दरभंगा : शहर में बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों की स्थिति अभी भी नारकीय बनी हुई है. घरों में पानी घुसा हुआ है. सड़कें डूबी हुई हैं. सैकड़ों परिवार विस्थापित जिंदगी गुजार रहे हैं. बागमती नदी के जलस्तर में कमी नहीं आने की वजह से पानी रुका हुआ है. लोग कमर भर पानी तैरकर आवागमन के लिए मजबूर हैं.
निकट भविष्य में इस परेशानी से बाढ़ की त्रासदी झेल रहे मुहल्ले के लोगों को निजात मिलने की आसार भी नजर नहीं आ रहे. लगातार एक पखवाड़ा से जलजमाव रहने की वजह से घर धराशायी हो रहे हैं. जिन घरों से पानी निकल गया है, वहां की जमीन में दरार फट गयी है. रहना मुश्किल है. ऐसे में पानी निकल जाने के बाद भी बाढ़ पीड़ितों की समस्या खत्म होती नहीं दिख रही. प्रशासन एक शाम का भोजन देने के सिवा फिलहाल कुछ भी नहीं कर पा रहा. सामाजिक स्तर से भी इससे अधिक की मदद नहीं हो रही है.
ठहर गया बाढ़ का पानी : उल्लेखनीय है, 15 अगस्त के बाद बाढ़ शहर में दस्तक दी थी. हालांकि इसकी शुरुआत इससे पहले ही जिले के घनश्यामपुर प्रखंड में बाउर के समीप कमला नदी का तटबंध टूटने से के साथ हुई थी. इसके बाद तारडीह में तटबंध टूट गया.
मधुबनी में आई बाढ़ के पानी ने जाले-कमतौल क्षेत्र में तबाही मचाना शुरू कर दिया. इसी बीच 16 अगस्त की रात से शहरी क्षेत्र में बागमती का पानी फैलने लगा. लोग विस्थापित होने लगे. पानी बढ़ने का सिलसिला करीब एक सप्ताह तक जारी रहा. अब पानी ठहर गया है. न इसमें वृद्धि हो रही है और न ही अपेक्षित कमी ही आ रही है.
दो से चार फुट बह रहा पानी :
सबसे अधिक परेशानी में बागमती नदी के पश्चिम बसे मुहल्लों की है. इन मुहल्लों में अभी भी बाढ़ की समस्या विकराल बनी हुई है. सैकड़ों घरों में पानी घुसा हुआ है. सड़कों पर जगह-जगह दो से चार फुट पानी बह रहा है. चिंता की बात यह है कि एक पखवाड़ा से अधिक वक्त गुजर जाने के बाद भी आज तक इन मुहल्लों की ओर नदी का पानी प्रवाहित हो ही रहा है. घर-बार छोड़कर लोग विस्थापित जिंदगी बसर कर रहे हैं.
अधिकतर घर हो गये क्षतिग्रस्त :
शहर के वार्ड संख्या नौ के कई मुहल्लों में अभी भी स्थिति विकराल बनी हुई है. इस वार्ड के नागेश्वार टोला, बख्तौर गंज, रत्नोपट्टी आदि क्षेत्र में बाढ़ के पानी की स्थिति जस की तस है. लोग विस्थापित जिंदगी जी रहे हैं. राधा देवी, सुमन राय, सन्नो देवी, अब्दुल जब्बार, हरि पासवान आदि ने कहा कि जिन घरों से पानी निकल गया है, उन घरों की जमीन में दरार फटनी शुरू हो गयी है. बाढ़ के पानी के थपेड़े झेलने से घर जर्जर हो चुके हैं. जो घर खड़े हैं भी उनकी दीवारें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी हैं. अभी तक सर्वेक्षण के लिए भी हम लोगों के पास तक कोई नहीं पहुंच सका है. पता नहीं हमलोगों की किस्मत में क्या लिखा है.
अब भी शहर के कई मुहल्लों में घुस रहा बागमती का पानी
धीमी गति से निकल
रहा है बाढ़ का पानी
बाढ़ की त्रासदी झेलनेवाले मुहल्लों में वार्ड तीन का महदौली भी शामिल है. इस मुहल्ले की जय देवी, सुशीला देवी, विपत देवी, नंद लाल पासवान, पुतुल देवी, मालती देवी आदि का कहना है कि पानी निकलने की रफ्तार काफी धीमी है. अगर इसी गति से पानी कम हुआ तो कम से कम एक पखवाड़ा और लगेगा. अभी हम लोगों को इसी समस्या के बीच रहना होगा. हम लोगों की सुधि लेनेवाला कोई है ही नहीं. जैसे हैं अपने हाल पर हैं.
जमींदोज मकानों को खड़ा करने की सता रही चिंता
वार्ड तीन के अंतर्गत ही आनेवाले मुहल्ला वाजितपुर की स्थिति विकट है. दर्जनों घरों में अभी पानी है. लोग कातर नजर से धराशायी अपने घर को बस निहार भर पा रहे हैं. सड़कें डूबी हुई हैं. इस मुहल्ले की आरती देवी, कविता देवी, उर्मिला देवी, भरत पासवान, संझा देवी आदि कहती हैं कि पानी निकल भी गया तो हम लोग कहां जायेंगे. घर गिर चुका है. अभी खुले आसमान के नीचे हैं, आनेवाले समय में भी वही नसीब होनेवाला है. पता नहीं फिर से कैसे अपना आशियाना खड़ा कर पायेंगे.
बाढ़ कम होने का कर रहे इंतजार : पानी में डूबे घर नित्य धराशायी हो रहे हैं. नगर निगम क्षेत्र के वार्ड अंतर्गत सतिहारा, हरिजन टोला, बिचला टोला के सहदेव राय, जिवछी देवी, ललिता देवी, कैलाश पासवान, शत्रुघ्न पासवान आदि बताते हैं कि अभी इन मुहल्लों में स्थिति भयावह बनी हुई है. सड़कों पर पानी बह रहा है. घर डूबे हुए हैं. इसी बीच में बाढ़ कम होने का इंतजार कर रहे हैं. पानी है कि कम नहीं हो रहा.