बक्सर/नावानगर : राज्य में भले ही पूर्ण शराबबंदी के एक साल हो गये, लेकिन इस शराबबंदी का असर बक्सर के बासुदेवा ओपी अंतर्गत बिंद टोली में नहीं दिख रहा है. पुलिस से शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होते देख महिलाओं के सब्र का बांध मंगलवार को टूट गया. महिलाओं ने एक साथ कारोबारी के […]
बक्सर/नावानगर : राज्य में भले ही पूर्ण शराबबंदी के एक साल हो गये, लेकिन इस शराबबंदी का असर बक्सर के बासुदेवा ओपी अंतर्गत बिंद टोली में नहीं दिख रहा है. पुलिस से शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होते देख महिलाओं के सब्र का बांध मंगलवार को टूट गया. महिलाओं ने एक साथ कारोबारी के अड्डे पर धावा बोल दिया. इस दौरान कारोबारियों ने महिलाओं के साथ मारपीट भी की, जिसमें कई महिलाएं जख्मी हो गयीं. फिर भी महिलाओं का गुस्सा इस कदर था कि महिलाओं ने एक कारोबारी शिवदयाल बिंद को धर दबोचा. उसके पास से अरुणांचल प्रदेश निर्मित शराब बरामद हुआ है. बरामद शराब के साथ महिलाओं ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया.
जाम की सूचना पुलिस को मीडिया के माध्यम से मिली, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस को आक्रोशित महिलाओं का कोपभाजन भी होना पड़ा. महिलाओं ने पुलिस से पूछा कि यह कैसी शराबबंदी है. पुलिस ही शराब बिकवा रही है. महिलाओं का आरोप था कि बिहार में पूरी तरह से शराब बंद होने के बाद इन गांवों में शराब की बिक्री जारी है. इसके कारण गांव का माहौल खराब हो रहा है. काफी मशक्कत के बाद समझा बुझाकर सड़क से जाम हटवाया गया. महिलाओं ने बताया कि बासुदेवा ओपी के कई गावों में अवैध तरीके से शराब बनायी व बेची जा रही है, जिसके कारण इन गांवों में रहनेवाली महिलाओं का जीना दुश्वार हो गया है. शराब के नशे में होकर घर के पुरुष सदस्य हमेशा मारपीट करते हैं. घर में रखे सामान को बेचकर शराब पी जाते हैं. महिलाओं ने कहा कि इसकी शिकायत कई बार पुलिस से की गयी, लेकिन इसपर कोई अमल नहीं किया गया. इसके खिलाफ महिलाओं का सब्र का बांध टूट गया और गरमी के बावजूद चिलचिलाती धूप में चौका-बरतन छोड़कर सैकड़ों महिलाएं सड़क पर उतर गयीं.
दो घंटे बाद पहुंची पुलिस, तो बढ़ा गुस्सा
शराब के खेल के खिलाफ महिलाएं व बच्चे प्रदर्शन कर रहे थे. शराब माफिया उनके आंदोलन को कुचलने के लिए उनके साथ मारपीट भी किये, लेकिन इस दौरान पुलिस नदारद रही. पुलिस घटनास्थल पर करीब दो घंटे बाद पहुंची. इससे महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा. जाम कर रही महिलाएं पुलिस मुरदाबाद के नारे लगा रही थीं. सड़क जाम किये जाने की सूचना पाकर पहुंची पुलिस को महिलाओं का विरोध भी झेलना पड़ा.
पुलिस के संरक्षण में चल रहा कारोबार
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने आरोप लगाया कि क्षेत्र के कई गांवों में पुलिस के संरक्षण में शराब का कारोबार चल रहा है. यहां शराब निर्माण से लेकर शराब बिक्री तक का धंधा फल फूल रहा है. शराब कारोबारी पुलिसवालों से ‘मैनेज’ संस्कृति के आधार पर नशे का कारोबार कर रहे हैं. घटनास्थल पर पुलिस का देर से पहुंचना भी इस ओर इशारा कर रहा है. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने जाम हटाने के लिए काफी मशक्कत कर रही है. वाहनों की आवाजाही देर शाम तक शुरू नहीं हो पायी थी. जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतार लग गयी थी. इसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
एसपी ने कहा, दोषी थानाध्यक्ष पर होगी कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा ने बताया कि महिलाओं द्वारा लगाये गये आरोप की जांच की जा रही है. इसको लेकर डीएसपी के नेतृत्व में टीम का गठन कर दिया गया है. जांच के दौरान बासुदेवा ओपी के प्रभारी अगर दोषी पाये जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही एसपी ने सभी थानाध्यक्षों को यह निर्देश दिया है कि इलाके में शराब की बरामदगी होती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. वहीं शराबबंदी में आम लोगों से सहयोग करने की भी अपील की है.
शराब माफियाओं ने महिलाओं को पीटा
जिले के नावानगर थाना क्षेत्र के बासुदेवा ओपी अंतर्गत बिंदटोली इलाके की महिलाएं अवैध शराब की बिक्री के विरुद्ध सुबह नौ बजे से ही सड़कों पर आ गयी थीं. सड़क जाम कर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी शुरू कर दी थी. इसकी भनक मिलते ही शराब के अवैध कारोबारियों के बीच हड़कंप मच गया. आनन-फानन में अवैध शराब के कारोबारी अपने गुर्गों के साथ जाम स्थल पर पहुंच कर महिलाओं के साथ मारपीट शुरू कर दिये. महिलाओं ने भी मोरचा ले लिया. दोनों और से जम कर मारपीट हुई. दर्जन भर प्रदर्शनकारियों को चोटें भी आईं. महिलाओं ने शराब की दुकान में पहुंचकर वहां रखे शराब के बोतलों को लूट लिया. हाथों में शराब की शीशी लेकर प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगीं.