पीएमयूएनजीओ योजना . गरीब लाभुक पूछ रहे सवाल
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हमें पक्का मकान क्यों नहीं?
पीएमयूएनजीओ योजना . गरीब लाभुक पूछ रहे सवाल नगर परिषद क्षेत्र के गरीब व बेसहारा लाभुकों ने कार्यपालक पदाधिकारी से गुहार लगाते हुए कहा है. हम गरीब लाभुकों पर तरस खाइये. सिर्फ अमीरों को पक्के मकान की जरूरत नहीं. हम गरीबों को भी पक्के मकान की जरूरत हैं. हम आंधी-तूफान के बाद हमें खुले आसमान […]
नगर परिषद क्षेत्र के गरीब व बेसहारा लाभुकों ने कार्यपालक पदाधिकारी से गुहार लगाते हुए कहा है. हम गरीब लाभुकों पर तरस खाइये. सिर्फ अमीरों को पक्के मकान की जरूरत नहीं. हम गरीबों को भी पक्के मकान की जरूरत हैं. हम आंधी-तूफान के बाद हमें खुले आसमान में रहने को विवश होना पड़ता है. साथ ही फरजी लाभुकों की जांच करने की मांग की है.
फारबिसगंज : कार्यपालक साहब ! हम गरीब जरूर हैं लेकिन इसी नप क्षेत्र के लाभुक हैं साहब. हम गरीब लाभुकों पर भी तरस खाईये साहब. सिर्फ धनाढ्यों को पक्के मकान की ज़रूरत नहीं, बल्कि हम गरीब लाभुकों के लिए भी जरूरी है. आखिर फर्जी लाभुकों की जांच क्यों नहीं हो रही हैं. कहीं इसमें भी तो आपकी मजबूरी नहीं है साहब? आपको एक चश्मे से दो दृश्य क्यों दिखायी देता है साहब ?
संवाद संकलन के दौरान फूस के घर में गुजर बसर करने वाले लाभुक कुछ इस अंदाज़ में अपनी पीड़ा सुनाते नजर आये. फारबिसगंज नगर परिषद क्षेत्र के गरीब लाभुक लाभुकों का कहना था कि सरकार की यह योजना फूस झोपड़ियों में गुजर-बसर करने वालों के लिए है न कि पूर्व निर्मित पक्के मकान वालो के लिए.
लेकिन जब शहर के मुख्य पार्षद के वार्ड में ही फर्जीवाड़ा है तो और वार्ड की क्या स्थिति होगी. लेकिन विभाग के बिचौलियों द्वारा मोटी कमाई के चक्कर में हम गरीब लाभुकों को आंधी तूफान में खुले आसमान में रहने को मजबूर होना पड़ता है, जो कि नप की दोहरी नीति को उजागर करता है, जिसका शिकार हम गरीब लाभुक हो रहे हैं.
नप पर लगाया आरोप
वार्ड संख्या 17 के अशोक दास के पुत्र कन्हैया दास ने नप पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब उनका पक्का का पुराना मकान था तो उनके पापा के नाम चयनित लाभुकों की सूची में कैसे आया. उन्होंने इसके लिए कभी दावा भी नहीं किया था. फिर नप द्वारा मेरा नाम कैसे शामिल हो गया. यह नप के सिस्टम का दोष है. जिसका खमियाजा वे क्यों भुगतें.
वे अब इस चिंता में हैं कि इतनी बड़ी रकम कहां से वापस करेंगे. क्योंकि जिसने पहली किश्त की राशि ली थी वे अब इस दुनियां में नहीं हैं.
पीएमयूएनजीओ व एसवीएस योजना
सचिव सहित पार्षदों में हड़कंप
आज फारबिसगंज नप के सारे वार्ड पार्षद एक जुट होकर इस फर्जी भुगतान मामले को किसी तरह लीपापोती करने में लग गये हैं. लेकिन उसी दौरान एक मामला और दबी जुबान से चर्चा मे आया था कि कई वार्ड में लाभुक कोई और भुगतान किसी और को हो गया. इस मामले में गाज एसवीएस के सचिव व पीएमयु पर गिर सकती है. कारण भुगतान की अनुशंसा सचिव के द्वारा ही की जाती है. लेकिन खास बात यह है कि ज्यादातर चुने गये सचिव वार्ड पार्षद कि मां, पत्नी या संबंधी हैं, जिस कारण इन पार्षदों को भी भय सताने लगा है.
कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी सुमन कुमार ने कहा कि जांच सभी विषयों पर चल रही है. दोषियों पर कारवाई होगी तथा जल्द ही शेष लाभुकों के चयन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
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