रंगदारी में वसूले गये सात करोड़ रुपये संतोष के पास
पैसों को लेकर मुकेश में दिखा संतोष पर गुस्से का भाव
मोतिहारी : दरभंगा डबल इंजीनियर मर्डर के बाद मुकेश पाठक ने कंट्रक्शन कंपनियों से करीब सात करोड़ रुपये की रंगदारी वसूली है. रंगदारी में वसूला गया सारा पैसा संतोष झा ने रिश्तेदारों के बैंक एकाउंट में रखा है. पैसे को लेकर संतोष व मुकेश के बीच मनमुटाव के संकेत मिले है.
बताया जा रहा है कि पुलिस ने मुकेश से जब संतोष के बारे में पूछा तो उसके चेहरे पर गुस्से का भाव दिखा. कहा हमे सिर्फ इस्तेमाल किया गया है. पैसों का हिसाब-किताब संतोष रखता है. जरूरत रहती है एक लाख की, मिलता है 25 से 30 हजार.उसने पुलिस को यह भी बताया है कि उत्तर बिहार के बड़े-बड़े प्रोपटी डिलरों के कारोबार में संतोष ने पैसा इंवेस्ट कर रखा है. हालांकि पुलिस मुकेश की बातों पर विश्वास नहीं कर रही,
क्योंकि गिरफ्तारी से एक सप्ताह पहले तक दोनों के बीच मोबाइल पर बातचीत होने का प्रमाण पुलिस को मिला है, लेकिन मौजूदा हालात से मुकेश की बातों में कुछ सच्चाई झलक रही है. मुकेश की गिरफ्तारी, उसकी निशानदेही पर शिवहर से संतोष के विश्वासी संजय झा के अलावे विजय झा व राघव झा का पकड़ा जाना फिर एके 56 व कारतूस की बरामदी ने मुकेश व संतोष के रिश्तों पर शक पैदा कर दिया है. मुकेश हार्डकोर अपराधी है.
वह इतनी आसानी से टुटने वाला नहीं. फिर ऐसी कौन सी वजह थी, जिसके कारण उसने पुलिस के सामने आसानी से घुटने टेक दिया. यह सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है.
संजय को संतोष देता था छह हजार का महिना: एके56 के साथ गिरफ्तार संजय झा ने पुलिस को बताया है कि संतोष झा उसका भाई नहीं कसाई है. गाय को खिलाने, हथियार छुपा कर रखने व जमीन की देख-रेख के लिए छह हजार के महिना पर उसके यहां काम करता था. संतोष ने उसकी छह कठ्ठा जमीन भी हड़प कर रखी है.
छह कठ्ठा जमीन के बदले साढे नौ लाख देने का वादा किया था, लेकिन नहीं दिया. एक टुटी-फुटी झोपड़ीनुमा घर के सिवा संजय के पास कुछ भी नहीं. बच्चों की परवरिश के लिए मजबूरी बस संतोष की गुलामी कर रहा था.
फुफेरे भाई की रिहाई के लिए किया सौदा
ऐसी चर्चा है कि मुकेश ने फुफेरे भाई अमित पांडेय की रिहाई की शर्त पर एके56 का ठिकाना पुलिस को बताया. पुलिस ने एके56 रिकवर करने के बाद अमित पांडेय को पीआर बॉड पर गुरूवार को छोड़ दिया. अमित की रिहाई से चर्चाओं को बल मिल रहा है. एसटीएफ ने अमित को मुजफ्फरपुर के अहियापुर से उठाया था. सूचना थी कि अमित के पास रंगदारी का पैसा जमा होता है, लेकिन एके 56 रिकवर होने पर पुलिस ने उसको निर्दोष बताते हुए छोड़ दिया.
संतोष के टारगेट पर है कुख्यात बबलू दूबे
मुकेश पाठक ने पुलिस के समक्ष एक बड़ा खुलासा किया है.पुलिस के अनुसार, संतोष झा के टारगेट पर शातिर बबलू दूबे है.उसने संतोष का एक स्वचालित हथियार हड़प लिया है. पहले संतोष के इशारे पर काम करता था, लेकिन एक घटना के बाद उसके ठिकाने पर स्वचालित हथियार रखा गया. उसने हथियार वापस नहीं किया, उसके बाद से सम्पर्क तोड़ लिया. बबलू दूबे फिलहाल सेंट्रल जेल मोतिहारी में बंद है. नेपाल के केडिया अपहरण में उसका नाम आया था.
भागलपुर जेल में संतोष के पास है मोबाइल
भागलपुर जेल में बंद गैंगेस्टर संतोष झा मोबाइल इस्तेमाल करता है. पुलिस को इसका प्रमाण मिला है. मुकेश पाठक के मोबाइल कॉल डिटेल में संतोष से बातचीत के सबूत है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी से एक सप्ताह पहले तक मुकेश ने संतोष से मोबाइल पर बातचीत की है. मुकेश ने भी इसबात को स्वीकारा है. बताया जाता है कि भागलपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा बहुत कड़ी है. इसके बावजूद संतोष के पास मोबाइल रहना भागलपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर रहा है.