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नौकरी में प्रोन्नति पाने के लिए बदल डाली जन्मतिथि

नियुक्ति में जन्मतिथि 1974 और प्रोन्नति में दर्ज करा दी 1963 जांच के बाद खुलेंगे कई और लोगों की प्रोन्नति में की गयी गड़बड़ी के राज बक्सर : प्रोन्नति पाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. एक मामला सामने आया है, जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिमरी के समूह चतुर्थवर्गीय श्रेणी के […]

नियुक्ति में जन्मतिथि 1974 और प्रोन्नति में दर्ज करा दी 1963

जांच के बाद खुलेंगे कई और लोगों की प्रोन्नति में की गयी गड़बड़ी के राज
बक्सर : प्रोन्नति पाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. एक मामला सामने आया है, जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिमरी के समूह चतुर्थवर्गीय श्रेणी के पद पर नियुक्त पुरुष सेवक राम जी तिवारी अपनी जन्म तिथि ही बदल दिया है. हालांकि की वास्तविकता क्या है, इसकी जांच विभागीय स्तर पर अब तक नहीं हुई है. राम जी तिवारी ने नियुक्ति के दौरान मैट्रिक का जो अंक पत्र दिया है, उसमें और प्रोन्नति मिलने के आधार उम्र में काफी अंतर है.
इन दोनों जगहों पर उम्र अलग-अलग हैं, ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रोन्नति का लाभ पाने के लिए भारी गड़बड़ी की गयी है. राम जी तिवारी की नियुक्ति विज्ञापन संख्या 1/2005 के तहत हुई है. नियुक्ति के समय जिन कागजात को कर्मचारी राम जी सिंह ने विभाग को दिया है, उसमें इनका जन्म तिथि 16 फरवरी 1974 है. जबकि प्रोन्नति के लिए बनी सूची में राम जी तिवारी की उम्र चार जनवरी 1963 है.
वर्ष 2016 के दिसंबर में इन्हें प्रोन्नति मिला है. ऐसे में प्रोन्नति पाकर कर्मचारी रामजी तिवारी इटाढ़ी स्वास्थ्य केंद्र में लिपिक के पद पर कार्यरत हो गये हैं. यह प्रोन्नति इनके उम्र के आधार पर दिया गया है. सूची में सबसे अधिक उम्र के कर्मचारी राम जी तिवारी को बताया गया है. जबकि सूची में इससे अधिक उम्र के कर्मचारी प्रोन्नति पाने की कतार में खड़े हैं. इस मामले की सुगबुगहार विभागीय कर्मचारियों के बीच भी है. मामले को वरीय अधिकारियों तक पहुंचाया भी गया है, लेकिन अभी तक यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है. ऐसे में प्रोन्नति का गलत लाभ लिया जा रहा है. वहीं, इस मामले में जब कर्मचारी राम जी तिवारी से बातचीत की गयी, तो कर्मचारी ने सीधे तौर पर कहा कि उसका प्रोन्नति सही तरीके से हुआ है और उसकी जन्म तिथि वर्ष 1963 है. अब इस पूरे मामले से पर्दा जांच के बाद ही उठ पायेगा.
प्रोन्नति का क्या है नियम : बिहार और ओड़िशा सरकार नियुक्ति विभाग संख्या 8509, दिसंबर 12, 1934 के तहत यदि किसी कर्मचारी को प्रोन्नति देना है, तो एक समय में एक ही पद पर नियुक्त कर्मचारियों में पहले डिग्री और फिर उम्र की प्राथमिकता दी जाती है. लेकिन, विभाग द्वारा दिये गये प्रोन्नति में उम्र और डिग्री किसी का ख्याल नहीं रखा गया है.
मामले की होगी जांच
इसकी जानकारी मुझे नहीं है. इस मामले की पूरी जांच की जायेगी. इसके लिए कमेटी बनायी जायेगी. यदि जांच में संबंधित कर्मचारी को दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
ब्रज कुमार सिंह, सीएस, बक्सर

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