हुआ था. उपर के एक कमरे में प्रधानाध्यापक के साथ चार शिक्षक बैठकर कागजी खानापूरी में जुटे थे. कहने के लिए यहां 142 छात्रों की उपस्थित भी बनी थी. पर एक भी छात्र कहीं दिख नही रहा था. छह शिक्षकों में से दो शिक्षिका संध्या झा एवं पुतुल कुमारी उपस्थिति दर्ज कर गायब मिली.
संसाधन के अभाव में नही हो रहा है वर्ग संचालन: शिक्षक कहते हैं दर्जा मिला, भवन बन गया, पर अन्य संसाधनो के अभाव में ससमय वर्ग संचालन नही हो पा रहा है. जबकि यहां चार सौ 62 छात्र- छात्रा नामांकित है.
चार शिक्षकों के भरोसे पहली से 10वीं तक की पढ़ाई
रामपुर उदय उवि के पास न तो भवन है और न ही छात्र संख्यानुसार शिक्षक. महज चार शिक्षक के सहारे पुराने भवन में विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. यह भवन मध्य विद्यालय के छात्रों के लिए भी यथेष्ट नहीं है. यही हाल रमौली एव रढ़ियाम का भी है. यहां भी चार ही शिक्षक हैं. दूसरे फेज के अधिकांश विद्यालय में नौवीं की पढ़ाई तो चालू कर दी गयी है पर शिक्षक का पता नहीं है.
गायब शिक्षिका पर
होगी कारवाई
प्रधानाध्यापक मोईनुल हक कहते है कि विषयवार शिक्षक नहीं होने के बावजूद बेहतर शिक्षा देने का वे प्रयास कर रहे हैं. दो छात्र जिला में स्थान लाया है. विद्यालय से छात्र एवं शिक्षिका के गायब होने प कहा कि शिक्षिका से जवाब-तलब किया जायेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement