डुमरांव़ : गेहूं की फसल में दाना नहीं लगने से किसान बेहाल है़ं सूखे की मार झेल रहे बड़ी संख्या में किसानों ने गेहूं की फसल की बुआई की थी़ किसानों ने निजी पंपसेट से डीजल के सहारे गेहूं का पटवन किया और फसल लहलहायी़ लेकिन प्रकृति की मार ने किसानों को ऐसे झकझोर दिया कि गेहूं की फसल में दाना नहीं आने से उन लोगों के परिवार की रोजी-रोटी की चिंता सताने लगी है़ लगभग 50 से 60 प्रतिशत ही गेहूं में ही दाना लगा है़ इसे बेचने पर लागत मूल्य भी नहीं मिलेगा़
छतनवार गांव के किसान गांधी जी बताते हैं कि प्रकृति ने ऐसा कहर बरपाया कि 20 कट्ठा यानी एक बीघा खेत में मात्र चार क्विंटल ही गेहूं निकल पाया है. जबकि एक बीघा खेत में कम से कम सात क्विंटल गेंगेहूं होना चाहिए़ उन्होंने बताया कि खेतों में लहलायी गेहूं की फसल में जब दाना लगने का समय आया तो उसी समय हवा के साथ जोरदार बारिश हो गयी़, जिससे गेहूं की फसल में लगे फूल झड़ गये और अधिकांश खड़ी फसल गिर गयी़ इससे गेहूं में दाना नहीं लग पाया़ जो दाना लगा है वह पुष्ट नहीं हो पाया है, जो हल्का है़