डुमरांव : प्रखंड क्षेत्र में अाजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी सिंचाई जैसी मूल सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है़ डुमरांव रजवाहा में अभी तक अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाया़ रोपनी का अंतिम समय चल रहा है और पानी के अभाव में बिचड़े सूख रहे है़ं किसान निजी पंपसेट के […]
डुमरांव : प्रखंड क्षेत्र में अाजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी सिंचाई जैसी मूल सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है़ डुमरांव रजवाहा में अभी तक अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाया़ रोपनी का अंतिम समय चल रहा है और पानी के अभाव में बिचड़े सूख रहे है़ं किसान निजी पंपसेट के सहारे खेतों में पानी कर बिचड़ा डाले थे
कि रोपनी के समय नहर में पानी आ जायेगा. नहर में पानी नहीं आने एवं वर्षा अनुकूल नहीं होने से धान की रोपनी बाधित हो रही है़ जिसके कारण खेतों में दरारें भी देखने को मिल रही है़ं क्षेत्र के अरियांव, नंदन, लाखन डिहरा, रामपुर, नवाडीह, चौगाईं, कोरानसराय, अमथुआं सहित दर्जनों गांवों से जहां नहर से जुड़ी है, आज तक खेतों में पानी नहीं पहुंच पाया है़
क्या है समस्या : क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा नहीं रहने से किसानों को खरीफ एवं रबी की फसल बरबाद हो जाती है, जिससे किसान आर्थिक तंगी का शिकार होते हैं. इस दौरान कई गांवों में सड़क का निर्माण नहीं होने से किसानों को अपने डीजल पंप को किसी तरह से खेतों तक पहुंचाया जाता है, जिससे काफी परेशानी होती है़
क्या है समाधान : सिंचाई की समस्या को दूर करने के लिए लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में मलई बराज बांध से नहर में पानी देने की घोषणा पर अमल में हो, तो सिंचाई की समस्या दूर होगी.
कहते हैं किसान : किसान माघा सिंह, कंचन सिंह, बिहारी सिंह, कृष्णानंद सिंह, बाला यादव आदि ने बताया कि डुमरांव रजवाहा के अंतिम छोर पर पड़ने वाले गांवों की उपेक्षा की गयी है, जिसके कारण किसानों की समस्या जस-की-तस बनी हुई है़,जिससे किसानों को निराशा ही हाथ लगी है़