मोतिहारी : वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व से भटक कर पहाड़पुर प्रखंड के रायकररिया गांव तक पहुंचे बाघ को ढूंढ़ने का प्रयास जारी है. गांव के सरेह में रविवार को जिस जगह बाघ को देखा गया था, सोमवार को एक किलोमीटर उत्तर दिशा तक सरेह में उसकी वापसी के पगचिह्न् मिले हैं. उसके बाद से बाघ का कोई ट्रेस नहीं है़ इससे अंदाज लगाया जा रहा है कि बाघ फिर वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व की ओर लौट रहा है.
मोतिहारी डीएफओ एम हक ने बताया कि बाघ सरेह में कहीं छुपा हुआ है़ बाल्मीकी ब्याघ्र परियोजना के रामपुर पोस्ट से डॉग स्क्वायड की टीम पहुंची है. उसके सहारे बाघ की तलाश की जा रही है. मोतिहारी के अलावा बेतिया व सीवान के वन अधिकारी भी इलाके में कैंप कर रहे हैं. पटना से संजय गांधी जैविक उद्यान के पशु चिकित्सक समरेंद्र बहादुर सिंह अपनी टीम के साथ पहुंच चुके हैं.
डीएफओ के अनुसार, बाघ के पगचिह्न् को उठाया गया है. एक्सपर्ट उसकी जांच कर रहे हैं. यह पता लगाया जा रहा है कि बाघ नर है या मादा. पगचिह्न् से उसकी उम्र की जांच भी की जा रही है़ उन्होंने प्रथमदृष्टया कहा कि पगचिह्न् यंग मेल टाइगर का है, जिसकी उम्र तीन से चार साल लग रही है. वह जिस रास्ते रायकररिया
वाल्मीकिनगर की तरफ
सरेह तक पहुंचा है, उसी रास्ते एक किलोमीटर पीछे वापस लौटने का पगचिह्न् मिला है़ इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघ पुन: बाल्मीकीनगर टाइगर रिजर्व की ओर वापस लौट रहा है. मोतिहारी डीएफओ श्री हक, बेतिया डीएफओ आलोक कुमार, प्राजेक्ट डिविजन दो के डिप्टी डायरेक्टर अमित कुमार, सीवान के वन संरक्षक सीपी खंडूजा सहित अन्य वन अधिकारी व कर्मी कई संसाधनों के साथ इलाके में कैंप कर रहे हैं. इधर वन संरक्षक सीपी खंडुजा ने बताया कि सभी अधिकारी दो दिनों तक इलाके में कैंप करेंगे. स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है़ ग्रामीणों से सतर्क करने को कहा गया है़