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डीएमसीएच में अनुमान से निकाला जाता खून

बदहाली. खून की मात्रा मापनेवाला कलेक्शन मॉनीटर खराब दरभंगा : डीएमसीएच का रक्त अधिकोष विभाग का बुरा हाल है. यह कितना बदहाल है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां अनुमान से खून निकाला जाता है. कारण खून की मात्रा बताने वाली मशीन खराब है. इसके अलावा और भी कई समस्याएं हैं, […]

बदहाली. खून की मात्रा मापनेवाला कलेक्शन मॉनीटर खराब

दरभंगा : डीएमसीएच का रक्त अधिकोष विभाग का बुरा हाल है. यह कितना बदहाल है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां अनुमान से खून निकाला जाता है. कारण खून की मात्रा बताने वाली मशीन खराब है. इसके अलावा और भी कई समस्याएं हैं, जो कार्य में व्यवधान डालने के साथ ही जमा ब्लड को सुरक्षित रखने की भी मुकम्मल प्रबंध नहीं हैं. एक तरफ महकमा रक्त के महत्व को प्रचारित कर लोगों से रक्तदान के लिए लगातार जन जागृति अभियान चला रहा है, लेकिन डीएमसीएच के ब्लड बैंक की बदहाली दूर करने की दिशा में ठोस पहलकदमी नहीं कर रहा है.
ब्लड कलेक्शन मॉनीटर सालों से खराब
यहां काम आने वाले उपकरण की स्थिति भी बदतर है. इससे रक्तदान के लिए आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है. विभाग में दो डोनर चेयर है. एक डोनर चेयर का दोनों आर्म टूटे हुये हैं. इससे ब्लड डोनेट करने वाले को परेशानी होती है. ब्लड कलेक्शन मॉनीटर सालों से खराब पड़ा है. बता दें कि डोनर से 350 एमएल खून निकाला जाता है. मॉनीटर खराब होने से डोनर से कितना ब्लड निकला इसकी सही जानकारी कर्मियों को नहीं मिल पाती है. कर्मी अनुमान से ही ब्लड निकालते हैं. मॉनीटर खराब रहने के कारण कर्मी कम मात्रा में ब्लड निकाल पाते हैं. इस कारण विभाग में जितना ब्लड संचयन होना चाहिये, उतना नहीं हो पाता है. इसके अलावा विभाग के गेट पर सालों से एक जेनरेटर पड़ा है. आज तक इसका उपयोग नहीं किया जा सका है.
आज तक नहीं हुई बर्फ की खरीद
डेल्यूशन बनाने के लिए डिस्टिल वाटर या बर्फ की आवश्यकता होती है, लेकिन आज तक इसकी खरीद हुई ही नहीं. नॉरमल स्लाइन का प्रयोग करने से डेल्ययूशन बनाने में दिक्कत होती है. ब्लड को संचयन के लिए प्रयोग होने वाले -40 डिग्री एवं -80 डिग्री के दोनों रेफ्रिजरेटर दो साल से खराब हैं. इसके स्थान पर एक रेफ्रिजरेटर दिया गया है, जिसके सहारे प्रयोग कर काम चल रहा है. इसकी मरम्मत नहीं हो सकी है.
ब्लड ग्रुप टेस्ट करनेवाला उपकरण भी बेकार: ब्लड टेस्टिंग में प्रयुक्त होने वाला लार्ज ड्रापर पीपास्च प्रीपेड भी खराब है. इस ग्लास ट्यूब से ही ब्लड निकालकर उसका ग्रुप टेस्ट किया जाता है.
ब्लड से प्लाजमा सेपरेट करने वाला सेन्ट्रीफ्युज मशीन चार साल से खराब है. प्लाजमा सेपरेट करने में कर्मियों को परेशानी झेलनी पड़ती है. विभाग में ब्लड का सही मात्रा में संचयन नहीं होने से हमेशा खून का अभाव बना रहता है.
चारों तरफ गंदगी का अंबार
यहां ब्लड का संचयन होता है. यहां डोनर से ब्लड लेकर जरूरतमंद मरीजों को आवश्यक ग्रुप का ब्लड देकर उसकी जान बचायी जाती है, लेकिन यह विभाग खुद बीमार है. यहां मूलभूत सुविधा का अभाव है. यहां पीने का पानी, शौचालय, हाथ साफ करने के लिए साबुन भी कर्मियों को उपलब्ध नहीं है. कर्मी जरूरत के अनुरूप पानी को बरतन में जमा कर रखते हैं. यह एक ऐसी लैबोरटरी है जहां स्वच्छता के बजाय चारों ओर गंदगी फैली रहती है.
विपरीत परिस्थिति में कामकर रहे हैं. कई बार पत्र के माध्यम से डीएमसीएच प्रशासन को सूचित किया गया है, बावजूद कोई काम नहीं हो रहा है. दुबारा पत्र के माध्यम से विभाग में व्याप्त कमियों से अधीक्षक को अवगत कराया जायेगा.
-डॉ ओपी चौरसिया,
एचओडी, रक्त अधिकोष, डीएमसीएच

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