दरभंगा : डीएमसीएच की सुरक्षा को लेकर आउटसोर्सिंग के तहत बहाल किये गये सुरक्षा गार्ड की बहाली में गड़बड़ी की पटना से जांच करने आयी टीम ने फर्जीवाड़ा पकड़ा है. टीम का नेतृत्व कर रहे विभाग के डायरेक्टर इन चीफ डॉ. आरडी रंजन ने बताया कि प्रथम दृष्टया सुरक्षा गार्ड की बहाली में गड़बड़ी पकड़ा […]
दरभंगा : डीएमसीएच की सुरक्षा को लेकर आउटसोर्सिंग के तहत बहाल किये गये सुरक्षा गार्ड की बहाली में गड़बड़ी की पटना से जांच करने आयी टीम ने फर्जीवाड़ा पकड़ा है. टीम का नेतृत्व कर रहे विभाग के डायरेक्टर इन चीफ डॉ. आरडी रंजन ने बताया कि प्रथम दृष्टया सुरक्षा गार्ड की बहाली में गड़बड़ी पकड़ा गया है. उन्होंने बताया कि डीएमसीएच के सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी में फर्जीवाड़ा की बात सामने आने पर वे लोग जांच करने पहुंचे हैं. जांच के दौरान गार्ड को रखने का आधार मांगा गया.
बताया गया कि वर्ष 2006 में डीएमसीएच में यहां की सुरक्षा को लेकर रोगी कल्याण समिति के अनुमोदन पर 60 सुरक्षा गार्ड को आउटसोर्सिंग के तहत रखा गया. आवश्यकता होने पर वर्ष 2008 में रोगी कल्याण समिति से अनुमोदन लेकर 30 और सुरक्षा गार्ड को रखा गया. लेकिन आज की तारीख में 102 सुरक्षा गार्ड को रखा गया और उसका भुगतान भी किया जा रहा है. इस 12 अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड को बिना रोगी कल्याण समिति के अनुमोदन के ही बहाली कर ली गयी. जो नियम की अनदेखी और गड़बड़ी है.
डॉ रंजन ने बताया कि वे लोग सभी सुरक्षा गार्ड का पैरेड करा रहे हैं. बारी-बारी से सबों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है. वहीं सबों को परिचय पर रखा जा रहा है. अभी तक करीब चालीस गार्ड का वेरिफिकेशन किया गया है. समाचार लिखे जाने तक गार्ड का वेरिफिकेशन चल रहा है. तीन सितंबर को शिशु रोग विभाग व चार सितंबर को गायनिक विभाग में मरीजों की मौत के बाद हुये हंगामा. वहीं पांच सितंबर को पीजी चिकित्सकों द्वारा अधीक्षक की पिटाई मामला को गंभीरता से लेते हुये जिला प्रशासन ने डीएमसीएच प्रशासन से अस्पताल में सुरक्षा के लिये तैनात किये गये गार्ड की सूची तलब की. जब गार्ड का पैरेड कराया गया तो महत 45 गार्ड की पाये गये. इसपर सुरक्षा में गड़बड़ी की आशंका पर डीएम ने इसकी जांच के लिये तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया. आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग को इसका प्रतिवेदन भेजा. डीएम के प्रतिवेदन पर आज पटना से डायरेक्टर इन चीफ के नेतृत्व में टीम यहां पहुंची.