बक्सर : मदर्स डे की पूर्व संध्या पर आर्या एकेडमी परिसर में आयोजित संगोष्ठी ‘राष्ट्र निर्माण में माताओं के योगदान’ विषय पर हुई चर्चा में विद्यालय के छात्रों के अलावा महिला अभिभावकों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया.सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित भोजपुरी साहित्य मंडल के अध्यक्ष अनिल त्रिवेदी ने कहा कि, सजग, समर्पित एवं ममत्व से परिपूर्ण माता ही ऐसा पुत्र राष्ट्र को समर्पित करती है,
जो शेर के मुंह में अंगुली डाल कर उसका दांत गिन डालता है. साहित्यकार डॉ अरुण मोहन भारवि माताओं के प्रति विचार व्यक्त करते हुए कहे कि देश पर आये संकट में माताओं के बलिदान और प्रेरणा ही देश को सही एवं प्रेरक नेतृत्व प्रदान करते रहे हैं. लव-कुश से लगायत शिवा जी तक इस तथ्य का आधुनिक युग में प्रमाण हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही विद्यालय प्राचार्या नीलम भारवि ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में माताओं का सर्वाधिक योगदान होने के कारण माता को पिता से सर्वोपरि स्थान दिया गया है.
कार्यशाला में अन्य वक्ताओं ने शकुंतला, कुंती, द्रोपदी,अवंता बाई, अहिल्या, लक्ष्मीबाई आदि की चर्चा करते हुए एक देश भक्त, निष्ठावान तथा शिक्षित मां को ही राष्ट्र के निर्माण में होनहार पुत्र देने का श्रेय दिया. अन्य वक्ताओं में सतीश जायसवाल, गणेश प्रसाद, बसंत कुमार, प्रेम प्रकाश, इंदु वर्मा, पूजा वर्मा, अलका पांडेय आदि ने भी कार्यशाला में मां की महत्ता पर कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त किये.