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पड़ितों तक नहीं पहुंचा बिहार शताब्दी योजना का लाभ

पड़ितों तक नहीं पहुंचा बिहार शताब्दी योजना का लाभ प्रतिनिधि, बिरौल. सरकार की ओर से चलाये जा रहे बिहार शताब्दी कामगार एवं अंतर राज्यीय प्रवासी योजना क्षेत्र में फ्लॉप साबित हो रही है. बिरौल अनुमंडल के एक सौ से अधिक आवेदन जिला में पेंडिंग है. वहीं विभिन्न प्रखंडों के सैकड़ो आवेेदन प्रखंड में जांच के […]

पड़ितों तक नहीं पहुंचा बिहार शताब्दी योजना का लाभ प्रतिनिधि, बिरौल. सरकार की ओर से चलाये जा रहे बिहार शताब्दी कामगार एवं अंतर राज्यीय प्रवासी योजना क्षेत्र में फ्लॉप साबित हो रही है. बिरौल अनुमंडल के एक सौ से अधिक आवेदन जिला में पेंडिंग है. वहीं विभिन्न प्रखंडों के सैकड़ो आवेेदन प्रखंड में जांच के लिए पड़े हुए हैं. इन योजनाओं की सफलता को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार बिरौल अनुंडल के बिरौल में बिहार शताब्दी और अंतरराज्यीय प्रवासी के 57 ,गौड़ाबौराम के 10 ,किरतपुर 10 ,घनश्यामपुर 22 ,कुशेश्वरस्थान 5 ,कुशेश्वरस्थान पुर्वी के 7 आवेदन जिला में पेंडिग है़ डीएम के अनुमोदन के लिए करीब सौ से अधिक आवेदन इंतजार में है. ऐसी स्थिति में मृतक परिजनों को ससमय अनुदान उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. मंत्री का आश्वासन भी बेअसर बिरौल के 1 और गौड़ाबौराम प्रखंड के दो लोगों की दुर्घटना में हुई मौत के बाद परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मदन सहनी ने आश्वासन दिया था कि एक महीने के अंदर सरकार की ओर से मिलने वाली अनुदान की राशि पीड़ितों को उपलब्ध करा दी जायेगी. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को भी इसको लेकर निर्देश दिया था कि पीड़ितों को अविलंब मुआवजा दिलवायी जाये. बावजूद अब तक आश्रितों को अनुदान राशि नहीं दी गयी है.यह तीनों घटनाएं दूसरे प्रदेश में घटित हुई थी. एक लाख रुपये मिलता है अनुदानदूसरे प्रदेश में काम के दौरान यदि मजदूर की मौत होती है तो सरकार उसके आश्रित को एक लाख रुपये की राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराती है. इसके लिए बिहार सरकार की ओर से अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूर योजना चलायी जा रही है. घटना के बाद इसकी जांच पड़ताल में काफी समय लग जाते हैं. जबकि बिहार शताब्दी योजना के तहत मृत मजदूर के आश्रित को तीस हजार रुपये की सहायता सरकार की ओर से दी जाती है. एसडीओ ने दे रखा है निर्देशअनुमंडल पदाधिकारी मो. शफीक के द्वारा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दिनेश कुमार को इन योजनाओं में आश्रितों को समय से लाभ दिलाने को लेकर पहले ही निर्देश दिया जा चुका है. उनके द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि इन योजनाओं को पेंडिंग रखना, गरीबों के साथ अन्याय होगा. बोले अधिकारी अनुमंडल के चार प्रखंडों की जिम्मेवारी पहले उनके पास थी.बाद में कुशेश्वरस्थान दोनों प्रखंडों को जोड़ दिया गया है़ अधिकांश आवेदनों का सत्यापन हो चुका है. जिला से निर्देश मिलने के बाद मृतक के आश्रितों को लाभ दे दिया जायेगा. दिनेश कुमार श्रम प्रर्वतन पदाधिकारी, बिरौल़

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