दरभंगा : दरभंगा व्यवहार न्यायालय के चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार मालवीय की अदालत ने पत्नी हंता को सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने 22 सितंबर को इस मामले में आरोपित पति किशन राम उर्फ कृष्णा राम को दहेज नहीं मिलने के कारण अपनी पत्नी की हत्या करने के मामले में दोषी पाया था.
यह मामला अदालत में सत्र वाद संख्या 377/ 2015 चल रहा है. मामले का संचालन कर रहे अपर लोक अभियोजक ज़ाकिर हुसैन ने बताया कि सिमरी थाना क्षेत्र के रसलपुर टोला निवासी राम बहादुर राम अपनी पुत्री संजू देवी की शादी 19 मई 2013 को कमतौल थाना क्षेत्र के जगजीवन नगर ब्रह्मपुर निवासी कमलेश राम के पुत्र किशन राम उर्फ कृष्णा राम के साथ की थी. शादी के बाद से ही संजू देवी के पति किशन राम और उसके ससुराल के लोग दहेज में एक लाख रुपया और मोटरसाइकिल की मांग करने लगे.
दहेज में रुपया और मोटरसाइकिल नहीं मिलने के कारण राम किशन राम ने 5 जून 2015 को संजू देवी की गला दबाकर हत्या कर दी. इस संबंध में मृतका संजू देवी के पिता रामबहादुर राम के बयान पर 6 जून 2015 को कमतौल थाना में कांड संख्या 68/ 2015 दर्ज किया गया. आरोप गठन के पश्चात अभियोजन की ओर से नौ गवाहों की गवाही कराई गई. इसमें चिकित्सक डॉ वेदानंद झा और अनुसंधानक राधेश्याम सिंह शामिल हैं. अदालत ने शनिवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई के पश्चात दोषी कृष्णा राम को सात वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.