मोतिहारी : जल तू जलाल तू आयी बला को टाल तू. यह जुमला शहर की नाइट पुलिसिंग पर सटीक बैठ रहा है. प्रभात खबर ने शुक्रवार की रात शहर का सिटी स्केन किया तो सुरक्षा के सारे दावे खोखले निकले.
प्रमुख सड़कों से लेकर चौक-चौराहों पर रात 11 बजे से 12:30 बजे तक एक भी पुलिसकर्मी नहीं दिखे. कचहरी से बलुआ चौक की तरफ पुलिस की एक जीप आती दिखी. उसपर दो-चार वर्दीधारी बैठे थे,लेकिन उनकी सुरक्षा के प्रति जिम्मेवारी नहीं दिख रही थी.
ऐसा लग रहा था कि नाइट पेट्रोलिंग की खानापूर्ति कर रहे है. कूल मिला कर रात ढलने के साथ शहर की सुरक्षा भगवान भरोसे दिखा. 11:30 बजे बलुआ गोलंबर के पास पुलिस पोस्ट विरान था. उसके सामने एक चबूतरा पर मटिरयिर जाने के लिए बस के इंतजार में होटल में काम करने वाले कुछ मजदूर बैठे थे.
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन रात में बस पकड़ मटियरिया जाते है, लेकिन पुलिस पोस्ट पर एक भी दिन पुलिसकर्मी खड़ा नहीं मिले. 11:35 बजे कचहरी गोलंबर की स्थिति भी वैसी ही थी. यहां भी ट्रैक्टर मालिक खाना लेकर चालक के आने का इंतजार करते मिले. छतौनी बड़ाबरियारपुर चौक के पास 11:40 बजे सुनसान था. एनएच 28 के बीचों-बीच यह चौक है. इसके आसपास आधा किलोमीटर में कई प्रमुख एजेंसिया भी है.
छतौनी बस स्टैंड की स्थिति सभी जगहों से बदतर थी. बस में न तो लाइट थी नही सुरक्षाकर्मियों की पहरेदारी. 11:55 में छतौनी चौक पर दारोगा धनंजय कुमार सैप जवानों के साथ खडे मिले. वहीं शहर के सर्राफा बाजार में सन्नाटे को चिरती हुई पहरेदारों के सीटी की आवाज सुनायी पड़ी.
उन्होंने पास आकर जब अपनी पीड़ा सुनायी तो रोंगटे खड़े हो गये. कहा कि स्वर्ण व्यवसायियों ने अपनी खर्च पर पहरेदारी के लिए रखा है. तीन हजार का महीना तय है, लेकिन समय पर तय राशि नहीं देने में आनाकानी करते है. ज्ञानबाबू चौक, जानपुल चौक व स्टेशन चौक भी सुरक्षाकर्मी नदारद दिखे.