केंद्रीय मंत्री से मिले वित्तरहित शिक्षाकर्मी दरभंगा. वित्त रहित शिक्षा नीति के अंतर्गत वर्षों से कार्य कर रहे शिक्षकों एवं कर्मियों ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से मिलकर वर्षों से प्रदेश में लागू शिक्षा नीति के संदर्भ में जानकारी दी. वहीं पार्टी के घोषणा पत्र में इसे शामिल नहीं करने पर क्षोभ व्यक्त किया. दिये ज्ञापन के माध्यम से शिक्षा कर्मियों ने इस व्यवस्था को अविलंब समाप्त करने का आग्रह किया. लोगाें ने कहा कि यह नीति 1982 में लागू की गई. इसके अंतर्गत 240 डिग्री, 507 इंटर कॉलेज और 104 माध्यमिक विद्यालय भी है. वहीं इसमें शिक्षा कर्मियों की कुल संख्या 57 हजार के करीब है. वहीं बिहार में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं 60 प्रतिशत इसी संस्थानों में अध्ययन कर रहे हैं. पर इसमें कार्य करनेवाले शिक्षक एवं कर्मियों को वेतन के नाम पर शून्य मिलता है. 2008 से जो अनुदान दिया जा रहा है. वह भी नाकाफी है. इतना ही नहीं अनुदान से मिलने वाले लाभ को भी प्रबंधन द्वारा हड़प लिया जाता है. वेतन व घाटानुदान की मांग के प्रति सरकार असंवेदनशील बनी रही. शिष्टमंडल के सदस्यों ने उक्त पीड़ा के आलोक में निर्णय लेने को आग्रह किया. शिष्टमंडल में संयोजक संबद्ध डिग्री महासंघ लनामिवि प्रभात कुमार, सीनेट सदस्य लनामिवि डा. जीवछ यादव, डा. चंद्रकांत मिश्र, डा. वासुदेव साह, प्रो. उत्तीम लाल साहु, डा. ऋषि कुमार राय, डा. संजीवकुमार झा, प्रो. सुनील कुमार चौधरी आदि कई शिक्षक व कर्मी मौजूद थे.
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केंद्रीय मंत्री से मिले वत्तिरहित शक्षिाकर्मी
केंद्रीय मंत्री से मिले वित्तरहित शिक्षाकर्मी दरभंगा. वित्त रहित शिक्षा नीति के अंतर्गत वर्षों से कार्य कर रहे शिक्षकों एवं कर्मियों ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से मिलकर वर्षों से प्रदेश में लागू शिक्षा नीति के संदर्भ में जानकारी दी. वहीं पार्टी के घोषणा पत्र में इसे शामिल नहीं करने पर क्षोभ व्यक्त […]
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