निर्देश. दो माह बाद भी नहीं हटा नहर से अतिक्रमण
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अवैध कब्जे से सिमट रही नगर, प्रशासन बेखबर
निर्देश. दो माह बाद भी नहीं हटा नहर से अतिक्रमण बक्सर : नगर के बीचोंबीच बहनेवाला सोन कैनाल नहर अतिक्रमण का शिकार हो चुका है. इससे न केवल नहर सिमटता जा रहा है, बल्कि शहर भी सिमटता जा रहा है. साथ ही अवैध निर्माण नगर की स्वच्छता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है. अतिक्रमण […]
बक्सर : नगर के बीचोंबीच बहनेवाला सोन कैनाल नहर अतिक्रमण का शिकार हो चुका है. इससे न केवल नहर सिमटता जा रहा है, बल्कि शहर भी सिमटता जा रहा है. साथ ही अवैध निर्माण नगर की स्वच्छता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है. अतिक्रमण न केवल आम लोगों द्वारा किया गया है, बल्कि खास लोगों ने भी अतिक्रमण कर अपनी व्यावसायिक प्रतिष्ठानें खोल रखी हैं. यह अतिक्रमण मठिया मुहल्ला स्थित मृत नहर के मुहाने से डीएवी स्कूल तक व्यवस्थित रूप ले लिया है. कई लोगों द्वारा धीरे-धीरे स्थायी भवन का निर्माण भी किया जा रहा है. विगत दो माह पहले जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमणमुक्त कराने की जो मुहिम छेड़ी गयी थी, आज वह ठंडा पड़ गया है.
बिना केबाले की है जमीन : घर बनाने के लिए सबसे पहले जमीन की जरूरत पड़ती है, जिसके एवज में ऊंची कीमत चुकानी पड़ती है, पर बक्सर शहर में लोगों द्वारा सोन नहर पर न केवल अपना आशियाना बनाया जा रहा है, बल्कि व्यवसाय के रूप में नहर की इस जमीन का उपयोग किया जा रहा है. सोन नहर की इस जमीन की केबाले की भी जरूरत नहीं है. कई जगह भवन का रूप दे विद्यालय तक खोले जा चुके हैं.
बिजली एवं रोजगार की नहीं है परेशानी : नहर के दोनों तरफ बने सैकड़ों अवैध घर रात होते ही दुधिया रोशनी से जगमगा उठते हैं. इसके लिए विद्युत विभाग में आवेदन देने के बजाय बस दो-चार हाथ तार की आवश्यकता है. ऊपर से गुजरते हुए विद्युत तार में एक टोका फंसा दिया जाता है. अवैध कब्जा वाले इन घरों में 60 फीसदी से अधिक लोगों ने खटाल खोल रखा है. कई लोगों के पास दर्जनों की संख्या में मवेशी उपलब्ध हैं, जिनका दूध बेच कर ये मोटी रकम कमाते हैं. इसके साथ भूसा का व्यवसाय, गैरेज, अवैध पार्किंग, होटल समेत अन्य व्यवसाय खोल लिये गये हैं.
गोबर से गंदगी व अतिक्रमण से सिमटती सड़क : अवैध कब्जा कर लोगों ने दूध से जुड़े व्यवसाय कर लिया है. ये लोग सड़क पर ही मवेशियों के गोबर जमा कर उपले थाप देते हैं, जिससे सड़कें सिमटती जा रही हैं.
अब तक नहीं हुई कार्रवाई : कुछ माह पूर्व प्रभात खबर में अतिक्रमण से संबंधित खबर के प्रकाशन के बाद प्रशासन कुछ हरकत में आयी थी तथा नहर विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने की सूचना माइक से पूरे नगर में दी गयी थी. साथ ही इसके संबंध में एक हैंडविल को पूरे नगर में बांटा गया था. लेकिन, दो माह बीत जाने के बाद भी अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
लगातार बढ़ रहा अतिक्रमण : दो माह पूर्व जिला प्रशासन सोन कैनाल के अधिकारियों द्वारा माइकिंग व हैंडविल बांट कर अतिक्रमण करनेवालों को स्वयं मुक्त करने का निर्देश दिया गया था, जबकि इस आदेश के बाद भी नहर के किनारे अतिक्रमणरहित जमीन भी आज अतिक्रमित हो चुकी है. कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमण करनेवाले लोगों का मनोबल बढ़ा है.
नहर पर बना दिया आलीशान मकान
पर्यटन स्थल बन सकता है बक्सर
सिंडिकेट नहर के दोनों तरफ सरपट सड़क, दोनों किनारों पर लगे पेड़ व बीच में हवा के झोंकों से नहर के पानी में उठ रहे तरंग नैनीताल की याद दिलाती है. यदि जिला प्रशासन द्वारा नहर के इन दोनों किनारों पर सौंदर्यीकरण के तहत बागवानी कर दी जाये, तो नगर के लोगों को सुबह-शाम टहलने का एक खुशनुमा जगह मिल जायेगा. साथ ही यह स्थल अतिक्रमणमुक्त भी हो जायेगा.
शानो-शौकत के साथ बिता रहे जीवन
नहर के पास बने अवैध घरों में उच्चस्तरीय, मध्यम वर्गीय एवं निम्न स्तरीय यानी कि तीनों श्रेणी की जिंदगी देखने को मिलती है. सिंडिकेट के आसपास के कई घर पूरी तरह से पक्के हैं. इन घरों में एयर कूलर, टेलीविजन के साथ आराम से जिंदगी बिताने की हर सुविधा मौजूद है. यहां तक कि इन घरों में समरसेबल तक लगा हुआ है तथा छतों पर पानी की टंकी रखी हुई है. वैसे एक मध्यम वर्गीय परिवारवाले घरों में चापाकल के साथ सभी बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं.
बढ़ रहा है प्रदूषण
नहर के किनारे बने घरों में शौचालय तो है, लेकिन टंकी की जगह पाइप लगा कर उससे निकलनेवाली गंदगी को सीधे नहर में डाल दिया जाता है. साथ ही घर के कूड़े को आराम से ये लोग नहरों में फेंकते रहते हैं, जिससे प्रदूषण फैल रहा है.
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