घोड़ासहन में मंगलवार को वीरानगी छायी रही. किसी प्रकार का आंदोलन नहीं हुआ. शहर की ज्यादातर दुकानें बंद रही. बस स्टैंड के समीप कुछ दुकानें अवश्य खुली थी. पूरे शहर में पुलिस तैनात है. स्टेशन पर भारी संख्या में अभी भी पुलिस जवान कैंप कर रहे हैं. ज्ञात हो की घोड़ासहन स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव को लेकर चल रहा आंदोलन उग्र हो गया था.
पुलिस द्वारा गोली चलाई गयी थी, आंसू गैस के गोले छोड़े गये थे. रुक -रुक कर दिन भर पत्थरबाजी होती रही थी. घटना में तीन दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे. सोमवार को शाम के बाद स्थिति पर काबू पायी गयी थी.
मंगलवार की सुबह पुलिस स्टेशन के समीप स्थित गुलरिया टोला गांव में गयी, जहां उग्र आंदोलन में शामिल लोगों की पहचान कर रही थी, हालांकि इस दौरान पुलिस ने कई लोगों के साथ मारपीट भी की. दहशत का आलम यह था कि कुछ लोग गांव छोड़ कर भाग गये. अब कोई भी कुछ भी बताने से परहेज कर रहा है. मंगलवार को टाइगर फोर्स का कोई भी नेता नहीं दिखे. सभी शहर छोड़ कर बाहर चले गये है. पूरा स्टेशन परिसर छावनी के रूप में तब्दील रहा. रेलगाड़ियों का परिचालन सामान्य रूप से होता रहा, लेकिन यात्रियों की संख्या नगण्य रही.
मोतिहारी/ढाका/बनकटवा. मंगलवार को घोड़ासहन स्टेशन पर नियमित रूप से ट्रेनों का परिचालन हुआ. पूरा रेलवे स्टेशन आज भी पुलिस छावनी में तब्दील रहा. हालांकि, यात्रियों की संख्या न के बराबर रही. कल की घटना का असर यात्रियों पर देखा गया. स्टेशन के अलावे भी शहर में हर चौक-चौराहे पर पुलिस की तैनाती की गयी थी, बावजूद सारी दुकानें बंद रही. हालांकि, मंगलवार को साप्ताहिक बंदी की बात भी बतायी जा रही है. बस स्टैंड के समीप कुछ दुकानें खुली. इधर, पुलिस ने आज भी आंदोलनकारियों की तलाश में कार्रवाई की. मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी है. अब तक 45 लोगों को जेल भेजा गया है.
आंदोलन को लेकर संशय
मंगलवार को एक भी आंदोलनकारी नजर नहीं आये. पुलिस कार्रवाई की दहशत स्पष्ट दिखी. घोड़ासहन स्टेशन पर रेलगाड़ियों के ठहराव को लेकर चल रहा आंदोलन का नेतृत्व टाइगर फोर्स द्वारा किया जा रहा था. लेकिन टाइगर फोर्स के कोई भी नेता नजर नहीं आये. पुलिस की धर-पकड़ के कारण सभी के घोड़ासहन छोड़ दिये जाने की बात बतायी जा रही है.
इधर, टाइगर फोर्स के अध्यक्ष प्रभु नारायण जायसवाल का कोई पता नहीं है. हालांकि, स्थानीय व्यापारी और गणमान्य उग्र आंदोलन के पक्ष में नहीं दिखे. जबकि कल की घटना के विरोध में सारी दुकानें बंद रही.
घर-घर ली गयी तलाशी
मंगलवार की सुबह पुलिस बल स्टेशन के समीप स्थित गांव गुलरिया टोला में आंदोलनकारियों की पहचान और धर-पकड़ करने गयी. घर-घर तलाशी लिए जाने की बात ग्रामीणों ने बतायी. नाम नहीं बताने के शर्त पर कहा कि तलाशी के दौरान कई लोगों के साथ पुलिस ने मारपीट भी किया. पुलिस को देखते ही गांव के अधिकतर लोग गांव छोड़ कर अन्यत्र भाग गये. यहां तक कि गांव की महिलाएं पास के छठ घाट पर जाकर शरण ली थी. हालांकि, पुलिस के जाने के बाद फिर सभी घर लौट आयी.
बंद रहीं दुकानें
घटना को लेकर लोगों में व्याप्त दहशत दूर करने एवं शांति बहाल करने के लिए घोड़ासहन थाना में शांति समिति की बैठक हुई. बैठक में जिला शांति समिति के कार्यकारी अध्यक्ष धर्मवीर प्रसाद, सचिव सत्या शरण यादव, सरफराज आलम, बिंटी शर्मा व सुरेश सहनी शामिल थे. वहीं स्थानीय शांति समिति के सदस्य घोड़ासहन दक्षिणी के मुखिया विमल, सरपंच पति जयंत कुमार, समाजसेवी नागेश्वर प्रसाद व मंगल कुशवाहा भी मौजूद थे.
