तैयारी. सभी पुलिस स्टेशन होंगे कंप्यूटरीकृत, ब्राॅडबैंड व जेनरेटर से लैस
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अब कंप्यूटर से दर्ज होगी प्राथमिकी
तैयारी. सभी पुलिस स्टेशन होंगे कंप्यूटरीकृत, ब्राॅडबैंड व जेनरेटर से लैस बक्सर : जिले के सभी पुलिस स्टेशन अब हाइ-टेक तकनीक से लैस होंगे. सभी पुलिस थानों में कंप्यूटर, ब्रॉडबैंड व जेनेरेटर की सुविधा होगी. राज्य सरकार के निर्देश पर इसके लिए जिला मुख्यालय से प्रस्ताव बनाकर पटना मुख्यालय भेजने के लिए तैयारी की जा […]
बक्सर : जिले के सभी पुलिस स्टेशन अब हाइ-टेक तकनीक से लैस होंगे. सभी पुलिस थानों में कंप्यूटर, ब्रॉडबैंड व जेनेरेटर की सुविधा होगी. राज्य सरकार के निर्देश पर इसके लिए जिला मुख्यालय से प्रस्ताव बनाकर पटना मुख्यालय भेजने के लिए तैयारी की जा रही है. सभी थानों में दर्ज होनेवाली प्राथमिकी को पुलिस कंप्यूटर पर सीधे दर्ज करेगी. कंप्यूटर व ब्रॉडबैंड की व्यवस्था के लिए सभी थानाध्यक्षों से प्रस्ताव मांगा जायेगा. कई बार देखा गया है कि प्राथमिकी की कार्बन कॉपी ठीक नहीं होती है.
इसके कारण प्राथमिकी की कार्बन कॉपी ठीक नहीं आती. थानों पर बैठे मुंशी यह कर टाल देते हैं कि कार्बन कॉपी पेपर ठीक नहीं थी, इसलिए दूसरी कॉपी खराब आयी है. अब इस तरह का बहाना नहीं कर सकेंगे. कई प्राथमिकी की कार्बन कॉपी ऐसी होती है, जो आसानी से पढ़ने में नहीं आती थी. इसके पीछे कारण बताया जाता था कि कार्बन पुराना हो जाने की वजह से ऐसा हो गया है, लेकिन यह जुमला अब गुजरे जमाने की बात हो जायेगी. कंप्यूटराइज्ड प्राथमिकी दर्ज कराने के प्रति सरकार का रूख सख्त हो गया है.
इस को लेकर सरकार ने सभी थाना प्रभारियों को समय सीमा में बांध दिया है. जिले के सभी थाना प्रभारियों को इसके लिए एक निर्धारित समय दिया गया है. इसके बाद कोई भी बहाना बरदाश्त नहीं किया जायेगा. थाना प्रभारी इसके लिए अपने-अपने थानों पर सभी जरूरी व्यवस्थाएं करेंगे.
नहीं चलेगा पावरकट का बहाना :
कंप्यूटराइज्ड प्राथमिकी के लिए पावरकट का बहाना नहीं चलेगा. इसके लिए सभी थानों पर जेनेरेटर सेट का भी इंतेजाम किया जायेगा. इन जेनेरेटरों को लगवाने के बाद इसका कनेक्शन सिर्फ कंप्यूटरवाले कमरे में कराया जायेगा. थानाध्यक्ष अपने आवास या थाने की बिजली इस जेनेरेटर से नहीं जला सकेंगे. इसकी भी निगरानी की जायेगी कि जेनेरेटर का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा.
शिकायतकर्ता को तत्काल देनी होगी प्राथमिकी की कॉपी
जिले में हैं कुल 22 थाने
बक्सर जिले में कुल थानों की संख्या 22 है. इसके अलावा लोगों की सुविधाओं के लिए छह ओपी हैं. कुल मिलाकर इनकी संख्या 28 है. लेकिन, हाइ-टेक तकनीक की सुविधा जिला पुलिस मुख्यालय को छोड़ कर कहीं नहीं है. बक्सर टाउन थाना व डुमरांव थाना को छोड़ कर जिले में किसी भी पुलिस स्टेशन में कंप्यूटर नहीं है. लेकिन, उक्त दोनों थानों में ब्रॉडबैंड की सुविधा नहीं है. कई जगह तो जर्जर भवन में ही सिपाहियों को रात गुजारनी पड़ती है. वहीं, बक्सर के आदर्श टाउन थाने में शौचालय की स्थिति सही नहीं है. इस तरह से बुनियादी सुविधाओं की बदहाली एक बाधा है.
जल्द होगी व्यवस्था : एसपी
फिलहाल जिला पुलिस मुख्यालय को हाइ-टेक बनाने का प्रस्ताव मिला है. मुख्यालय में कंप्यूटर और ब्रॉडबैंड की व्यवस्था है. लेकिन, इसे और भी हाइ-टेक बनाना है. पुलिस मुख्यालय को हाइ-टेक बनाने के लिए केंद्र सरकार के स्तर से काम किया जा रहा है. केंद्र सरकार के अनुसार सभी थानों को हाइ-टेक बनाना है.
उपेंद्र कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक, बक्सर
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