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आंधी-पानी में डेढ़ सौ से अधिक पोल गिरे

10 लाख से अधिक का हुआ सरकारी संपत्ति का नुकसान जिले के कई फीडर भी हुए क्षतिग्रस्त आपूर्ति ठप रहने से बिजली उपभोक्ता रहे परेशान बक्सर : दो दिनों से लगातार आंधी-पानी के कारण जिले में बिजली का घोर संकट पैदा हो गया है. साथ ही कई स्थानों पर जहां 48 घंटे से बिजली नहीं […]

10 लाख से अधिक का हुआ सरकारी संपत्ति का नुकसान

जिले के कई फीडर भी हुए क्षतिग्रस्त

आपूर्ति ठप रहने से बिजली उपभोक्ता रहे परेशान

बक्सर : दो दिनों से लगातार आंधी-पानी के कारण जिले में बिजली का घोर संकट पैदा हो गया है. साथ ही कई स्थानों पर जहां 48 घंटे से बिजली नहीं है. वहीं, कई स्थानों पर 36 घंटे बाद बिजली आपूर्ति शुरू हो पायी है. जिले के लगभग सभी फीडरों में कुछ-न-कुछ खराबी आ गयी है, जिसके कारण बिजली की आपूर्ति प्राय: सभी क्षेत्रों में ठप रही. आंधी-पानी के बीच सिर्फ बक्सर अनुमंडल में डेढ़ सौ पोल टूट कर गिरे हैं, जिससे बिजली विभाग को 10 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.
वहीं, डुमरांव अनुमंडल में भी जगह-जगह बिजली का तार टूट कर गिरने से बिजली की आपूर्ति शनिवार से ही चरमरा गयी है और बिजली के कारण कई गांवों में अंधेरा व्याप्त है. शनिवार के तड़के दो बजे से आयी आंधी-पानी में जो बिजली खराब हुई, उसमें अब भी राजपुर और इटाढ़ी प्रखंड के करीब 15 गांवों में बिजली नहीं आयी है. बिजली चालू करने का काम युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है.
इटाढ़ी और राजपुर के 15 गांवों में 48 घंटे से पसरा है अंधेरा : आंधी-तूफान के कारण शनिवार से राजपुर और इटाढ़ी प्रखंड के प्राय: सभी गांवों में बिजली की आपूर्ति बाधित हो गयी है. इन दोनों प्रखंडों में कुल 41 पोल टूट कर गिर गये हैं. राजपुर प्रखंड के कोचस फीडर से जुड़े सरेंजा से राजपुर के बीच दर्जनों पोल टूट गये हैं.
वहीं, इनापुर और मुबारकपुर के बीच बिजली का पोल आंधी में गिर कर धराशायी हो गया है. कुकुढ़ा से भेलूपुर के बीच लगे पोल आंधी में गिर गये. इसके अतिरिक्त दल सागर फीडर के 11 हजार केवीए के इंसुलेटर के तार उतर गया. चौसा का 33 सौ केवीए का फीडर ब्रेक डाउन हो गया था. पांडेयपट्टी, दल सागर के भी फीडरों में खराबी आ गयी थी, जिसके कारण इन क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति शनिवार से ही बाधित रही.
वहीं, डुमरांव अनुमंडल के कोरानसराय-रामपुर मार्ग पर गिरे पेड़ के कारण बिजली के तार भी टूट गये थे, जिसे मरम्मत कर लिया गया है. वहीं, चक्की प्रखंड के कई क्षेत्रों में बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गये तथा 11 हजार केवीए का बिजली का तार भी टूट गया. वहीं, सिमरी प्रखंड के बड़का गांव सबलपट्टी में और सहियार पंचायत में पेड़ गिरने से आवागमन पर असर पड़ा और बिजली भी ठप रही. धनसोई, अमरपुर, जटुली, सूखापुर, सुजायतपुर, पुरुषोत्तमपुर आदि गांवों में अब भी अंधेरा कायम है.
बिजली विभाग को लाखों की क्षति
दो दिनों के आंधी-पानी में करीब डेढ़ सौ से दो सौ बिजली के खंभे टूट गये, जिससे प्रति पोल के हिसाब से बिजली विभाग को 3200 रुपये का नुकसान हुआ है, जो कुल राशि छह लाख 40 हजार रुपये के आसपास है. वहीं, इन खंभों से जुड़े बिजली समान प्रति खंभा डेढ़ हजार रुपये के हिसाब से करीब तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
इसके अतिरिक्त इन खंभों की मरम्मती और लगाये जानेवाले बिजली मजदूरों के भुगतान में औसतन 10 फीसदी खर्च के हिसाब से करीब एक लाख रुपये का व्यय हुआ. इस तरह बिजली विभाग को लाखों रुपये का नुकसान सिर्फ बिजली के खंभे और अन्य सामान में हो गया.

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