प्रतिनियोजन करनेवाले पदाधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई
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गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगेंगे शिक्षक
प्रतिनियोजन करनेवाले पदाधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई बक्सर : सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के गैर शैक्षणिक कार्यों में प्रतिनियुक्ति के मसले पर शिक्षा विभाग गंभीरता से विचार कर रहा है. प्रधान सचिव आरके महाजन ने इसे लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को कड़ा पत्र जारी किया है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि […]
बक्सर : सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के गैर शैक्षणिक कार्यों में प्रतिनियुक्ति के मसले पर शिक्षा विभाग गंभीरता से विचार कर रहा है. प्रधान सचिव आरके महाजन ने इसे लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को कड़ा पत्र जारी किया है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से दस वर्षीय जनगणना, आपदा सहायता एवं चुनाव के अलावा कोई अन्य गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता. क्योंकि इन कामों से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है और इससे राज्य में शिक्षा का स्तर नीचे की ओर जा रहा है. अब शिक्षक ज्यादातर अपनी ड्यूटी स्कूल में ही बितायेंगे.
पत्र में यह भी कहा गया है कि शिक्षा विभाग के विभिन्न शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति किया गया है या नहीं इसकी मासिक समीक्षा की जाये. यह दायित्व जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का होगा. ये अधिकारी मासिक समीक्षा कर डीएम को रिपोर्ट करेंगे. साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी प्रतिनियुक्ति किसी भी स्तर से नहीं की जाये.
विभाग ने जताया खेद : पत्र में कहा गया है कि विभाग को सूत्रों से सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं कि स्पष्ट निर्देश के बावजूद स्थानीय स्तर पर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के स्तर पर या अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों के स्तर पर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति स्थानीय स्तर पर की जाती है. प्रधान सचिव ने इस पर खेद जताते हुए कहा है कि इस तरह की गतिविधियों को किसी भी स्थिति में बरदाश्त नहीं किया जायेगा.
डीइओ बोले, हो रही कार्रवाई : पत्र की पुष्टि करते हुए डीइओ श्रीकृष्ण सिंह ने बताया कि शिक्षकों के गैर शैक्षणिक कार्यों में प्रतिनियुक्ति से संबंधित जानकारी एकत्र की जा रही है.
कुछ प्रखंडों से ऐसी सूचनाएं मिली हैं, जिसके बाद संबंधित बीडीओ को ऐसे शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द कर विरमित करने के लिए पत्र भेजा जा रहा है. सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को भी इस संबंध में निर्देश दिये गये हैं. ऐसा हो जाने से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी. साथ ही उनकी तारतम्यता बनी रहेगी.
अधिनियम के तहत नहीं किया जा सकता प्रतिनियोजन
प्रधान सचिव ने पत्र में स्पष्ट कहा है कि मुफ्त अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 के तहत किसी भी शिक्षक को जनगणना, आपदा एवं चुनाव के अतिरिक्त अन्य किसी भी गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए प्रतिनियुक्त नहीं किये जायेंगे. यह अधिनियम अप्रैल 2010 से लागू हो चुका है. इस क्रम में यह भी स्पष्ट है कि चुनाव संबंधी कार्य जैसे प्रशिक्षण, चुनाव सामग्री की प्राप्ति, मतदान एवं मतगणना से संबंधित कार्य शिक्षण कार्य दिवस में किये जा सकते हैं, लेकिन मतदाता सूची से संबंधित किसी भी कार्य का प्रभाव शिक्षक के शैक्षणिक गतिविधियों पर पड़े.
होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
पत्र में कहा गया है कि विभागीय निर्णय के अनुसार विभाग के पूर्व अनुमति के बिना किसी भी प्रकार की प्रतिनियुक्ति नहीं होगी. अगर भविष्य में ऐसा मामला सामने आता है, तो प्रतिनियुक्ति अवधि का भुगतान शिक्षा विभाग नहीं करेगा और प्रतिनियुक्त शिक्षक के किये गये कार्य के भुगतान के लिए वह अधिकारी जिम्मेवार होगा जिनके स्तर पर प्रतिनियुक्ति की गयी है. इसके अलावा प्रतिनियुक्ति करनेवाले अधिकारी पर अनुशासनिक कार्रवाई भी की जायेगी.
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