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रामरेखा घाट बना जानलेवा
हादसे को निमंत्रण. गंगा घाट पर उतरने के साथ ही है पांच-छह फुट गहरा पानी बक्सर : गंगा के जल स्तर गिरने एवं वर्षा काल में घाट के पास की मिट्टी कट जाने के कारण राम रेखा घाट गहरा हो गया है, जिससे घाट पर स्नान करनेवाले श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा […]
हादसे को निमंत्रण. गंगा घाट पर उतरने के साथ ही है पांच-छह फुट गहरा पानी
बक्सर : गंगा के जल स्तर गिरने एवं वर्षा काल में घाट के पास की मिट्टी कट जाने के कारण राम रेखा घाट गहरा हो गया है, जिससे घाट पर स्नान करनेवाले श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. पक्के घाट से गंगा में सीधी गहराई होने से पानी में उतरने में काफी कठिनाई होती है.
पक्के घाट से सीधे गंगा में प्रवेश करने के लिए लगभग पांच से छह फुट गहरे पानी में स्नान के लिए उतरना पड़ता है. इससे हमेशा किसी अनहोनी की समस्या बनी रहती है. प्रतिदिन गंगा में स्नान करनेवाले लोग या तो स्नान का अपना घाट बदल लिये हैं या लोटा या जग के सहारे पक्के घाट पर ही स्नान कर लेते हैं.नीचे उतरकर नहानेवाली महिलाएं अक्सर सीढ़ी पर ऊपर चढ़ने पर चोटिल हो जाती हैं.
बाढ़ नियंत्रण विभाग व नगर पर्षद को बालू भरे बोरे डाल कर ऊंचाई बढ़ाने का निर्देश दिया गया था बावजूद अबतक कोई उपाय नहीं किया गया, जिससे लोग परेशान हैं.
महीनों से है समस्या : पक्के घाट से नीचे उतरने के साथ ही पांच से छह फुट गहरे पानी में उतरते हैं. कुछ ही दूरी पर पानी 15 से 20 फुट गहराई में है. जहां स्नान के समय अनहोनी की संभावना बनी रहती है.पानी में उतरकर बुजुर्ग स्नान बढ़ी ही सावधानी से करते हैं. अधिक ऊंचाई रहने के कारण ऊपर सीढ़ी पर चढ़ने में बूढ़ी महिलाओं के पैर छिल जाते हैं और खून से वे लहू-लुहान हो जाती हैं.
प्रतिदिन आते हैं बाहरी श्रद्धालु
रामरेखा घाट बहुत ही प्राचीन ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व वाला घाट है, जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग बाहर से स्नान करने के लिए आते हैं. ये अंजान श्रद्धालु घाट के विपरीत परिस्थिति का शिकार हो जाते हैं तथा उनके साथ अनहोनी होने का भय लगातार बना रहता है.
धार्मिक तिथियों पर होती है काफी भीड़ : रामरेखा घाट भगवान राम से जुड़े होने के कारण भी ज्यादा महत्व रखता है. हर धार्मिक तिथि पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा में स्नान के लिए पहुंची है. जिनको इतने गहरे पानी में उतरने एवं बाहर निकलने में काफी परेशानी होती है.
महिलाओं को होती है ज्यादा परेशानी : पानी में तैरनेवाले पुरुष किसी तरह गहरे पानी में उतर स्नान कर लेते हैं. पर महिला श्रद्धालुओं को गहरे पानी में उतर कर स्नान करने में मुश्किल होती है. गौरतलब है कि रामरेखा घाट पर पुरुषों की अपेक्षा महिला श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान करने के लिए ज्यादा पहुंचती है.
क्या कहते हैं लोग
मां गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष राम वचन पांडेय ने कहा कि रामरेखा घाट स्थित निर्मित नये घाट के गहरा होने से श्रद्धालुओं को स्नान करने में काफी परेशानी होती है. घाट से उतरते ही पांच से छह फुट गहरे पानी में चले जाते हैं.
स्थानीय मल्लाह कहते हैं
स्थानीय मल्लाह व रामरेखा घाट पर हमेशा रहनेवाले ईश्वर चंद्र चौधरी ने कहा कि इस घाट पर ज्यादातर महिलाएं स्नान के लिए आती हैं, जो इतने गहरे पानी में स्नान के लिए नहीं उतर सकती हैं. पानी में उतरने में परेशानी होती है.
असमय आते हैं मंजली लोग
बक्सर के श्मशान घाट पर स्थित शव दाह के लिए न केवल जिले के लोग, बल्कि बाहरी जिले के लोग भी आते हैं. मान्यता के अनुसार मृतक को बक्सर श्मशान घाट पर दाह संस्कार के बाद स्वयं के शुद्धिकरण के लिए शामिल लोग रामरेखा घाट पर स्नान के लिए पहुंचते हैं. इन लोगों के रामरेखा घाट पर पहुंचने की समय सीमा नहीं होती है. ये आधी रात को भी गंगा में स्नान के लिए पहुंचते हैं, जिनके साथ हमेशा अनहोनी बनी रहती है.
क्या कहते हैं पुजारी लाला बाबा
गंगा आरती पुजारी लाला बाबा ने कहा कि घाट के समीप स्थित बालू एवं मिट्टी बरसात में धुल गया है, जिससे सीढ़ी से उतरते ही पांच से छह फुट गहरा पानी मिलता है. पुरुष किसी तरह स्नान करते हैं, पर महिला स्नान नहीं कर सकती हैं. घाट पर हमेशा धार्मिक महत्व के दिन काफी भीड़ लगती है. 14 जून को गंगा दशहरा के अवसर पर काफी भीड़ होती है. कई राज्यों से श्रद्धालु यहां आते हैं, जिसमें किसी अनहोनी की आशंका हमेशा बनी रहती है.
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