दरभंगाः तेजाब कांड के पीड़ित सुपौल जिला के किशनपुर थाना के नरही शिवपुरी गांव निवासी रंजीत सदा की आंख में अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. नेत्र रोग विशेषज्ञ सह एचओडी डॉ वीरेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में पीड़ित की आंख के इलाज के लिए एक कमेटी गठित की गयी है. इसमें डॉ एसके झा, डॉ मनोज कुमार, डॉ रणधीर कुमार, डॉ सुमन कुमार व डॉ अशोक सहनवाज शामिल हैं. इनके प्रयास के बाद युवक की आंख में धीरे-धीरे रोशनी आ रही है.
डॉ एसके झा ने बताया कि पीड़ित की आंख में अब पहले से काफी सुधार है, जब वह डीएमसीएच में भरती हुआ था तो उसे देखने में काफी दिक्कत हो रही थी, लेकिन हम लोगों के प्रयास से उसकी आंख में काफी सुधार है.पीड़ित के पिता चंदर सदा ने बताया, घटना की जानकारी मिलते ही हमलोग सदर अस्पताल पहुंचे. वहां से हमें डीएमसीएच रेफर कर दिया गया, लेकिन किसी ने हमें बताया कि आंख का अच्छा इलाज नेपाल में होता है. उसकी बात मानकर मैं अपने बेटे को लेकर नेपाल चला गया. वहां काफी पैसा खर्च होने के बाद भी बेटे की आंखों में कोई सुधार नहीं हुआ. मेरे पैसे भी खत्म हो चुके थे. इस स्थिति में हम फिर अपने घर चले गये. सुपौल जिले के डीएम से मुलाकात
की तो उन्होंने मुझे 15 हजार रुपया दिया और डीएमसीएच आने की व्यवस्था कर दी. किशनपुर थाना के प्रभारी ने भी हमें दो हजार रुपया दिया और मेरे साथ अपने कुछ पुलिस वाले को भी डीएमसीएच भेजा.
पीड़ित रंजीत कुमार ने बताया, 22 जनवरी की शाम रामनंदन यादव के घर में अपने चचेरा भाई की मजदूरी का 50 रुपये मांगने गया था. उनकी पत्नी ने कहा, वे अभी घर पर नहीं है. तुम इंतजार करो. कुछ देर बाद रामनंदन यादव घर पर आया. मैंने उससे पैसा मांगा तो वह गाली-गलौज करने लगा, जब मैंने उसका विरोध किया तो रामनंदन यादव व उसके कई परिजनों ने मिलकर मुझे खूब मारा और मुझे लोहे की जंजीर से खंभे में बांध दिया. सब मिलकर मुझे सारी रात पीटते रहे. बाद में सुबह के लगभग चार बजे रामनंदन यादव के दामाद विकास यादव ने मुझे पकड़कर मेरी आंखों में तेजाब डाल दिया.
मैं जब तड़पने लगा तो उसने घबराकर पुलिस को फोन किया और कहा कि एक चोर मेरे घर में चोरी कर रहा था. इसको हम लोगों ने पकड़ा है. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने वहां पहुंचकर मुझे सदर अस्पताल में भरती कराया. पीड़ित के साथ आये किशनपुर थाने के एएसआइ इंद्रकांत झा ने बताया कि अभियुक्त की गिरफ्तारी हो चुकी है.