बिजली मीटर की नहीं हो रही सही रीडिंग
बिल में गड़बड़ी की समस्या झेल रहे उपभोक्ता
सुधार कराने को कार्यालय में नित्य जुटती है भीड़
रीडरों की मनमानी रोकने के लिए मीटर पर चिपकाना था स्टीकर
तीन माह पूर्व करार के बाद भी एजेंसी ने स्टीकर साटने का काम नहीं किया शुरू, मार्कर के सहारे चला रहा काम
दरभंगा : नगर में बिजली उपभोक्ताओं का सही मीटर रीडिंग नहीं हो पा रही है. उपभोक्ता रीडरों की मनमानी झेलने के लिए मजबूर हैं. रीडर के द्वारा खपत किये गये बिजली के अनुसार रीडिंग नहीं लेने से उपभोक्ताओं के साथ-साथ विभाग को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
रीडर के द्वारा किये जा रहे गलती के कारण गलत रीडिंग पर जारी बिल सुधार के लिये उपभोक्ता कार्यालय का दौड़ लगाने के लिए विवश हैं. गलत रीडिंग पर जारी बिल सुधार के लिये उपभोक्ताओं का कोपभाजन रोजाना अधिकारी व बिल सुधार काउंटर पर बैठे कर्मियों को होना पड़ता है.
शहरी क्षेत्र में रीडरों के मनमानी पर ब्रेक लगाने व उपभोक्ताओं को सही रीडिंग पर बिल जारी करने के उद्देश्य से एनबीपीडीसीएल ने मीटरों पर स्टीकर चिपकाने का निर्णय लिया था. इसे लेकर क्वैस कंपनी को तीन माह पूर्व निर्देश दिया था. इस बावत मुख्यालय रेवन्यू जीएम विजय कुमार ने पत्र जारी कर निर्देशित किया था, बावजूद इस दिशा में अबतक कार्य शुरू नहीं किया गया है.
साफ इमेज नहीं रहने पर भुगतान नहीं देने का निर्देश: जारी पत्र के अनुसार मीटर पर साटे गये स्टिकर पर सीए नंबर, मीटर संख्या व बिजली कंपनी का नाम दर्ज रहने की बात कही गयी थी. रीडिंग
लेते समय साफ इमेज नहीं आने पर विभाग ने एजेंसी से दंड वसूलने का निर्देश दिया था. मई माह से करीब नौ रुपये एक रीडर के रीडिंग के एवज में भुगतान किया जाता है. इमेज ठीक नहीं रहने पर भुगतान किये जाने वाले राशि रोकने का निर्देश दिया गया था.
1500 उपभोक्ताओं पर रखना है एक रीडर: रीडरों पर काम का दबाव कम करने को लेकर 1500 उपभोक्तओं पर विभाग क्वैस कंपनी को एक रीडर रखने को कहा था, लेकिन एजेंसी अर्बन में 19 व लहेरियासराय सब डिविजन में 16 कुल 35 रीडारों से रीडिंग ले काम निकाल रहा है. वर्त्तमान में शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं की संख्या करीब 65 हजार है.
स्टीकर नहीं लगाये जाने की बाबत क्वैस के प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज सिंह से शिकायत की गयी है. उन्होंने स्थानीय प्रतिनिधि से उपभोक्ताओं की सूची की मांग करने व जल्द स्टीकर छपवा सटवाने का आश्वासन दिया है.
नवीन मंडल, इइइ शहरी