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डीएमसीएच एंबुलेंस चालक को मिली धमकी

दरभंगा : डीएमसीएच में 27 नवंबर की रात निजी एंबुलेंस में हुई तोड़फोड़ की घटना के बाद शुक्रवार को भी तनाव व्याप्त रहा. निजी एम्बुलेंस के कई चालकों ने शुक्रवार को डीएमसीएच के एम्बुलेंस चालकों को मरीज को एम्बुलेंस पर ले जाने को लेकर धमकी दिया. इससे सहमे चालकों ने अस्पताल अधीक्षक कार्यालय को सूचना […]

दरभंगा : डीएमसीएच में 27 नवंबर की रात निजी एंबुलेंस में हुई तोड़फोड़ की घटना के बाद शुक्रवार को भी तनाव व्याप्त रहा. निजी एम्बुलेंस के कई चालकों ने शुक्रवार को डीएमसीएच के एम्बुलेंस चालकों को मरीज को एम्बुलेंस पर ले जाने को लेकर धमकी दिया. इससे सहमे चालकों ने अस्पताल अधीक्षक कार्यालय को सूचना दी.

अस्पताल अधीक्षक कार्यालय के एक कर्मी की उपस्थिति में 102 एम्बुलेंस से गंभीर मरीज को इमरजेंसी से विदा किया गया. इसके बाद ही वह कर्मी वहां से कार्यालय के लिए रवाना हुआ. उधर इस मौके पर बेंता ओपी प्रभारी सुरेन्द्र पासवान भी निजी एम्बुलेंस चालकों से वार्ता कर रहे थे. इधर, देर शाम तक पीड़ित निजी एम्बुलेंस चालक सदरे आलम ने तोड़फोड़ में शामिल दो पीजी डॉक्टरों पर बेंता ओपी में प्राथमिकी दर्ज करने की को लेकर शिकायत पत्र दिया है.

शिकायत पत्र के आधार पर डा. राकेश कुमार एवं डा. पंकज कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इससे पूर्व प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर आपस में ही निजी एम्बुलेंस चालक बंटे हुए थे. कुछ एम्बुलेंस चालकों का कहना था कि यदि प्राथमिकी होती है उनलोगों का व्यवसाय प्रभावित होगा. इधर, पीजी डॉक्टरों ने भी इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है.

जेडीए की ओर से डीएमसीएच प्रशासन को किसी तरह का आवेदन नहीं सौंपा गया है. मालूम हो कि 27 नवंबर की रात कई पीजी डॉक्टरों ने नाका नंबर छह स्थित एक दुकान पर नाश्ता कर रहे थे. इसी दौरान एक निजी एम्बुलेंस के चालक और पीजी डॉक्टरों के बीच तू तू मैं मैं हो गयी. इसके बाद मरीजों को ले जाने के लिए निजी एम्बुलेंस डीएमसीएच परिसर में लगा दिया गया. नाश्ता करने के बाद देानों पीजी डॉक्टरों की नजर इस एम्बुलेंस पर पड़ी.

इसके बाद जिनी एम्बुलेंस को तोड़फोड़ कर दिया गया. डीएमसीएच प्रशासन की नहीं खुली नींदपीजी डॉक्टरों व निजी एम्बुलेंस चालकों में हुई झड़प के बाद भी डीएमसीएच प्रशासन की नींद नहीं खुली. इस घटना के बाद आज भी ओपीडी परिसर में निजी एम्बुलेंस का अड्डा बन रहा. इस परिसर में 17 निजी एम्बुलेंस लगे थे. बावजूद इसके कि अवैध वाहनों पर पाबंदी के लिए भूतपूर्व सैनिक और सिविल गार्ड की तैनाती की गयी है. इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड में पुलिस शिविर और समय समय पर पुलिस फोर्स का राउंड लगाना है. इसके बावजूद निजी एम्बुलेंस का जमावड़ा लगा था.

इनसेट में :निजी एम्बुलेंस चालकों ने लाश उठाने से किया इंकार एम्बुलेंस चालक गये हड़ताल पर दरभंगा : डीएमसीएच के पीजी डॉक्टरों के निजी एम्बुलेंस में तोड़फोड़ को लेकर निजी एम्बुलेंस चालक अघोषित रुप से हड़ताल पर चले गये.

इसका असर शुक्रवार को डीएमसीएच पर पड़ा है. मधुबनी जिला के खजौली गांव निवासी धर्मेन्द्र सदाय की पत्नी चंद्रकला देवी की मौत गायनिक वार्ड के लेवर रुम में प्रसव के दौरान हो गयी. परिजन निजी एम्बुलेंस के चालक के पास गये. चालकों ने लाश को ले जाने से इंकार कर दिया. उधर, सरकारी कई एम्बुलेंस इमरजेंसी वार्ड में खुले आसमान के नीचे पड़ा है.

इधर, लाश तीन घंटे से गायनिक वार्ड के बरामदा पड़ा हुआ है. इधर निजी एम्बुलेंस चालकों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि दोषी पीजी डॉक्टरों पर जब तक कार्रवाई नहीं होती तब तक डीएमसीएच को एम्बुलेंस की सेवा नहीं दी जायेगी. र्डीएमसीएच का एम्बुलेंस बेकाममालूम हो कि डीएसीएच के पास कुल पांच एम्बुलेंस हैं.

इसमें गंभीर मरीजों को ले जाने के लिए एक एडवांस लाइफ सपोर्ट का 1099, एक अत्याधुनिक उपकरणों से लैश एनएच एम्बुलेंस, लाश को ले जाने के िए एक मर्चपूरी वैन, दो 102 एम्बुलेंस और एक सामान्य एम्बुलेंस शामिल है. यह सभी एम्बुलेंस ड्राइवर के अभाव में सड़ रहा है.

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