बक्सर : जिले के किसानों को प्रोत्साहित करने और कैशलेस लेनदेन की जानकारी देने के लिए कृषि विभाग ने मंगलवार को इ कृषि भवन से किसानों को इसकी जानकारी दी. जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने किसानों को कृषि में डिजिटल लेनदेन के बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद […]
बक्सर : जिले के किसानों को प्रोत्साहित करने और कैशलेस लेनदेन की जानकारी देने के लिए कृषि विभाग ने मंगलवार को इ कृषि भवन से किसानों को इसकी जानकारी दी. जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने किसानों को कृषि में डिजिटल लेनदेन के बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद से किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो,
इसके लिए वो ज्यादा-से-ज्यादा कैशलेन लेनदेन करें. अगर उन्हें इस लेनदेन में कोई परेशानी हो रही है, तो कृषि विभाग के नंबर पर संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं. डिजिटल लेन-देन के रूप में डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड ईंटरनेट बैंकिंग के साथ-साथ भारत सरकार द्वारा जारी कुछ महत्वपूर्ण एप्प का इस्तेमाल कर कैशलेस व्यवस्था में शामिल हो सकते हैं. कैशलेस व्यवस्था के फायदे भी अनेक हैं, लेकिन उपभोक्ताओं को इस व्यवस्था से लैस करने के लिए ट्रेंड करना होगा.
जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि इस दिशा में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग द्वारा सभी कृषि उपादान विक्रेताओं को प्वाइंट ऑफ सेल मशीन को लगाने का निर्देश जारी किया गया है. इस बाबत सभी विक्रेता अपने संबंधित बैंक को पीओएस मशीन के लिए आवेदन देकर इस दिशा में अविलंब कार्य करें. अगर कोई असुविधा हो, तो जिला कृषि कार्यालय के नाजीर संजय कुमार श्रीवास्तव से मदद ले सकते हैं.
कैशलेस की दिशा में भीम एप का प्रयोग
आत्मा संस्थान के कर्मी चंदन कुमार सिंह ने भीम एप के प्रयोग की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भीम एप जिसका पूरा नाम भारत ईंटरफेस फॉर मनी है, का उपयोग ईंटरनेट तथा साधारण मोबाइल फोन में आसानी से कर सकते हैं. एंड्रॉयड से लैस स्मार्ट फोन में प्ले स्टोर के माध्यम से अल्प समय में ईंस्टॉल कर सकते हैं.
भारत सरकार द्वारा इस एप को मात्र एक एमबी में प्रस्तुत किया गया है. जिस स्मार्ट फोन में हम भीम एप को ईंस्टॉल करते हैं, उसमें बैंक खाते में पंजीकृत मोबाइल नंबर का सिम रहना जरूरी है, ताकि एप सर्वर के जरिये ग्राहक के खाते को सत्यापित कर सके. भीम एप के ईंस्टॉलेशन के पश्चात मोबाइल के डेस्कटॉप पर ठंड नाम का आइकॉन दिखाई देगा. उस पर डबल क्लीक कर ओपेन करने पर चार अंकों का पासकोड डालना होगा. उसके उपरांत यूपीआइ जेनरेट कर इसका उपयोग आसानी से कर सकते हैं.
उपभोक्ता द्वारा एक बार यूपीआइ (यूनीफाइड पेमेंट ईंटरफेस) कोड जेनरेट हो जाने पर बिना ईंटरनेट वाले फोन में ’99रु डायल कर यूएसएसडी सेवा का प्रयोग कर डिजिटल तकनीक से रुपये का लेन-देन कर सकते हैं. सरकार द्वारा इस दिशा में तकनिकी सहायता के लिए टॉल फ्री नंबर 14444 जारी किया गया है, जिस पर कैशलेस से संबंधित जानकारी हासिल कर सकते हैं. उपयोग में कोई असुविधा होने पर इ किसान भवन में अवस्थित आत्मा कार्यालय में इसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं.
कृषि मंत्रालय के निर्देश के बाद किसान करें पीओएस का प्रयोग
कृषि विभाग द्वारा कैशलेस व्यवस्था के बताये गये फायदे