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विवादित अफसर बने आॅब्जर्वर

गड़बड़झाला. गबन मामले के आरोिपत अिधकारियों को िमली बड़ी िजम्मेवारी गुरुवार से मतगणना शुरू हो रही है़ किसी भी हालात से निपटने को प्रशासन तैयार है़ एआरओ, आरओ, आब्जर्वर सभी ने अपनी पोजीशन ले ली है़ सुरक्षा भी पुख्ता कर लिये गये है़ं डीटीओ दफ्तर हेरफेर में सुर्खियां बटोर रहे अफसरों को निर्वाचन प्रशासन ने […]

गड़बड़झाला. गबन मामले के आरोिपत अिधकारियों को िमली बड़ी िजम्मेवारी

गुरुवार से मतगणना शुरू हो रही है़ किसी भी हालात से निपटने को प्रशासन तैयार है़ एआरओ, आरओ, आब्जर्वर सभी ने अपनी पोजीशन ले ली है़ सुरक्षा भी पुख्ता कर लिये गये है़ं
डीटीओ दफ्तर हेरफेर में सुर्खियां बटोर रहे अफसरों को निर्वाचन प्रशासन ने सौंपी बड़ी जिम्मेवारी
बेतिया : डीटीओ दफ्तर गबन कांड में गड़बड़ी करने के मामले में सुर्खियां बटोर रहे अफसरों को निर्वाचन प्रशासन ने बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है़ इन अफसरों को मतगणना का आॅब्जर्वर बना दिया गया है़
लिहाजा पूरे एक प्रखंड की काउंटिंग अब इनके निगरानी में होगी़ सुरक्षा में तैनात पुलिस से लेकर मतगणना में जुटे पदाधिकारी और मतों की गिनती कर रहे कर्मी अब इनके आदेश-निर्देश का पालन करेंगे़ इलेक्शन काउंटिंग सभी गतिविधियां इनके देखरेख में होगी़ हालांकि इनके ऊपर भी वरीय अधिकारी की तैनाती है, लेकिन इनके आब्जर्वर बनने से चर्चा जोरों पर है़
गौरतलब हो कि जिले के 18 प्रखंडों में संपन्न हो चुके मतदान के बाद अब गुरुवार से मतगणना का कार्य शुरू हो रहा है़ निर्वाचन प्रशासन की ओर से सभी प्रखंडों के निर्वाचन पदाधिकारी व सहायक निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यक्षेत्र बदल दिये गये है़ं हालांकि निर्वाचन कार्यालय प्रशासन की ओर से मतगणना के लिए जारी आब्जर्वर की सूची पर सवाल उठने लगा है़
सूची में डीटीओ निरोज कुमार भगत व प्रभारी डीटीओ रहे संजय कुमार का भी नाम है़ जिनके ऊपर डीटीओ कार्यालय में तैनात रहे कर्मी लक्ष्मण प्रसाद व कुंदन कुमार ने गंभीर आरोप लगाये है़ं बावजूद इनके इन अफसरों को मतगणना में आब्जर्वर बनाने पर जोरों की चर्चा हो रही है़
बगहा-एक व बैरिया में बने हैं आब्जर्वर
परिवहन विभाग गबन मामले में कर्मियों के स्वीकारोक्ति बयान में शामिल डीटीओ निरोज कुमार भगत को बगहा-एक प्रखंड का आब्जर्वर बनाया गया है़ वहीं प्रभारी डीटीओ रहे संजय कुमार को बैरिया प्रखंड में आब्जर्वर की जिम्मेवारी सौंपी गयी है़
क्या है मामला
बीते माह 11 मई को डीटीओ कार्यालय के दो कर्मी लक्ष्मण प्रसाद व कुंदन कुमार को पुलिस ने 15.68 लाख के गबन के मामले में गिरफ्तार किया था़ इसका आवेदन डीटीओ निरोज भगत ने दिया था. इस गबन का खुलासा महालेखाकार की ऑडिट में हुआ था़ मामले में गिरफ्तार कर्मियों ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में डीटीओ कार्यालय के बड़ा बाबू सरफराज,
डीटीओ निरोज कुमार भगत, प्रभारी डीटीओ रहे संजय कुमार, एमवीआइ अरूण कुमार सिंह समेत अन्य कर्मियों के संलिप्त होने का खुलासा किया था़ इस मामले की एडीएम ने भी जांच की थी़ फिलहाल डीएम ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की है़
15.68 लाख के हेरफेर में गिरफ्तार कर्मियों ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में अफसरों पर लगाया गबन में शामिल होने का आरोप
डीडीसी से दो सवाल
डीटीओ दफ्तर गबन मामले में नाम आने पर जब वहां के स्टॉफ से कार्य नहीं लिया जा रहा तो अफसरों से कार्य लेने का क्या औचित्य है?
जवाब: गबन मामले की जांच चल रही है़ अभी दोष साबित नहीं हुआ है़ जो भी दोषी साबित होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी़
क्या मतगणना की पारदर्शिता पर सवाल नहीं उठेगी?
जवाब: आब्जर्वर बनाने का मतलब यह नहीं है कि मतगणना के सभी कार्य उनकी निगरानी में होंगे़ उनके ऊपर भी वरीय पदाधिकारी हैं, हम लोग है़ं डीएम खुद इसकी मॉनीटरिंग करेंगे़
एसपी से दो सवाल
डीटीओ गबन कांड में गिरफ्तार कर्मियों के स्वीकारोक्ति बयान में आये नामों पर पुलिस क्या कार्रवाई कर रही है?
जबाब : पुलिस गबन मामले में अनुसंधान कर रही है़ गिरफ्तार कर्मियों के स्वीकारोक्ति बयान में जो भी नाम आये हैं, वह सभी अनुसंधान के दायरे में है़ कानून से कोई नहीं बच सकता है़
टाइम बम मामले में गिरफ्तार शहनवाज के बयान पर पूर्व विधायक को अभियुक्त बना दिया गया तो मामले में पुलिस गिरफ्तार डीटीओ कर्मियों के बयान पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
जबाब : गबन मामले में शामिल अधिकारी व कर्मियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाया जा रहा है़ जल्द हीं उसका असर दिखेगा़ पुलिस अपना वर्क कर रही है़

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