छात्र को डिग्री पार्ट वन के प्रतिष्ठा विषय के द्वितीय पत्र में 100 अंकों की परीक्षा में 551 अंक दे दिया गया है. विश्वविद्यालय की इस गड़बड़ी के कारण छात्र मनोज एमए में आवेदन नहीं कर पा रहा है. वह प्राप्तांक सुधारने के लिए विवि का चक्कर काट रहा है.
प्रकाशित रिजल्ट का टीआर एवं अंक पत्र अभी तक विश्वविद्यालय में उपलब्ध नहीं होने के कारण विवि के कर्मचारी व अधिकारी चाह कर भी छात्र का सहयोग नहीं कर पा रहे हैं. इधर, पीजी में नामांकन के लिए आवेदन जमा करने की तिथि 25 अक्तूबर तक ही निर्धारित है. ऐसे में समय रहते मनोज का अंक पत्र दुरुस्त नहीं किया गया तो वह पीजी में नामांकन भी नहीं ले सकेगा. विवि के उप परीक्षा नियंत्रक द्वितीय डॉ यूके दास का कहना है कि डाटा इंट्री के दौरान तकनीकी गलती के कारण ऐसा हुआ है. यथाशीघ्र ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है.