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56 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं भूखे पेट

आंगनबाड़ी केंद्रों पर दो माह से पोषाहार बंद है, जबकि महीने में दो करोड़ का आवंटन आता है. नतीजा बच्चों को भोजन से वंचित होना पड़ रहा है. साथ ही जिले के 12 हजार गर्भवती और 14 हजार प्रसूता को भी पोषाहार नहीं मिल रहा है. वहीं, कन्या पोषाहार के तहत मिलनेवाले लाभ से जिले […]

आंगनबाड़ी केंद्रों पर दो माह से पोषाहार बंद है, जबकि महीने में दो करोड़ का आवंटन आता है. नतीजा बच्चों को भोजन से वंचित होना पड़ रहा है. साथ ही जिले के 12 हजार गर्भवती और 14 हजार प्रसूता को भी पोषाहार नहीं मिल रहा है. वहीं, कन्या पोषाहार के तहत मिलनेवाले लाभ से जिले के 24 हजार किशोरी वंचित हैं.
बक्सर : जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चे भूखे पेट पढ़ने को विवश हैं. केंद्रों पर विगत दो माह से पोषाहार बंद है. पोषाहार बंद होने के पीछे इस मद में आवंटन की अनुपलब्धता बतायी जा रही है. आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार बंद होने के कारण करीब 56 हजार बच्चे इससे वंचित हैं.
ऐसा नहीं है कि यह समस्या पहली बार है. इससे पहले भी आवंटन उपलब्धता की समस्या हो चुकी है. पोषाहार बंद होने से केवल बच्चे ही कुप्रभावित नहीं है, बल्कि गर्भवती और धातृ भी इससे वंचित हैं. जिले भर में करीब 12 हजार गर्भवती और 14 हजार प्रसूता हैं, जिन्हें दो माह से पोषाहार नहीं मिल रहा है. अंतिम बार अप्रैल माह में पोषाहार का वितरण आंगनबाड़ी केंद्रों पर हुआ था. मई माह में पोषाहार नहीं बंट पाया और जून माह में अब तक नहीं बंटा है. जिले में करीब दो करोड़ 20 लाख का आवंटन आता है. फिलहाल विभाग के पास कोई सूचना नहीं है कि पोषाहार के मद में आनेवाला आवंटन कब तक आयेगा.
कन्या पोषाहार एक साल से है बंद : जिले में किशोरियों को उपलब्ध होनेवाला पोषाहार भी विगत एक साल से बंद है. इसके कारण आंगनबाड़ी केंद्रों पर किशोरियों को पोषाहार नहीं मिल रहा है. ऐसे में करीब 24 हजार किशोरी इससे वंचित हैं. इस मद में आवंटन बंद है. विभागीय सूत्रों के अनुसार केंद्र से आवंटन नहीं मिलने के कारण यह योजना दम तोड़ रही है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
बाल विकास परियोजना के प्रभारी पदाधिकारी अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि आवंटन नहीं आने से यह समस्या बनी हुई है. आवंटन कब तक आयेगा, इसकी कोई सूचना नहीं है.

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