Advertisement
नौ लिपिकों के भरोसे बक्सर जिले का शिक्षा विभाग
अनदेखी.भोजपुर-बक्सर बंटवारे के समय सृजित पदों के सहारे चल रहा कार्यालय बक्सर जिले का शिक्षा विभाग आज कर्मचारियों की कमी का दंश झेल रहा है़ विभाग में काम करने के लिए जगह का भी अभाव है़ प्लाइ से घेराबंदी कर कमरों का बंटवारा किया गया है़ यहां तक की कई जगहों पर पंखा भी नहीं […]
अनदेखी.भोजपुर-बक्सर बंटवारे के समय सृजित पदों के सहारे चल रहा कार्यालय
बक्सर जिले का शिक्षा विभाग आज कर्मचारियों की कमी का दंश झेल रहा है़ विभाग में काम करने के लिए जगह का भी अभाव है़ प्लाइ से घेराबंदी कर कमरों का बंटवारा किया गया है़ यहां तक की कई जगहों पर पंखा भी नहीं है, जिससे गरमी के दिनों में काम करने में यहां काफी परेशानी होती है.
बक्सर : जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय बक्सर जिले में एक अनोखा कार्यालय है, जिसमें एक साथ कई कार्यालय चलते हैं. यहां अव्यवस्था के बीच कामों का निबटारा होता है और मात्र नौ लिपिक और एक आदेशपाल के सहारे कई कार्यालय चलते हैं. कहने को पूरा शिक्षा विभाग पूरा करीब छह कमरों में सिमटा है. पुराने और जर्जर मकान में किसी तरह से काम होता है.
बड़े हॉल को कई आलमारियों के सहारे बांट कर अलग-अलग कमरे बना दिये गये हैं. कहीं सिलिंग फैन है, तो कहीं रैक में बंधा दीवार का पंखा. यह एहसास करा देता है कि यह कार्यालय कितना बदहाल है. वर्ष 1994 में जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय जब बक्सर में बना, तो कैंप कार्यालय के रूप में निबंधन कार्यालय के समीप पुराने हॉल और कमरों से कार्यालय की शुरुआत हुई. उस समय अधिकारी का पद सृजित हुआ, लेकिन कर्मचारी का पद सृजित नहीं हुआ. मतलब शुरुआत से ही बदहाल. बाद में विभागों का विखंडन हुआ.
अवर प्रमंडल शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जन शिक्षा पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी का एकीकृत कार्यालय इसी भवन में खुल गया.
नौ लिपिक व एक आदेशपाल के सहारे विभाग : वर्तमान में नौ लिपिक और एक आदेशपाल काम कर रहे हैं. जबकि इसी कार्यालय में शिक्षा विभाग के छह महत्वपूर्ण कार्यक्रम पदाधिकारियों का भी कार्यालय है. जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना ), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (सर्वशिक्षा अभियान ), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन योजना ), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (लेखा योजना ), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा) इस तरह छह कार्यक्रम पदाधिकारियों का कार्यालय भी यहीं स्थित है.
विभाग में कुल 11 लिपिकों की है आवश्यकता : फिलहाल अवर शिक्षा प्रमंडल पदाधिकारी के यहां लिपिक के चार, आसु लिपिक के एक, आदेशपाल के तीन पद स्वीकृत हैं. वहीं, जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय के लिए लिपिक के पांच पद और आदेशपाल शून्य पद स्वीकृत हैं. जिला जन शिक्षा पदाधिकारी के लिए लिपिक के दो, आसु लिपिक के एक और आदेशपाल के एक पद स्वीकृत हैं.
कुल 11 लिपिक, दो आसु लिपिक और चार आदेशपाल के पद स्वीकृत हैं, जिसमें मात्र नौ लिपिक कार्यरत हैं और एक आदेशपाल पूरे कार्यालय को संभालता है.वर्षों से काम इसी तरह हो रहा है. जबकि शिक्षकों की संख्या पर गौर करें, तो हाइस्कूलों में 32 शिक्षकों पर एक लिपिक चाहिए और मिडिल और प्राइमरी में 100 शिक्षकों पर एक लिपिक चाहिए. हाइस्कूलों और मिडिल और प्राइमरी स्कूलों की संख्या के हिसाब से कुल 70 लिपिक जिले को चाहिए. जबकि मात्र नौ लिपिक से काम चल रहा है.
अधिकारी अपनी सेवा खूद करते हैं
यह हाल न सिर्फ बक्सर जिला शिक्षा कार्यालय का है, बल्कि प्रखंडों में भी शिक्षा कार्यालयों का ऐसा ही हाल है. प्रखंडों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों की भी कमी है. प्रखंडों में भी बिना आदेशपाल और लिपिक के काम चल रहा है.
सिर्फ चार प्रखंडों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के पास आदेशपाल हैं और शेष प्रखंडों में आदेशपाल तक नहीं हैं. शिक्षा पदाधिकारियों को अपनी सेवा खुद करने को विवश होना पड़ता है. हालात ऐसे हैं कि एक-एक कर्मी के जिम्मे कई विभागों का काम है और अधिकारियों को बैठने तक की जगह नहीं है.आलमारी से बांट कर कमरे का पाटीशन किया गया है, तो बरामदे को लकड़ी की पलाइवुड से घेर कर कमरा बना दिया गया है.
क्या कहते हैं शिक्षा पदाधिकारी
शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना विनायक पांडेय कहते हैं कि बार-बार आरडीडी को पत्र भेजा गया है, मगर राज्य सरकार से कोई सुनवाई नहीं होती.भोजपुर और बक्सर के बंटवारे के समय जो पद सृजित हुए थे अभी भी स्थिति वही है.
जबकि काम का बोझ कई गुना बढ़ चुका है.हाल ही में प्रधान सचिव को भी शिक्षा विभाग में कर्मियों की कमी से अवगत कराया गया है और पद सृजन की मांग की गयी है. इससे कामकाज बुरी तरह प्रभावित होता है. क्योंकि लिपिक के बिना अधिकारी को भी काम करने में परेशानी होती है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement