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बैट के कवर में एके-47 रख मौके पर पहुंचे थे अपराधी

दरभंगा : इंजीनियरों की हत्या की शुरुआती जांच में चौकानेवाले तथ्य सामने आये हैं. पुलिस सूत्रों की मानें, तो मौके पर चार से ज्यादा अपराधी मौजूद थे. चार अपराधी बाइक से थे, जबकि एक ग्रे रंग की स्कॉर्पियो पर अन्य अपराधी सवार थे. इसी में वो हथियार रखे थे, जिनसे इंजीनियरों पर फायरिंग की गयी. […]

दरभंगा : इंजीनियरों की हत्या की शुरुआती जांच में चौकानेवाले तथ्य सामने आये हैं. पुलिस सूत्रों की मानें, तो मौके पर चार से ज्यादा अपराधी मौजूद थे. चार अपराधी बाइक से थे, जबकि एक ग्रे रंग की स्कॉर्पियो पर अन्य अपराधी सवार थे. इसी में वो हथियार रखे थे, जिनसे इंजीनियरों पर फायरिंग की गयी. अपराधी एके-47 को क्रिकेट बैट के कवर में छुपाये हुये थे. इसी से निकाल कर इन्होंने गोली चलायी थी.

स्कार्पियो से दिये हथियार. पुलिस सूत्रों का कहना है कि पहले स्कार्पियो से अपराधियों ने मौके की रेकी की थी. कई बार आसपास का चक्कर लगाया था. बाइक पर सवार अपराधी भी दो-तीन बार मौके से गुजरे थे. इसके बाद ये लोग साइट पर पहुंचे. बताया जाता है कि पहले इन लोगों ने इंजीनियरों से कुछ देर तक बात की. इसी दौरान स्कार्पियो गाड़ी इनके पास आयी, जिससे निकाल कर हथियार इन्हें दिये गये. इसके बाद इन लोगों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. पहले पिस्टल से गोलियां चलायी गयीं. इसके बाद एके-47 से हमला किया गया. इसी में दोनों इंजीनियर गंभीर रूप से जख्मी हुये थे, जिनकी कुछ देर बाद मौत हो गयी.

समझ नहीं पाये इंजीनियर

सूत्रों की मानेंस तो जहां पर इंजीनियर मुकेश कुमार काम करवा रहे थे, वहां पहले एक बाइक आकर रु की. बताते हैं कि बातचीत के बाद अपराधियों व मुकेश के बीच बहस हुई थी. इसी क्र म में एक अपराधी ने कुर्सी पर बैठे मुकेश को पिस्टल से सिर में गोली मार दी. इस घटना के बाद मुकेश के साथ खड़े दूसरे इंजीनियर ब्रजेश सड़क की दूसरी तरफ भाग कर आ गया. इसी बीच दूसरी बाइक आ गयी. जिसे स्कार्पियो से बैट का कवर में एके-47 दिया दूसरे साइड में भाग खड़े ब्रजेश कुमार को अपराधियों ने उससे छलनी कर दिया. इसके बाद मुकेश को छटपटाता देख उस पर एके-47 से दनादन गोलियां दागनी शुरु कर दी. दोनों वहीं पर लुढक गये.

कई इंजीनियरों ने छोड़ी कंपनी

सूत्रों की मानें, तो अपराधियों की धमकी से प्रोजेक्ट मैनेजर शिव वचन सिंह काफी डर गये थे. छठ के पहले से ही वे अपराधियों के द्वारा बार बार धमकी दिये जाने की सूचना कंपनी के आला अधिकारियों को दे रखी थी, लेकिन कंपनी उनकी बातों पर ध्यान नहीं दे रही थी. बताया जाता है कि छठ में वे छुट्टी लेकर घर गये. इसी दौरान उन्होंने दूसरी कंपनी में जाकर अपना इंटरव्यू दिया. छठ के बाद वे घर से लौटे तो अपने को पूरी तरह रिजर्व कर लिया था. वे इतने सहमे थे कि प्लांट से बाहर कभी कभार ही बाहर निकलते थे. इसी बीच अचानक उन्होंने 20 दिसंबर को नौकरी छोड़ दी. उनके साथ कई और इंजीनियरों ने भी नौकरी छोड़ दी. इस घटना के बाद कंपनी हड़कत में आयी और इसकी सूचना डीएसपी एवं थानाध्यक्ष को दी. इसके बाद डीएसपी ने अगले दिन एक सेक्शन बीएमपी के जवानों की तैनाती वहां पर कर दी.

पहले नहीं की थी शिकायत

सूत्रों की मानें, तो अपराधियों की ओर से रंगदारी को लेकर धमिकयां आने के बाद भी कंपनी के अधिकारियों ने कभी भी लिखित या मौखिक शिकायत प्रशासन को नहीं की थी. कंपनी के वरीय अधिकारी से काफी हल्के में लेते रहे, जब कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर समेत चार पांच अन्य इंजीनियरों ने नौकरी छोड़ दी, तब वे हड़कत में आये और इसकी सूचना डीएसपी एवं थानाध्यक्ष को दी. पहले यदि वे इसकी सूचना दिये होते तो शायद इस तरह की घटना नहीं होती.

दो साइट पर चल रहा था काम

बताया जाता है कि बहेड़ी क्षेत्र में इस कंपनी के द्वारा दो साइट पर काम चल रहा था. पहला सगुनियां मोड़ पर पुल के पास गाइड वाल का निर्माण और मिट्टी भराई का कार्य कराया जा रहा था, जबकि रूसरा गंगदह में एक साइड पीचिंग हो गयी थी. दूसरे साइड में पीचिंग कराने के लिए रोड़ा बिछाने का काम चल रहा था.

इसी की निगरानी दोनों इंजीनियर कर रहे थे. इसी दौरान अपराधियों ने आकर उनकी हत्या की.

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