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पदस्थापन के इंतजार में सेवानिवृत्त हो गये 32 शक्षिक

पदस्थापन के इंतजार में सेवानिवृत्त हो गये 32 शिक्षक फरवरी 14 में ही लिया गया था प्रोन्नति का निर्णय430 स्नातक योग्यताधारी स्नातक वेतनमान वाले शिक्षक शामिलमध्य विद्यालयों में एचएम पद पर प्रोन्नति का मामलाडीएम के अनुमोदित रोस्टर पंजी पर मिला है प्रोन्नति584 एचएम का स्वीकृत पद है रिक्तप्रतिनिधि, दरभंगा जिले के मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक […]

पदस्थापन के इंतजार में सेवानिवृत्त हो गये 32 शिक्षक फरवरी 14 में ही लिया गया था प्रोन्नति का निर्णय430 स्नातक योग्यताधारी स्नातक वेतनमान वाले शिक्षक शामिलमध्य विद्यालयों में एचएम पद पर प्रोन्नति का मामलाडीएम के अनुमोदित रोस्टर पंजी पर मिला है प्रोन्नति584 एचएम का स्वीकृत पद है रिक्तप्रतिनिधि, दरभंगा जिले के मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर 430 स्नातकोत्तर योग्यताधारी स्नातक वेतनमान वाले शिक्षकों के प्रोन्नति का निर्णय गत वर्ष फरवरी में ही लिया गया, किंतु 9 माह बीतने के बावजूद इन शिक्षकों का पदस्थापन नहीं किया गया. इस बीच इस सूची में शामिल 32 शिक्षक सेवानिवृत हो गये, जबकि कई शिक्षक सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं. इसे विभागीय शिथिलता कहे या मामले में संवेदनहीनता. जिन शिक्षकों को प्रोन्नति देने का कड़ा आदेश विभाग दे रखा है तथा जिला पदाधिकारी द्वारा अनुमोदित रोस्टरपंजी के बिंदु के अनुरूप स्वीकृत वरीयता सूची (प्र.अ. ग्रेड-3) से शिक्षकों को प्रोन्नति देने का निर्णय लिया गया. वहीं इन शिक्षकों को पदस्थापन के पश्चात विद्यालय में योगदान की तिथि से प्रोन्नति का लाभ देने का प्रावधान है. जबकि इससे बड़ा नुकसान उस समय होगा जब सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा प्रदेश में लागू होगी. अगर दिसंबर तक इन शिक्षकों का पदस्थापन नहीं हो सका तो एक एक शिक्षक काे 10-20 हजार तक का प्रतिमाह आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा. वहीं दूसरी ओर इन शिक्षकों को मध्य विद्यालयों में पदस्थापन नहीं होने के कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. जब इन विद्यालयों में पूर्णकालिक एचएम होंगे तो स्वभाविक रूप से इनकी कक्षाओं एवं अन्य गतिविधियों का संचालन में सुधार आयेगा. उल्लेखनीय है कि जिला में 584 एचएम का स्वीकृत पद वर्त्तमान में रिक्त है. जिन पदों पर पदस्थापन में कोई अड़चन नहीं है. क्या है मामलागत वर्ष फरवरी 14 को जिला शिक्षा पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला प्रोन्नति समिति ने डीएम द्वारा अनुमोदित रोस्टर पंजी पर 430 स्नातक योग्यताधारी स्नातक वेतनमान वाले शिक्षकों को मध्य विद्यालय में एचएम पद (ग्रेड-3) पर प्रोन्नति का निर्णय लिया गया था. जिनपर पदस्थापन 9 माह बीतने के उपरांत नहीं हो सका, जिसके कारण शिक्षकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. अगर 31 दिसंबर तक इन शिक्षकों का पदस्थापन नहीं होगा तो इन शिक्षकों को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा. मूल वेतन व ग्रेड पे के अंतर के कारण इन शिक्षकों के वेतन को उच्चतर वेतनमान में फिट करना संभव नहीं हो पायेगा. जबकि इन शिक्षकों के मामले मेें निर्णय लिया गया है. मात्र पदस्थापन शेष है. शिक्षक संघ का धरना व अनशन 8 सेजिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला स्थापना शाखा के ढुलमुल नीति से आजिज होकर मिथिलांचल प्राथमिक शिक्षक कल्याण संघ ने आगामी 8 दिसंबर से डीइओ कार्यालय के समक्ष धरना व अनशन का निर्णय लिया है. संघ के सचिव कमलेश यादव का कहना है कि इस संबंध में 15 फरवरी 15 को लिखित समझौता भी हुआ, लेकिन इसका अनुपालन नहीं हो सका. दूसरी ओर, प्राथमिक शिक्षक कल्याण संघ ने गुुरुवार को डीएम व डीइओ को ज्ञापन सौंपकर प्रोन्नत शिक्षकों का शीघ्र पदस्थापन की मांग की है. ज्ञापन में शिक्षक ों के आर्थिक क्षति के साथ साथ विद्यालयों में गुणवत्ता शिक्षा प्रभावित होने का उल्लेख किया है. क्या है विभागीय आदेशमध्य विद्यालयों में एचएम पद को भरने के लिए विभाग ने स्नातक वेतनमान में कार्यरत स्नातक योग्यताधारी शिक्षक ों को एक वर्ष सेवाकाल के अनुभव के आधार पर प्रोन्नति देने का आदेश दे रखा है. जिसके अनुसार वर्ष 2012 के दिसंबर में स्नातक वेतनमान वाले शिक्षकों वर्ष दिसंबर 13 में ही प्रोन्नति देना था. जिसपर जिला का टालमटोल नीति से शिक्षकों में आक्रोश बढ़ रहा है.

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