डीएमसीएच : पटरी पर लौटी चिकित्सा व्यवस्था, ओपीडी में बढ़ी भीड़
दरभंगा : हड़ताल खत्म होने के बाद डीएमसीएच की ठप पड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर आ रही है. रविवार की देर संध्या लगभग 74 घंटे तक चली जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल खत्म होने से सोमवार को जहां मरीजों को भर्ती किया जाने लगा है, वहीं मरीज भी आने लगे हैं. इमरजेंसी, शिशु विभाग, प्रसूति विभाग में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई. सिंहवाड़ा निवासी सत्येंद्र पासवान अपने नौ वर्षीय पुत्र का इलाज कराने पहुंचे थे.
उन्होंने बताया कि उनके पुत्र को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया है. दूर-दूर से पहुंचने वाले कई मरीज को चिकित्सा व्यवस्था मिलने से लोगों ने राहत की सांस ली. सनद रहे कि डीएमसीएच के प्रसूति विभाग में जूनियर डॉक्टर तथा मरीज के परिजन के बीच मारपीट की घटना होने के बाद सभी जूनियर चिकित्सक हड़ताल पर चले गये, जिससे अस्पताल की व्यवस्था ठप पड़ गयी थी. मरीजों को भर्ती तक नहीं किया जा रहा था. इस दौरान 14 मरीजों की मौत भी हो गयी थी.
पहुंच रहे मरीज
हड़ताल होने के कारण जहां एक ओर तेजी से डीएमसीएच से मरीजों का पलायन शुरू हो गया था, वहीं इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या नगण्य हो गयी थी. लोगों को जैसे-जैसे जानकारी प्राप्त हो रही है वैसे लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. उत्तर बिहार के सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान होने के कारण दूर-दराज से कई जिलों के यहां तक कि पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के मरीज भी यहां पहुंचते हैं. जानकारी मिलने के उपरांत मरीजों के आने का सिलसिला धीरे-धीरे शुरू हो गया है.
सुरक्षा की मजबूत व्यवस्था
डीएमसीएच के गायनी विभाग सहित सभी वार्डो में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर किया जा रहा है. गायनी विभाग के सभी ग्रिल में जंजीर लगाकर ताले लगाये गये हैं. प्रवेश गेट तथा भीतरी गेट पर सुरक्षाकर्मी को 24 घंटे के लिए तैनात किया गया है. वार्ड के अंदर जाने के लिए मरीज के अतिरिक्त दो परिजन को अनुमति दी जायेगी.
इसके लिए प्रवेश पत्र निर्गत किया गया है. इमरजेंसी विभाग परिसर में प्रवेश के लिए गाड़ियों का प्रवेश वजिर्त रहेगी. वार्ड के मुख्य द्वार पर बने रजिस्ट्रेशन काउंटर को वहां से हटाकर पुलिस के लिए बाहरी रूम में लाया जायेगा. प्रवेश स्थान पर बने रजिस्ट्रेशन रूम में पुलिस के बैठने की व्यवस्था रहेगी. सभी वार्डो में मरीज के साथ दो परिजनों को प्रवेश कार्ड दिया जाये.
सीसीटीवी कैमरे की मांग
जिला प्रशासन के बार-बार निर्देश के बावजूद भी डीएमसीएच में सीसीटीवी कैमरा का नहीं लगना भी कई प्रश्न खड़ा करता है. इस कैमरे के लगने से कम से कम दोषी कौन है यह तो पता चलेगा. इसे लगाने के प्रति डीएमसीएच उदासीन बना हुआ है. इधर अधीक्षक की मानें तो इसे लगाने की प्रक्रिया चल रही है.