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तीन दारोगाओं को सशरीर कोर्ट में हो हाजिर होने का निर्देश

बक्सर, कोर्ट : समय से केस डायरी कोर्ट में उपस्थित न करना महिला थानाध्यक्ष समेत तीन थानाध्यक्ष को महंगा पड़ गया. कोर्ट ने इस मामले में अनुसंधानकर्ता की लापरवाही मानते हुए 5-5 हजार रुपये का अर्थदंड लगाते हुए सशरीर उपस्थित होने का फरमान जारी किया है. कोर्ट ने पूछा कि अगर ऐसी ही लापरवाही होती […]

बक्सर, कोर्ट : समय से केस डायरी कोर्ट में उपस्थित न करना महिला थानाध्यक्ष समेत तीन थानाध्यक्ष को महंगा पड़ गया. कोर्ट ने इस मामले में अनुसंधानकर्ता की लापरवाही मानते हुए 5-5 हजार रुपये का अर्थदंड लगाते हुए सशरीर उपस्थित होने का फरमान जारी किया है. कोर्ट ने पूछा कि अगर ऐसी ही लापरवाही होती रहेगी, तो अपराधियों को समय से कैसे सजा मिल पायेगी. शुक्रवार को जहां होली अवकाश के लिए अंतिम दिन था. अब उन्हें अगली तारीख पर सशरीर 5-5 हजार रुपये अर्थदंड के साथ न्यायालय में उपस्थित रहना होगा. पहला मामला मुफस्सिल थाना कांड संख्या 38/2016 से संबंधित है.

बताते चलें कि उक्त मामला कच्छा-बनियान गिरोह से जुड़ा हुआ है, जिसमें दो खूंखार अपराधी शंकर कुमार एवं विकास महतो (बिहटा, पटना) के द्वारा जमानत याचिका पूर्व में दाखिल किया गया था. इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मलिक के न्यायालय द्वारा बार-बार डायरी उपलब्ध कराने के लिए समय दिया गया था. बावजूद इसके अनुसंधानकर्ता आदित्य कुमार द्वारा डायरी उपलब्ध नहीं करायी गयी. न्यायालय ने कड़े शब्दों में नौ मार्च को शाम पांच बजे तक इसे हर हाल में उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. लेकिन डायरी को गुरुवार की जगह शुक्रवार को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. इसके बाद कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए दारोगा पर पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाते हुए सशरीर न्यायालय में उपस्थित रहने का आदेश दे डाला.
दूसरा मामला बक्सर महिला थाना कांड संख्या 5/2016 से संबंधित है, जहां आरोपित नवीन मिश्रा के जमानत आवेदन की सुनवाई के दौरान डायरी एवं इंजूरी रिपोर्ट को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया था. उक्त कागजात को भी नौ मार्च तक ही प्रस्तुत करना था. लेकिन लापरवाह दारोगा बाबू ने इसे जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में 10 मार्च को एक चौकीदार के माध्यम से भेज दिया था.
न्यायालय ने अनुसंधानकर्ता को 15 मार्च तक सारे कागजात एवं पांच हजार रुपये अर्थदंड के साथ न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया.
तीसरा मामला सिमरी थाना कांड संख्या 19/2017 से संबंधित है. जहां कुल पांच अभियुक्तों के जमानत आवेदन की सुनवाई की जा रही थी. इस दौरान न्यायालय ने पाया कि विगत नौ मार्च तक ही डायरी प्रस्तुत करना था. डायरी की मांग विगत 28 फरवरी को की गयी थी. कोर्ट ने दारोगा राम उदय राम को 15 मार्च को सशरीर पांच हजार रुपये दंड के साथ उपस्थित रहने का आदेश दिया. इस संबंध में लोक अभियोजक नंद गोपाल प्रसाद ने बताया कि डायरी विलंब से देने के चलते मामले लंबित होते हैं.
5-5 हजार का लगाया गया अर्थदंड, डायरी भेजने में की थी लापरवाही
कोर्ट ने पूछा : अगर ऐसी होगी लापरवाही, तो कैसे मिलेगी अपराधियों को सजा

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