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बिजली की आंखमिचौनी से रात भर जागे लोग

पूरी रात आती और जाती रही बिजली साहब सोते रहे चैन से जनता रही परेशान बक्सर : हर की बिजली व्यवस्था गुरुवार को पूरी तरह ध्वस्त रही. पूरी रात बिजली आती जाती रही. बिजली की इस आंखमिचौनी से उपभोक्ता पूरी तरह हलकान रहें. विद्युत कंपनी के अधिकारी भले ही रात में चैन की नींद सोते […]

पूरी रात आती और जाती रही बिजली
साहब सोते रहे चैन से जनता रही परेशान
बक्सर : हर की बिजली व्यवस्था गुरुवार को पूरी तरह ध्वस्त रही. पूरी रात बिजली आती जाती रही. बिजली की इस आंखमिचौनी से उपभोक्ता पूरी तरह हलकान रहें. विद्युत कंपनी के अधिकारी भले ही रात में चैन की नींद सोते रहें, पर आम उपभोक्ताओं की नींद गायब रही.
स्टेशन फीडर में रात के नौ बजे बिजली गुल हो गयी और पहले दो घंटे तक कटी रही और फिर यह सिलसिला पूरी रात जारी रहा. यह स्थिति कमोबेस यहीं रही. ऊमस भरी गरमी में बिजली के कटने से लोग परेशान रहें. छतों पर टहल कर लोगों ने बिजली आने का इंतजार किया.
बंदरों ने बिजली आपूर्ति पर लगायी ब्रेक
बंदरों की उछल कूद गुरुवार को शहर की बिजली व्यवस्था पर भारी पड़ गयी. जानकारी के अनुसार बीती रात पीआरडब्लू के पास बंदर ग्यारह हजार वोल्ट के तार पर कूद गये, जिससे तार टूट गया और करीब दो घंटों तक बिजली गुल रही. पुन: दो घंटे बाद बिजली की तार चरित्रवन में टूट गयी, जिससे फिर बिजली चली गयी. यह सिलसिल पूरी रात जारी. हालांकि विद्युत कर्मी भी तार टूटने पर उसे ठीक करने में लगे रहें. बहरहाल, लोगों ने बीती रात बिजली से भरोसा तोड़ जैसे-तैसे रात गुजारी.
पदाधिकारी का नहीं लगा फोन
बिजली की ऐसी व्यवस्था से लोग परेशान थे. तब लोगों ने विभाग के कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार के पास फोन किया. पदाधिकारी का मोबाइल नंबर 7763814281 कभी व्यस्त, तो कभी नॉट रिचेबूल बताता रहा. पदाधिकारी के इस मोबाइल पर मीडिया कर्मी भी फोन लगा रहे थे, पर फोन नहीं लग पाया. खलासी मुहल्ले के अकबर, रमेश और सुरेश सिंह ने बताया कि जब इसकी शिकायत विभाग के शिकायत काउंटर भी दर्ज करानी चाही, तो यहां के फोन का भी यही हाल रहा. गरमी से लोग परेशान रहें. फिर भी पदाधिकारियों से कोई संपर्क नहीं हो पाया. आम आदमी गरमी से परेशान होकर पूरी रात जगते रहें, तो इधर, पदाधिकारी चैन की नींद सोते रहें.
चार फीडरों से होती है विद्युत आपूर्ति : विभाग बताता है कि बक्सर ग्रिड से चार फीडरों से विद्युत आपूर्ति की जाती है, जिसमें टाउन, स्टेशन फीडर, आइओसी (जेल रोड) और राजपुर फीडर शामिल हैं. इसके लिए 18 मेगावाट की आवश्यकता है, जो विभाग को मिल रहा है.
यानी इतने मेगावाट में उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली आपूर्ति होनी चाहिए, पर विभाग से जो आंकड़ा मिला है, वह विभाग के इस झूठ की पोल खोल रहा है. इससे साफ जाहिर होता है कि उपभोक्ताओं की परेशानी से पदाधिकारियों को कोई लेना-देना नहीं है.
पीक आवर में बाधित रहती है बिजली : पीक आवर में बिजली बाधित रहती है. शाम में छह से रात्रि दस बजे तक पीक आवर होता है. इस दरम्यान बिजली कई दफा गुल होती है.
इसके कारण सबसे ज्यादा व्यावसायिक लोग परेशान होते हैं. लोग बताते हैं कि इस समय कटने से काफी परेशानी होती है. बिजली निर्बाध रूप से जारी रहे, इसके लिए प्राइवेट तौर पर जेनेरेटर की सुविधा लेनी पड़ती है, जिससे आर्थिक क्षति होती है. इधर, घरों में महिलाओं को काम करने में भी परेशानी होती है. शाम के वक्त घर के बच्चे पढ़ते हैं. महिलाएं खाना बनाती हैं, पर बिजली के कटने से ऊमस भरी गरमी में काफी परेशानी होती है. विभाग बताता है कि पीक आवर में 15 से 16 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है, जिसके कारण परेशानी होती है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
फोटो-21-तार टूटने से बिजली की कटौती हुई. मेरा मोबाइल हमेशा ठीक रहता है और कभी बंद नहीं होता. रात में भी बंद नहीं था. नेटवर्क की समस्या से फोन नहीं लगा होगा.
संतोष कुमार

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