नमी का बहाना . जिले में अब तक 735 मीटरिक टन ही हुई धान की खरीदारी
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धान का नहीं मिल रहा उचित मूल्य
नमी का बहाना . जिले में अब तक 735 मीटरिक टन ही हुई धान की खरीदारी धान खरीद में नमी बन रही बाधा 71 हजार मीटरिक टन लक्ष्य के विरुद्ध 0.1 % धान की हुई खरीद सिमरी, चक्की, केसठ, चौगाई व ब्रह्मपुर में नहीं हुई धान की खरीदारी 4336 किसानों ने धान खरीद के लिए […]
धान खरीद में नमी बन रही बाधा
71 हजार मीटरिक टन लक्ष्य के विरुद्ध 0.1 % धान की हुई खरीद
सिमरी, चक्की, केसठ, चौगाई व ब्रह्मपुर में नहीं हुई धान की खरीदारी
4336 किसानों ने धान खरीद के लिए कराया रजिस्ट्रेशन
बक्सर : सरकार ने एक दिसंबर से ही बक्सर में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद शुरू कर दी है. 34 दिन बीत जाने के बाद 735 मीटक टन धान की अब तक खरीद हो पायी है. धान खरीद में नमी का बहाना बनाकर पैक्स एवं व्यापार मंडल धान खरीद से हाथ खड़े कर दे रहे हैं. ऐसे में कौड़ियों के भाव किसान धान बेचने को मजबूर हैं. 71 हजार मिट्रिक टन धान खरीद के लक्ष्य के विरुद्ध महज जिले में 0.1 प्रतिशत धान की खरीद हुई है. अगर यही रफ्तार रहा तो लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती है. जिले में धान खरीद की गति काफी धीमी है. पंजीकरण और धान में नमी होने के कारण धान की खरीद नहीं हो पा रही है.
96 पैक्सों और 7 व्यापार मंडल के जिम्मे है धान की खरीदारी : धान खरीद को लेकर जिले में 96 पैक्स और सात व्यापार मंडलों को जिम्मा दिया गया है, जिनमें से कुछ ही पैक्स अब तक धान की खरीदारी कर पाये हैं. जिले में अभी भी कई पैक्स ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक नमी का बहाना बना कर एक भी छटांक धान की खरीद नहीं की है. धान की खरीद नहीं होने से किसान परेशान हैं. ऐसे में औने-पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर हैं. जिले में 71 हजार मीटरिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से महज 0.1 प्रतिशत ही धान की खरीद हो पायी है. जिला सहकारिता पदाधिकारी का कहना है कि जिले में धान खरीद के पीछे नमी सबसे बड़ा बाधक है.
4 हजार 336 किसानों ने अब तक कराया निबंधन : धान खरीद को लेकर जिले में 4 हजार 336 किसानों ने अपना निबंधन कराया है. वहीं, पंजीकरण नहीं करानेवाले किसानों का धान नहीं खरीदा जायेगा. जो किसान पंजीकरण नहीं करायेंगे उनको धान बेचने में परेशानी होगी. पंजीकरण की भी गति काफी धीमी है. किसानों द्वारा पंजीकरण सही ढंग से भी नहीं किया गया है. जब तक पंजीकरण नहीं होगा, किसानों के धान खरीद नहीं हो सकेगी. पंजीकरण को लेकर किसान को को-ऑपरेटिव की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा. इसके साथ ही मोबाइल नंबर, पहचान पत्र, भूस्वामी प्रमाणपत्र व बैंक पासबुक देना होगा. कई किसानों के कागजात की फोटो कॉपी और फोटो का मिलान किया गया, तो कई तरह की असमानता पायी गयी. उन्होंने कहा कि किसान वसुधा केंद्र, साइबर कैफे पर भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. उनके द्वारा जो भी कागजात जमा किये जा रहे हैं, वो पूरी तरह उस किसानों से मेल नहीं कर रहे हैं.
इन प्रखंडों में अब तक नहीं हुई धान की एक छटांक बोहनी : धान खरीद में सुस्ती का सबसे मुख्य कारण कई प्रखंडों के पैक्स एवं व्यापार मंडल हैं. 34 दिन बीत जाने के बाद भी सिमरी, चक्की, केसठ, चौगाईं और ब्रह्मपुर ऐसे प्रखंड हैं, जहां अब तक पैक्स और व्यापार मंडलों द्वारा एक छटांक धान की खरीदारी नहीं हो पायी है. ऐसे में किसान बिचौलियों के हाथों धान बेचने को मजबूर हैं.
डीएम के अथक प्रयास के बाद भी नहीं आयी धान खरीद में तेजी : जिले में धान खरीद की गति काफी धीमी है. इसको लेकर डीएम ने डीसीओ समेत दो दर्जन अधिकारियों का वेतन पर रोक लगा दिया है. ताकि धान की खरीद में तेजी लाया जा सके. इसके बावजूद भी लक्ष्य के अनुरूप 0.1 प्रतिशत ही धान की खरीद हो पायी है. किसान धान को लेकर मारे-मारे फिर रहे हैं. इधर जिलाधिकारी रमण कुमार ने अधिकारियों के साथ बैठक कर धान खरीद में तेजी लाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतनेवाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
धान की खरीदारी में तेजी लाने का प्रयास जारी
अभी धान में 20 प्रतिशत से अधिक नमी की बात सामने आ रही है, लेकिन खरीद शुरू हो गयी है. धान की खरीदारी में तेजी आये इसके लिए प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही सभी पैक्स धान खरीद करना शुरू कर देंगे. इसके लिए आवश्यक निर्देश दे दिये गये हैं.
अजय कुमार अलंकार, जिला सहकारिता पदाधिकारी
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