अनुपालन नहीं करने वाले को सामान की कीमत का दोगुना लगेगा जुर्माना
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कल से आवश्यक हो जायेगा ई-वे बिल से व्यापार
अनुपालन नहीं करने वाले को सामान की कीमत का दोगुना लगेगा जुर्माना ट्रांसपोर्टिंग प्रक्रिया में चोरी रोकने के उद्देश्य यह लागू की जा रही व्यवस्था दरभंगा : एक फरवरी से ई-वे बिल के माध्यम से व्यापार करना वाणिज्य कर विभाग ने अनिवार्य कर दिया है. इस बिल के माध्यम से व्यापार 16 जनवरी से ऐच्छिक […]
ट्रांसपोर्टिंग प्रक्रिया में चोरी रोकने के उद्देश्य यह लागू की जा रही व्यवस्था
दरभंगा : एक फरवरी से ई-वे बिल के माध्यम से व्यापार करना वाणिज्य कर विभाग ने अनिवार्य कर दिया है. इस बिल के माध्यम से व्यापार 16 जनवरी से ऐच्छिक रूप से व्यापारी कर रहे थे. इस बिल के माध्यम से वस्तुओं की आपूर्ति के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसपोर्ट परमिट के स्वरूप में बदलाव किया गया है. विभाग ने ट्रांसपोर्टिंग प्रक्रिया में हो रही चोरी को रोकने के उद्देश्य यह व्यवस्था लागू की है. इससे राजस्व में बढ़ोतरी की संभावना जतायी जा रही है. जिला में अब- तक करीब 10 व्यापारियों ने ही एच्छिक रूप से ई-वे बिल के जरिए व्यापार शुरू किया है. पहली फरवरी से तमाम व्यापारियों को इस सिस्टम के जरिए ही ट्रांसपोर्टिंग व्यापार करना होगा. इसका अनुपालन नहीं करने वाले व्यापारियों को सामान की कुल कीमत का दोगुना जुर्माना लगाया जायेगा.
क्या होगा इस व्यवस्था से फायदा
किसी भी उत्पाद को राज्य के अंदर या बाहर ले जाने के लिए पहले ट्रांसपोर्ट परमिट की जरुरत होती थी. अब सरकार ने ट्रांसपोर्ट परमिट को इलेक्ट्रॉनिक बिल जरूरी होगा. सामान की ढ़ुलाई चाहे जहां के लिए उसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. ई-वे बिल में सप्लायर, ट्रांसपोर्ट और प्राप्त कर्ता का विवरण दिया जाता है. ई- वे बिल में दिन व दूरी के अनुसार कर निर्धारित किया गया है.
ट्रांसपोर्टर होगा जवाबदेह
किसी कारण से विक्रेता या क्रेता ई-वे बिल नहीं बनाते हैं और सामान की कीमत 50 हजार से अधिक है, तो ट्रांसपोर्टर की जवाबदेही होगी कि वह प्राप्त चालान बिल की कॉपी या इनवॉइस के आधार पर ई- वे बिल जेनरेट करे. सामान को एक जगह से दूसरी जगह तक ट्रांसफर करने से पहले ट्रांसपोर्टर को ई- वे बिल में आवागमन की जानकारी अप-टू-डेट करनी होगी. अगर ट्रांसपोर्ट एक ही गाड़ी से बहुत से वस्तुओं को ले जाना चाहता है तो उसे प्रत्येक वस्तु के ई- वे बिल को दर्ज करना होगा.
ट्रांसपोर्ट हुआ आसान
अगर सामान को एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचाने के दौरान गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है, तो उस सामान को दूसरी गाड़ी में ट्रांसफर करने के बाद एक नया बिल जेनरेट होगा. जब विक्रेता ई- वे बिल को जीएसटीएन पोर्टल पर अपलोड करेगा, तो एक यूनिक ई- वे नंबर सप्लायर ट्रांसपोर्ट और सामान पाने वाले तीनों के लिए होगा. इस नंबर को जीएसटीआर वन फार्म में विवरण देने के समय इसका उपयोग किया जा सकता है. ई-वे बिल जनरेट होने के 72 घंटे के अंदर ही वस्तु के प्राप्त कर्ता को सामान को स्वीकार करने की अपनी सहमति देनी होगी. अगर वह नहीं ऐसा करता है तो 72 घंटे के बाद यह मान लिया जायेगा कि सामान स्वीकार कर लिया गया है.
इस स्थिति में जरूरी नहीं है ई-वे बिल
बिना मोटर वाले वाहन से ट्रांसपोर्टिंग, कॉन्ट्रासेप्टिव, जुडिशल और ननजुडिसिएल स्टांप पेपर, न्यूज पेपर, ज्वेलरी, खादी, रॉसिल्क, इंडियन फ्लैग, निगम का कचरा, पूजा सामग्री, एलपीजी गैस तथा केरोसिन की ढ़ुलाई पर ई-वे बिल नहीं लगेगा. इसके अलावा अन्य सभी सामान को इस सिस्टम में लाया गया है.
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