दरभंगाः डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर गांधीगीरी पर उतर आये हैं. मरीजों को कोई तकलीफ नहीं होने देने के संकल्प के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने में कतई कोई कसर भी नहीं छोड़ना चाहते. साफ कहते हैं, मांगें माने जाने तक शांतिपूर्ण आंदोलन पर डटे रहेंगे. हां इस बीच अगर जरूरत पड़ी तो मरीजों के हित में समानांतर ओपीडी भी चलायेंगे. और इससे भी बात नहीं बनी तो बाहर में कैंप लगाकर मरीजों का इलाज करेंगे, लेकिन इस बार सरकार के आगे झुकेंगे नहीं. बार-बार के आश्वासन और सिर्फ खानापूरी इस बार नहीं चलेगा.
सरकार बहानाबाजी बनाकर इस बार जूनियर डॉक्टरों को बहला नहीं सकती. मंगलवार की सुबह से ही हड़ताल पर उतरे डॉक्टरों से स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार कई दौर में वार्ता करने की कोशिश की, लेकिन जूनियर डॉक्टरों ने उनकी एक भी नहीं सुनी. इस बीच जूनियर डॉक्टरों ने डीएमसीएच के कैंटीन में अध्यक्ष डॉ कुणाल शंकर की अध्यक्षता में बैठक कर हड़ताल पर डटे रहने का संकल्प लिया है. हड़ताल के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने कहीं किसी कार्य को बाधित नहीं किया.
आउटडोर में परीक्षार्थियों ने किया हंगामा
रेलवे भरती परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी इन दिनों आउटडोर में आंख दिखाने हर दिन दर्जनों की संख्या में आ रहे हैं. आज भी करीब तीन दर्जन परीक्षार्थी मौके पर पहुंच कर आंख जांचने के लिए चिकित्सकों व कर्मियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. हड़ताल का बहाना बनाकर कर्मी उन्हें बाद में आने के लिए कहा. इस पर सभी भड़क गये और एक घंटे तक वहां हंगामा किया. बाद में परीक्षार्थियों ने इसकी शिकायत प्राचार्य सह अधीक्षक से की. अधीक्षक ने इनकी समस्याओं को देखते हुए चिकित्सकों को नेत्र जांच करने का आदेश दिया. सामान्य मरीजों की जांच खत्म होने के बाद दोपहर बाद इन परीक्षार्थियों की नेत्र जांच हुई तब जाकर सभी माने.