कार्रवाई. सत्यदेव मार्ग से अतिक्रमण हटाने को ले नप प्रतिबद्ध
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दुकानदारों को अल्टीमेटम
कार्रवाई. सत्यदेव मार्ग से अतिक्रमण हटाने को ले नप प्रतिबद्ध बक्सर : नगर पर्षद इस बार सत्यदेव मार्ग से अतिक्रमण हटाने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध दिख रहा है. इसे लेकर नगर पर्षद ने फुटपाथी दुकानदारों को दो दिनों के अंदर फुटपाथ को खाली करने का फरमान भी जारी कर दिया है. इसके लिए नप […]
बक्सर : नगर पर्षद इस बार सत्यदेव मार्ग से अतिक्रमण हटाने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध दिख रहा है. इसे लेकर नगर पर्षद ने फुटपाथी दुकानदारों को दो दिनों के अंदर फुटपाथ को खाली करने का फरमान भी जारी कर दिया है. इसके लिए नप ने नगर पर्षद भवन के ठीक बगल में दुकानदारों को शिफ्ट कराने की योजना भी बनायी है, लेकिन फुटपाथी दुकानदारों के अनुसार शिफ्टिंग में खूनी संघर्ष भी हो सकता है. जिसकी वजह है,
किसी भी दुकानदार को चिह्नित कर जगह का आवंटन नहीं होना. यानी खुद से दुकान लगाने के लिए जगह का चयन कर लेना है. हालांकि नगर पर्षद एक दुकानदार को सात बाई दस स्क्वायर फुट की जगह दे रहा है, लेकिन जगह का एलॉटमेंट किसी के नाम से नहीं होने से दुकानदारों को परेशानी बनी हुई है.
इसके अलावे यहां भी कोई सुविधा नहीं है. न जमीन पर ईंट सोलिंग है और न ही शेड की व्यवस्था. ऐसे में एकाएक दुकानदार कैसे हटे यह उनके लिए समस्या बनी हुई है. हालांकि इस बात पर पदाधिकारी कहते हैं कि सड़क के किनारे भी तो उन्हें किसी तरह की सुविधा नहीं दी गयी है.
पिछले साल हुआ था आंदोलन
पिछले साल दुकानदारों ने छात्र नेताओं के नेतृत्व में आंदोलन किया था. इस आंदोलन की आग इतनी तेज हुई थी कि विश्वामित्र महोत्सव में छात्र नेताओं ने तत्कालीन विधायक सुखदा पांडेय को काला झंडा दिखाया था. इस मामले में छात्र नेता रामजी सिंह की गिरफ्तारी भी हुई थी, जिसके विरोध में थाने का घेराव भी हुआ था और प्रशासन ने लाठी चार्ज किया था. इस मामले में कुल 12 लोग नामजद थे, जिसमें छात्र नेता राजेश कुमार शर्मा,
रिंकू यादव, उमेश राणा समेत अन्य शामिल हैं. इसके बाद भी धरना प्रदर्शन जारी था. हाल फिलहाल में आवाज संस्थान के कार्यकर्ता राम नारायण ने भी आंदोलन किया था. जिसके बाद जिला प्रशासन ने नगर विक्रय समिति बनायी. इसमें सात पदाधिकारी और आठ दुकानदार शामिल हैं. इस समिति के अध्यक्ष नप के कार्यपालक पदाधिकारी हैं. इस समिति के बनने के बाद स्ट्रीट वेंडरों का सर्वे हुआ, जिन्हें सुविधाओं के साथ जगह का एलॉट किया जायेगा, लेकिन अब तक सर्वे का काम होने के बाद भी वेंडरों को कोई जगह एलॉट नहीं किया गया है.
क्या है कानून : स्ट्रीट वेंडर प्रोटेक्शन एवं रेगुलेशन, 2014 के अनुसार फुटपाथी दुकानदारों को विस्थापन से पहले उन्हें स्थायी जगह देनी है. विस्थापन करने के लिए दुकानदारों को 30 दिन पूर्व ही सूचना देनी होगी.
हो सकती है कार्रवाई : विभाग के अनुसार यदि कोई दुकानदार फुटपाथ से अपनी दुकानों को नहीं हटाता है, तो उसके खिलाफ धारा 133 के अनुसार कार्रवाई करने का प्रावधान है.
ढाई लाख रुपये आता है राजस्व
अांबेडकर सब्जी मंडी के नाम से सड़क किनारे लगनेवाली सब्जी मंडी से करीब ढाई लाख रुपये राजस्व की प्राप्ति प्रत्येक वित्तीय वर्ष में नप को होती है. इस मंडी में करीब 150 से अधिक दुकानें हैं, लेकिन इन्हें किसी भी तरह की सुविधा नहीं मिलती है. दुकानदार यह भी आरोप लगाते हैं कि समय-समय पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर नगर पर्षद प्रशासन दुकानदारों पर डंडा बरसाता है. हर बार यहीं मांग उठती है कि दुकानों के विस्थापन के पहले उसे एक निश्चित जगह दी जाये.
सामाजिक कार्यकर्ता व वार्ड प्रतिनिधि प्रह्लाद वर्मा ने कहा कि अतिक्रमण हटाने का यह तुगलकी फरमान है. पहले व्यवस्था करनी चाहिए, तब दुकानदारों को हटाना चाहिए.
रामनारायण ने कहा कि स्ट्रीट वेंडरों के अधिकार के लिए नगर विक्रय समिति का गठन हुआ है. विस्थापन को लेकर इसे फैसला लेना चाहिए. हर फैसला दुकानदारों के हित में होनी चाहिए.
क्या कहते हैं नप उपाध्यक्ष
नप के उपाध्यक्ष इफ्तखार अहमद ने कहा कि नप दुकानदारों के प्रति संवेदनशील है. उन्हें हर सुविधा दी जायेगी.
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