24.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अराजक तत्वों को प्रश्रय दे रहा विवि प्रशासन !

दरभंगा : पांच सूत्री मांग को लेकर लनामिवि मुख्यालय पर एक पखवारा से अधिक तक चला धरना के बाद जिस तरह शिक्षक व विवि पदाधिकारियों के बीच मारपीट हुई, इसके बाद जिस प्रकार विवि कर्मी समर्थक धरनास्थल पर आकर विवि थाना की मौजूदगी में सरेआम घर से खींच लेने की धमकी दी व मारपीट की, […]

दरभंगा : पांच सूत्री मांग को लेकर लनामिवि मुख्यालय पर एक पखवारा से अधिक तक चला धरना के बाद जिस तरह शिक्षक व विवि पदाधिकारियों के बीच मारपीट हुई, इसके बाद जिस प्रकार विवि कर्मी समर्थक धरनास्थल पर आकर विवि थाना की मौजूदगी में सरेआम घर से खींच लेने की धमकी दी व मारपीट की, उसने विवि के दामन पर ऐसा दाग लगा दिया जो आनेवाले समय में भी नहीं मिटेगा.
इस घटना के बाद एक शब्द बड़ा जोर-शोर से विवि परिसर तथा इसके चिंतक के बीच उठा वह है अराजक तत्व. कुलपति प्रो साकेत कुशवाहा ने अपनी प्रतिक्रिया के दौरान आंदोलित शिक्षक, छात्र नेता व सीनेट सदस्य पर अराजक तत्वों को सहयोग देनेवाला बताया. हालांकि वहां पर ऐसा एक भी चेहरा नहीं था, जिसे लोग जानते-पहचानते न हों. वीडियोग्राफी में व फोटोग्राफी में यह स्पष्ट है.
हां, इसके बाद आंदोलित कर्मियों के साथ जो वाकया बीता, उसमें जरूर आपत्तिजनक चेहरे नजर आये. कुछ तो विवि कर्मी थे लेकिन कुछ ऐसे चेहरे भी थे जिनकी मौजूदगी सवाल खड़े कर रहे थे.
वीसी ने अराजक तत्वों को सहयोग करने का आरोप शिक्षकों पर लगाकर ‘शिक्षक समाज’ को भी कटघरे में खड़ा कर दिया. कुलपति की बात कहां तक सच है, यह तो जांच के बाद स्पष्ट होगा, किंतु विश्वविद्यालय परिसर में ऐसे चेहरे बेखौफ नजर आते हैं जिनके खिलाफ पहले भी पदाधिकारियों ने आरोप लगा रखा है. एक पदाधिकारी ने तो रोहित यादव नामक व्यक्ति पर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा तक दे दिया. बावजूद उसपर कोई परिणामदायी कार्रवाई होती नहीं दिखी. 19 मई की घटना में भी वह सुरक्षाकर्मियों का डंडा लिये सरेआम दिखा.
सूत्रों की मानें तो रोहित पर परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में बदसलूकी का आरोप लगा. इसका दबदबा विवि में किस कदर व्याप्त है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पीड़ित भी इसके खिलाफ बोलने के लिए तैयार नहीं होते.
इसी तरह दिन-दहाड़े सीसीडीसी कार्यालय के समक्ष एक शिक्षक के प्रोमोशन से संबंधित रिपोर्ट को लेकर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते उसे सबने देखा था. अंग्रेजी विभाग के एक कर्मी ने कुलपति को आवेदन देकर रोहित पर मारपीट का आरोप लगाया था. सीनेट की बैठक के दौरान छात्र प्रतिनिधियों पर असामाजिक तत्वों ने हमला भी किया था. विवि सूत्रों की मानें तो वह विश्वविद्यालय परिसर में ही एक अधिकारी के आवास में रहता आया है. जबकि उसका उससे कोई पारिवारिक संबंध नहीं बताया जाता है.
विवि के कार्यालयों में वह बेधड़क घूमता, फाइलों के बाबत छानबीन करता दिखता है. ज्ञातव्य हो कि जब कुलपति बनाम ऋषिकेश झा विवाद हुआ था तब भी रोहित यादव ने ही आरटीआइ डाला था. डॉ अभेषचंद्र झा प्रकरण में भी विवि प्रशासन का विरोध हो रहा था. इसमें भी इसकी भूमिका स्पष्ट होने की बात विवि के कर्मी व पदाधिकारी कहते हैं.
हालांकि वर्तमान विवि की हालात को देखते हुए कोई खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है. सवाल यह है कि शिक्षकों के साथ रहनेवाले अगर अराजक तत्व कुलपति को दिखते हैं तो यह क्यों नहीं नजर आता. देखना है कि विश्वविद्यालय परिसर को अराजक तत्वों से पूरी तरह मुक्त करने के सराहनीय अभियान की बात करनेवाले वीसी की नजर ऐसे लोगों पर कब पड़ती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें