बहेड़ी : धनौली गांव में 18 वर्ष पहले भूमि विवाद में मसोमात दुखनी हत्या मामले में सीआईडी ने सूचक सहित 9 को मुजरिम करार देते हुए कोर्ट से वारंट भी निर्गत करा दिया है. पंचायत चुनाव के ऐन मौके पर आयी इस खबर से गांव में सनसनी फैल गयी है. मुजरिम करार दिये गये सभी अभियुक्त या तो गांव छोड़ कर फरार है या फिर भूमिगत हो गये हैं. इनकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस जगह जगह छापेमारी कर रही है.
वर्ष 1998 में भूमि विवाद में हुई बमबारी में घर पर बैठी दुखनी की मौत हो गयी थी. जिसमें पुलिस ने दो कांड दर्ज किया था. एक पक्ष से चार लोग घायल हुए थे वही दूसरे पक्ष से दुखनी की मौत हो गयी थी. जिसमें दोनों पक्षों से कांड संख्या 80 एवं 81 वर्ष 1998 में दर्ज करायी गयी थी. जिसमें दुखनी हत्या को लेकर काण्ड संख्या 81 में 17 लोगों को नामजद किया गया था. वही दूसरे पक्ष के जख्मी रामकृपाल यादव, जगदीश यादव, बेचन यादव, सुरेन्द्र यादव के बयान पर पुलिस ने कांड संख्या 80 दर्ज कर 9 लोगों को नामजद किया था.
पुलिस ने दुखनी की हत्या के आरोप में सुचित यादव को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद ग्रामीणों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. राज्य सरकार के आदेश पर इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है. सीआइडी की टीम ने अपनी रिपोर्ट कांड संख्या 80/98 में बम से सुरेन्द्र यादव एवं रामकृष्ण यादव सहित अन्य के घायल होने के बावजूद विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3/4 समर्पित आरोप पत्र में नही लगाने पर सवाल उठाया. कांड संख्या 81 /98 में आरोप पत्र समर्पित नही करने की बात कहते हुए आरक्षी अधीक्षक से वर्ष 2001 में मन्तव्य की मांग की.
इस मामले में लगातार चल रहे अपराध अनुसंधान विभाग की जांच के बाद वर्ष 2003 में जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट में कार्रवाई का उल्लेख किया था. इसी के आलोक में दो दशक बाद वरीय पुलिस पदाधिकारी के पत्रांक 103 दिनांक 9 फरवरी 2016 से सूचक पक्ष के नौ लोगों को हत्या का अभियुक्त बनाया गया. जिसको लेकर न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया गया है लेकिन दुखनी हत्या मामले का न्यालय में आरोप पत्र दाखिल नही किया गया है. थानाघ्यक्ष सीताराम प्रसाद ने कहा कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी चल रही है जिसमें फरार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जायेगा.