सिकरहना एसडीओ स्वपिAल एवं थानाध्यक्ष की उपस्थिति में बैठक हुई. बैठक में स्थिति को समान्य बनाने की अपील की गयी. बैठक के बाद शांति समिति के सदस्यों ने बाजार का भ्रमण किया और दुकानदारों से दुकान खोलने की अपील की, बावजूद दुकानें नहीं खुली. दुकानदारों की मांग थी कि जब तक पुलिस द्वारा गिरफ्तार लोगों को नहीं छोड़ा जाता, विरोध स्वरूप दुकानें बंद रखी जायेगी. वहीं कई दुकानदारों का कहना था कि दुकान खोलने के बाद फिर पुलिस के कहर का शिकार बनना पड़ सकता है. पुलिस निदरेष को भी पकड़ने में परहेज नहीं कर रही है.
वीरान पड़ा रहा स्टेशन
रक्सौल-दरभंगा रेलखंड पर नियमित ढंग से रेलगाड़ियों का परिचालन हुआ. लेकिन घोड़ासहन स्टेशन पर यात्रियों की कमी रही. अन्य दिनों के मुकाबले यात्रियों की संख्या नगण्य थी. जबकि स्टेशन पर पुलिस बलों का जमावड़ा रहा. यात्रियों ने किसी तरह के असुविधा की बात नहीं बतायी.
पुलिस ने बोला धावा
सोमवार को घटना के दौरान पुलिस द्वारा घर में घुस कर की गयी मारपीट के बाद लोगों में दहशत है. स्टेशन के करीब स्थित आदर्श नगर मुहल्ला के कई लोग घरों में ताला मार कर अपने रिश्तेदारों के यहां चले गये हैं. कल की घटना में पुलिस द्वारा घरों में तोड़-फोड़ करने की भी शिकायतें मिल रही है. कल शाम टाइगर फोर्स के अध्यक्ष प्रभु नारायण जायसवाल के घर में भी पुलिस ने धावा बोला था. इस दौरान घर के शीशे फोड़ दिये गये थे. पुलिस पर टीवी तोड़ने का भी आरोप लगाया गया है.
अध्यक्ष का नहीं है पता
टाइगर फोर्स के अध्यक्ष प्रभु नारायण जायसवाल कल घटना में घायल हो गये थे. घायल श्री जायसवाल कहां है, यह किसी को पता नहीं. घर वाले भी उनकी तालाश कर रहे हैं. इस संबंध में श्री जायसवाल के भाई गोपीचंद जायसवाल ने बताया कि घर वालों को प्रभु नारायण की कोई जानकारी नहीं है. आंदोलन से जुड़े लोग पुलिस के झूठे मुकदमे में फंसाने के डर से गायब हैं. हालांकि, प्रभु नारायण को लेकर घर वाले बेहद चिंतित हैं. क्योंकि कल के लाठी चार्ज में प्रभु नारायण को गंभीर चोटें आयी थी और घटनास्थल पर ही वह खून से लथपथ हो गये थे.
पदाधिकारी कर रहे कैंप
कल घटना की जानकारी के बाद प्रभारी जिलाधिकारी भरत दूबे, पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सहित डीआइजी गोपाल प्रसाद घटनास्थल पर पहुंच गये थे. आज भी संवाद प्रेषण तक सभी अधिकारी कैंप कर रहे हैं. हालांकि, डीआइजी दोपहर बाद चले गये.
मंगलवार को भी जिले से कई दंडाधिकारी वहां प्रतिनियुक्त किये गये थे. जिसमें उप विकास आयुक्त अनिल कुमार चौधरी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा डा विवेक सिंह, वरीय उप समाहर्ता विजयंत कुमार, अनिल कुमार एवं सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी मधुसूदन प्रसाद शामिल हैं.
कहते हैं अधिकारी
प्रभारी जिलाधिकारी भरत दूबे ने बताया कि स्थिति सामान्य है, लेकिन पूरी नजर रखी जा रही है. लोगों से अपील की गयी है कि वो अपने दुकानें खोले और सामान्य रूप से अपना कारोबार करें.
एसपी सुनील कुमार ने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में और सामान्य है. मामले में अब तक दो प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी में 29 लोगों को नामजद करते हुए 1000 को आरोपित किया गया है. बताया कि अब तक 45 लोगों को जेल भेजा गया है.पहले दिन सात लोग पकड़े गये थे. दूसरे दिन 18 लोग पकड़े गये और उनकी निशानदेही पर 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.