36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पंचकोसी परिक्रमा भार्गव ऋषि के आश्रम पहुंची

आराधना. तीसरे दिन भभुअर में श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना, खाया चूड़ा-दही बक्सर : पंचकोसी परिक्रमा के तीसरे दिन सोमवार की सुबह श्रद्धालु तीसरे स्थल भार्गव ऋषि के आश्रम भभुअर के लिए निकल पड़े़ जहां, भगवान राम अपने यात्रा के तीसरे दिन भभुअर स्थित भार्गव ऋषि के आश्रम पहुंचे थे़ यहां भार्गव ऋषि ने भगवान राम […]

आराधना. तीसरे दिन भभुअर में श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना, खाया चूड़ा-दही

बक्सर : पंचकोसी परिक्रमा के तीसरे दिन सोमवार की सुबह श्रद्धालु तीसरे स्थल भार्गव ऋषि के आश्रम भभुअर के लिए निकल पड़े़ जहां, भगवान राम अपने यात्रा के तीसरे दिन भभुअर स्थित भार्गव ऋषि के आश्रम पहुंचे थे़ यहां भार्गव ऋषि ने भगवान राम को चूड़ा-दही खिलाया था़ उसी मान्यता के अनुसार श्रद्धालुओं ने पूजा व परिक्रमा करने के बाद चूड़ा-दही का प्रसाद ग्रहण किया.
भभुवर में रात्रि विश्राम कर फिर राम अगले आश्रम की तरफ निकल पड़े़ भभुअर सदर प्रखंड के दक्षिणी भाग में जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो पंचकोसी परिक्रमा के सबसे ज्यादा दूरी पर स्थित है़ भभुवर पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं ने वहां स्थित सरोवर में स्नान करने के बाद भार्गव ऋषि द्वारा स्थापित भगवान शिव की पूजा-अर्चना की. पूजा करने के बाद सरोवर के पूर्वी भीट एवं दक्षिणी भीट पर श्रद्धालु अपना आसन डाले, जहां उनके लिए पहले से ही पंचकोसी परिक्रमा समिति द्वारा टेंट वगैरह की व्यवस्था की गयी थी.
साधु-संतों ने भी की परिक्रमा : पंचकोसी परिक्रमा में मठों के महंत भी शामिल हुए़ व्याघ्रसर पंचकोसी परिक्रमा समिति के नेतृत्व में संत समाज पर्याप्त संख्या में इस परिक्रमा में शामिल होते है़ं परिक्रमा समिति के अध्यक्ष व वसांव मठ के महंत अच्यूत प्रपन्नाचार्य जी महाराज, उपाध्यक्ष व सीताराम विवाह आश्रम के महंत राजाराम शरण जी महाराज, सचिव डॉ रामनाथ ओझा समेत अन्य गण्यमान्य लोगों द्वारा पंचकोसी परिक्रमा किया गया है़ साथ ही समिति के इन धर्माचार्यों द्वारा परिक्रमा में शामिल होनेवाले श्रद्वालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है, जिससे कि इसकी महता आगे और बढ़े तथा हमारी प्राचीन संस्कृति आगे भी संरक्षित रहे़
यात्रा में मेले सा माहौल था कायम
पंचकोसी परिक्रमा के तीसरे पड़ाव की दूरी अन्य चार स्थलों के अपेक्षा ज्यादा है़ भभुअर ग्रामीण इलाकों के बीच होने के कारण पूजा के साथ ही लोग मेले का आनंद उठाने के लिए भी भारी संख्या में पहुंचे़ दोपहर बाद आसपास के गांवों के लोग टूट पड़े थे़ भगवान के दर्शन के बाद वे मेले का लुत्फ उठाये़ ग्रामीण स्तर के पूजास्थल होने के कारण मेले में खानपान के सामान, बच्चों के खिलौने व शृंगार के सामान वाली दुकानों पर ज्यादा भीड़ थी.
पूर्वी भीट पर श्रद्वालुओं का रहता है निवास :प्राचीनकाल से परिक्रमा करनेवाले श्रद्धालुओं का निवास सरोवर के पूर्वी भीट पर रहता है़ जहां श्रद्वालुओं के ठहरने व सोने बैठने की व्यवस्था परिक्रमा समिति द्वारा की जाती है़ वहीं, परिक्रमा समिति द्वारा कथा व प्रवचन के माध्यम से श्रद्धालुओं को भक्ति का रसपान कराया जाता है़
भभुअर में परिक्रमा का है महत्व
पंचकोसी परिक्रमा से मन में शांति, सुख व घर में समृद्धि की प्राप्ति होती है़ परिक्रमा के शुरू होने से पहले संतों के मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया़ इसी महत्व के तहत संतों के नेतृत्व में श्रद्धालुओं ने भार्गव सरोवर की परिक्रमा किये और भार्गव ऋषि द्वारा स्थापित भगवान शिव की पूजा-अर्चन किये़ परिक्रमा में आगे से संत समाज उनके पीछे से हजारों की संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने परिक्रमा किया़ सरोवर के भीट पर श्रद्धालुओं का परिक्रमा काफी मनमोहक दृश्य पैदा कर रहा था़
पंचकोसी परिक्रमा के तहत भभुअर में श्रद्धालुओं ने दही-चूड़ा प्रसाद के रूप में ग्रहण किया़ परिक्रमा समिति द्वारा श्रद्धालुओं के लिए चूड़ा दही व गुड़ प्रसाद रूप में खिलाया गया. वहीं, भार्गव ऋषि के आश्रम पर जब भगवान राम पहुंचे, तो वहां पानी की कमी की जानकारी राम को मिली़ मुनिवर के पानी की कमी को पूरा करने के लिए लक्ष्मण ने एक तीर के प्रहार से एक विशाल सरोवर का निर्माण कर डाला़ इसलिए इस सरोवर में स्नान का अलग महत्व है़
मंदिर में महिलाओं ने गया भजन
तीसरे पड़ाव भभुअर पहुंचीं श्रद्धालु महिलाओं ने भगवान शिव का झाल व ढोल के माध्यम से भजन गायन किया. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर भक्त गीतों से गूंज उठा़ महिलाओं की मधुर आवाज को सुन कर मेला परिसर में जो भी आया था व मंदिर परिसर में जुट गया़ मंदिर परिसर में अलग-अलग जगहों से आयी महिलाओं ने भजन गायन में शामिल हुईं व घंटों तक भजन गायन का दौर चलता रहा़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें