तैयारी. पहले खाली जमीन का होगा सर्वे, उसके बाद होगा टैक्स का निर्धारण
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अब खाली जमीन का भी लगेगा टैक्स
तैयारी. पहले खाली जमीन का होगा सर्वे, उसके बाद होगा टैक्स का निर्धारण बक्सर : शहर के लोगों को अब खाली जमीन के लिए भी टैक्स का भुगतान करना होगा. इसके लिए सरकार ने नगर पर्षद प्रशासन को निर्देश दिया है. सरकार के निर्देश के आलोक में नगर पर्षद प्रशासन अब लोगों से खाली जमीन […]
बक्सर : शहर के लोगों को अब खाली जमीन के लिए भी टैक्स का भुगतान करना होगा. इसके लिए सरकार ने नगर पर्षद प्रशासन को निर्देश दिया है. सरकार के निर्देश के आलोक में नगर पर्षद प्रशासन अब लोगों से खाली जमीन का भी टैक्स वसूलने के दिशा में तैयारी शुरू कर दी है. नगर पर्षद के टैक्स दारोगा को इस दिशा में आवश्यक पहल करने का निर्देश नगर पर्षद के अधिकारियों ने दी है. शहर छोटा हो या बड़ा, अगर अपनी जमीन पर मकान बनाने के बाद कुछ जमीन खाली छोड़ रखा है, तो उसका भी देना होगा टैक्स. अभी मकान के वर्ग फुट के हिसाब से लगता है टैक्स. नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसके लिए दर का निर्धारण कर नगर निगम को भेज दिया है. नये वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल से यह नियम लागू हो जाये.
वर्तमान में नगर पर्षद की ओर से सिर्फ निर्मित भवनों या फ्लैटों से ही टैक्स की वसूली की जाती है. इसके अलावा अब जमीन की खरीद-बिक्री करनेवालों से भी नप टैक्स लेगा. अगर कोई व्यावसायिक दृष्टि से जमीन की खरीदारी करता है और फिर उसकी बिक्री करता है, तो उसे भी नप को टैक्स देना होगा.
सड़कों के वर्गीकरण के आधार पर टैक्स : सड़कों के वर्गीकरण के आधार पर टैक्स का निर्धारण किया गया है. नगर पर्षद में तीन से पांच रुपये प्रति वर्ग मीटर, नगर पर्षद में दो से चार रुपये प्रति वर्ग मीटर और नगर पंचायतों में एक से तीन रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से टैक्स की वसूली की जायेगी. इस प्रस्ताव को बोर्ड से पारित कराने के बाद लागू किया जायेगा. नप क्षेत्र में प्रधान सड़क पर स्थित एक कट्ठे की जमीन पर 626 रुपये, मुख्य सड़क पर स्थित एक कट्ठे की जमीन पर 503 रुपये और अन्य सड़कों पर स्थित एक कट्ठे की जमीन पर 381 रुपये सालाना टैक्स देना होगा.
बढ़ेगा नगर पर्षद का राजस्व : शहर में खाली पड़ी जमीन का टैक्स वसूल करने की पहल से नप को सालाना करीब 10 से 15 लाख रुपये राजस्व की वसूली होने की संभावना है. हालांकि अब तक नगर पर्षद प्रशासन के पास शहर में खाली पड़ी जमीन का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन इस दिशा में विभाग के कर्मचारियों को लगा दिया गया है.
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल शहर में आवास व व्यावसायिक भवनों से करीब 35 लाख रुपये की सालाना राजस्व की वसूली की जा रही है.
नगर पर्षद नये वित्तीय वर्ष से वसूलेगा पैसा
जल्द शुरू होगा सर्वे
सर्वे का काम नगर पर्षद द्वारा शुरू किया जायेगा. छूटी होल्डिंग की पहचान के दौरान खाली जमीन भी चिह्नित किये जायेंगे. जमीन किस सड़क पर स्थित है, इसकी पहचान भी की जायेगी. अगर जमीन पर मोबाइल टावर या विज्ञापन होर्डिंग होगी, तो उसे अलग श्रेणी में शामिल किया जायेगा. इसके लिए कर संग्राहक के साथ दो कर्मचारियों की टीम बनायी जायेगी. सर्वे के दौरान इस बात पर भी ध्यान दिया जायेगा कि खाली जमीन का व्यावसायिक उपयोग हो रहा है या नहीं.
सरकार का निर्देश मिला है
सरकार का निर्देश मिला है कि खाली जमीन का भी टैक्स वसूल किया जाये. इससे होनेवाले राजस्व से नगर पर्षद का विकास किया जायेगा. जल्द ही खाली जमीन का सर्वे करा कर टैक्स वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
अनिल कुमार सिंह, नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी
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