नगर निकाय चुनाव . कहीं जीत की खुशी, तो कहीं गम में डूबे प्रत्याशी
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दिग्गजों की मेहनत नहीं आयी काम
नगर निकाय चुनाव . कहीं जीत की खुशी, तो कहीं गम में डूबे प्रत्याशी रक्सौल : जनता ने अपना मिजाज मतदान के रूप में जाहिर किया तो कई पार्षदों की वापसी नगर परिषद् में नहीं हो सकी है. सबसे अजीब और हैरतअंगेज परिणाम नगर परिषद् के निवर्तमान सभापति रेणु गुप्ता व उपसभापति प्रमोद सिंह हार […]
रक्सौल : जनता ने अपना मिजाज मतदान के रूप में जाहिर किया तो कई पार्षदों की वापसी नगर परिषद् में नहीं हो सकी है. सबसे अजीब और हैरतअंगेज परिणाम नगर परिषद् के निवर्तमान सभापति रेणु गुप्ता व उपसभापति प्रमोद सिंह हार गये. रेणु गुप्ता पहले से वार्ड नंबर 19 से पार्षद थी और इस बार वे सीट बदलकर वार्ड संख्या 18 से चुनाव लड़ रही थी. जहां जनता ने उन्हे करारी शिसक्त का मुंह देखने को मजबूर कर दिया है. इस वार्ड से खुश्बू देवी पहली बार चुनाव लड़ी और उन्होंने शानदार जीत हासिल की है. इन्हे कुल 842 मत प्राप्त है तो निर्वतमान सभापति रेणु गुप्ता तीसरे स्थान पर रही है और इन्हे मात्र 116 मत प्राप्त हुआ है.
इतना हीं नहीं निर्वतमान सभापति के पति सुरेश कुमार उर्फ मंटू गुप्ता सभापति रेणु गुप्ता की सीट 19 से चुनाव मैदान में कुदे थे. जहां इन्हे भी हार का सामना करना पड़ा और सत्यम कुमार श्रीवास्तव उर्फ नन्हे श्रीवास्तव पराजित किया है. यहां से नन्हे श्रीवास्तव को 471 मत प्राप्त हुये तो मंटू गुप्ता को मात्र 278 मतो से संतोष करना पड़ा यानि अंतर 193 मतो का रहा. इनके साथ-साथ निर्वतमान उपसभापति प्रमोद सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा है.
प्रमोद सिंह पहली बार 1986 में पार्षद के रूप में नगर परिषद् में प्रवेश किये थे और 2002 में इन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2007 में पुन: पार्षद बने और तब से अब तक पार्षद के रूप में काबिज रहे, उन्हें उनके कभी के करीबी कहे जाने वाले घनश्याम प्रसाद ने 37 मतो से पराजित किया है. हालांकि प्रमोद सिंह अपने चुनाव प्रचार में यह कहते रहे कि यह उनका आखिरी चुनाव है. यानि इसके बाद वे चुनाव नहीं लड़ेगें. लेकिन जनता के मन मिजाज में कोई अंतर नहीं आया है और उन्हे पार्षद बनने से रोक दिया.
20 नये चेहरे : ऐसे तो नगर परिषद् रक्सौल में 25 वार्ड है और इस बार नगर परिषद् में 20 नया चेहरा देखने को मिलेगा. जबकि मात्र 5 लोग अपना सीट बचा सके है और पिछली बार की तरह इस बार भी वे नगर परिषद् पहुंचे है. हालांकि 20 नये चेहरो में तीन चेहरा ऐसा है. जिसका कोई निकट संबंधी पिछली बार के नगर परिषद् में पार्षद रहा है और आरक्षण में महिला सीट हो जाने के कारण इन्हे लड़ना पड़ा है. हालांकि इन्हे जो मत मिले है उसे उनके संबंधी का प्रभाव ही माना जायेगा.
पूराने चेहरो में पूर्व सभापति उषा देवी का नाम प्रमुख है जो पिछली बार साढ़े चार साल तक नगर परिषद् की सभापति रहीं है. इसके अलावे वार्ड नंबर 14 से काशीनाथ प्रसाद, वार्ड नंबर 15 से राजकिशोर प्रसाद, वार्ड नंबर 16 से मो0 अब्बास, वार्ड नंबर 17 से अमुल नेशा का नाम रहा है. जबकि वार्ड नंबर 20 से पिछली बार पार्षद रहे सुरेन्द्र कुमार की पत्नी उषा देवी, वार्ड नंबर 21 से पिछले बार के पार्षद ओमप्रकाश पांडेय की भाभी गायत्री देवी तो वार्ड नंबर 4 से निर्वतमान पार्षद व इसी वार्ड से तीन बार पार्षद रहे पुरुषोतम कुमार की पत्नी अर्चना देवी पार्षद पद को सुशोभित कर रही है.
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