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संगमरमर हटा फर्श पर लगाया जा रहा टाइल्स

नगर पर्षद भवन की मरम्मत के नाम पर पैसे की बरबादी करीब आठ लाख रुपये की लागत से हो रही मरम्मत बक्सर : बक्सर नगर पर्षद में इन दिनों भवन मरम्मत का काम चल रहा है. लेकिन, मरम्मत का जो कार्य हो रहा है, उसे जनता के पैसे की बरबादी कही जा सकती है. नगर […]

नगर पर्षद भवन की मरम्मत के नाम पर पैसे की बरबादी

करीब आठ लाख रुपये की लागत से हो रही मरम्मत
बक्सर : बक्सर नगर पर्षद में इन दिनों भवन मरम्मत का काम चल रहा है. लेकिन, मरम्मत का जो कार्य हो रहा है, उसे जनता के पैसे की बरबादी कही जा सकती है. नगर पर्षद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कार्यपालक पदाधिकारी के कमरे व सभागार के फर्श पर लगे संगमरमर को तोड़ कर उन्हें बदला जा रहा है. इसके बदले में टाइल्स का प्रयोग किया जा रहा है. विभाग इसे सौंदर्यीकरण का नाम दे रही है. लेकिन, बताते चलें कि अभी शहर में कई ऐसे पार्क हैं, जो वर्षों से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, जिन्हें अब तक सौंदर्यीकरण नहीं किया गया है. लोगों ने इसके लिए आवाज भी उठाई.
लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ. इधर, आमजनों की माने, तो इन कमरों और सभागार में लगे फर्श पूरी तरह ठीक हैं. वहीं, नगर पर्षद के जेइ का कहना है कि फर्श में जब तक संगमरमर लगा रहता, तब तक ठीक रहता, लेकिन सौंदर्यीकरण के मद में राशि मिली है, तो उपयोग तो करना ही है. विदित हो कि फर्श कहीं से कोई टूटा-फूटा नहीं है. फिर भी फर्श को बदल कर पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है. हालांकि, नप की रेलिंग का काम भी हुआ है,
जिसे आम जन ठीक मानते हैं. वहीं, फर्श बदलने के मामले में कहते हैं कि नगर पर्षद के नये भवन को बने अभी सात से आठ साल ही हुए हैं. फिर इतनी जल्दी मरम्मत कैसे शुरू हो गया, यह समझ से परे है. शहर के बुद्धिजीवी हों या सामान्य जन, सभी नगर पर्षद के इस कार्य की निंदा कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि भवन मरम्मत का कार्य करीब आठ लाख की राशि से की जानी है, जिसमें नप अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कार्यपालक पदाधिकारी के कमरे व सभागार के फर्श में लगे संगमरमर को बदल कर टाइल्स का प्रयोग करना है. इसके साथ ही ऊपरी छतों पर रेलिंग भी लगानी है. कार्य अभी जारी है.
क्या कहते हैं लोग
अभी कुछ वर्ष पूर्व ही नगर पर्षद भवन का निर्माण हुआ है. यदि इतना जल्दी मरम्मत का कार्य शुरू होता है, तो यह जांच का विषय है. वैसे यदि फर्श ठीक है, तो उसे बदलने की कोई जरूरत नहीं थी. यह पैसे की बरबादी है.
धीरेंद्र कुमार चौधरी, सीपीएम नेता
इस तरह मरम्मत के कार्य करने से जनता के पैसे का दुरुपयोग है. जिला प्रशासन को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि सही कार्य किया जा सके.
ललन सिंह, जिलाध्यक्ष, राजद खेल प्रकोष्ठ
क्या कहते हैं जेइ
फर्श में जब तक संगमरमर लगा रहता है, तब तक ठीक रहता है. संगमरमर टूटा नहीं था. लेकिन, सौंदर्यीकरण के मद में जब पैसा आया है, तो उसका उपयोग किया जाना जरूरी है.
संदीप पांडेय, जेइ, नगर पर्षद
क्या कहते हैं पदाधिकारी
यह पैसे की बरबादी नहीं है, बल्कि सौंदर्यीकरण के तहत इसे बदला जा रहा है. ऐसा तो कार्य समय-समय पर होता ही रहता है.
अनिल कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी
क्या कहती हैं पूर्व अध्यक्ष
जब फर्श संगमरमर का है और वह पूरी तरह से ठीक है, तो उसे बदलने की कोई जरूरत ही नहीं है. सीधे तौर पर यह जनता के पैसे की बरबादी है, जिस पर अंकुश लगना चाहिए.
मीना सिंह, पूर्व अध्यक्ष, नगर पर्षद

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